जबलपुर

जबलपुर में 108 एंबुलेंस चालक ने मरीज के परिजनों से लिए 1400 रुपए, थमाई कच्ची रसीद: विधायक बोले- शिवराज जी ये क्या है?

जबलपुर डेस्क :

मध्यप्रदेश के जबलपुर में अगर आप 108 एंबुलेंस का उपयोग करते हैं, तो यह भी जान लीजिए कि आपको इसके लिए अब रुपए का भुगतान करना होगा। रुपए देने के बाद एंबुलेंस चालक बाकायदा आपको पर्ची भी देगा। अब यह रसीद फर्जी है या सही? यह आपको देखना होगा।

जबलपुर के मंगेली गांव से 108 एंबुलेंस से लाए गए मरीज के परिजन से 1400 रुपए लेने का मामला सामने आया है। जबकि, शासन की तरफ से 108 की सुविधा पूरी तरह से फ्री है। मरीज से रुपए मांगने की शिकायत विधायक संजय यादव तक पहुंची तो उन्होंने सरकार की योजना और उनके कर्मचारियों पर सवाल खड़े कर दिए।

बरगी विधानसभा के मंगेली गांव में रहने वाली इंदु यादव की कुछ दिन पहले तबीयत बिगड़ी। डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने हार्ट का ऑपरेशन करने की सलाह दी। इसके बाद इंदू यादव के परिवार वालों ने आयुष्मान योजना के तहत मार्बल सिटी अस्पताल में उनका ऑपरेशन करवाया। ऑपरेशन होने के बाद इंदु को कुछ दिनों तक अस्पताल में रखा गया और फिर उन्हें छुट्टी दे दी गई।

घर पर करीब 1 हफ्ते तक इंदू ठीक रहीं, इसके बाद उन्हें फिर सीने में दर्द हुआ। दोबारा इलाज के लिए मार्बल सिटी लाया गया। इंदु के परिवार वालों का कहना है कि दोबारा इलाज करवाने जब हम लोग आए तो आयुष्मान कार्ड का उपयोग नहीं हुआ। लिहाजा इलाज के लिए हमें रुपए देने पड़े। दूसरी मर्तबा भी इलाज के लिए 3 से 4 दिन तक भर्ती रहना पड़ा और उन्हें फिर घर ले जाया गया।

रविवार की शाम को इंदु की फिर से जब तबीयत बिगड़ी तो उनकी बेटी ने पहले तो गांव के आसपास गाड़ी की व्यवस्था की, पर जब गाड़ी नहीं मिली तो उन्होंने 108 को कॉल किया।

करीब आधे घंटे बाद 108 मंगेली गांव पहुंचती है। चूंकि इंदु का इलाज मार्बल सिटी अस्पताल में चला था, लिहाजा परिवार वाले उन्हें 108 से जब निजी अस्पताल ले जाने की बात कहते हैं, तो 108 के ड्राइवर का कहना था कि अगर निजी अस्पताल ले जाया जाएगा तो उसके पैसे लगेंगे। परिजनों ने जब चालक से बताया कि 108 तो निशुल्क है। तब चालक का कहना था कि यह आदेश ऊपर से ही आया है। परेशान परिजन ने मरीज को 108 में बैठाया और उसे लेकर मार्बल सिटी अस्पताल ले आए। 108 चालक ने उनसे 1442 रुपए की डिमांड कर दी। परिवार वालों ने जब पैसे को लेकर आपत्ति जताई तो 108 के चालक ने 1442 रुपए की एक कच्ची रसीद बनाकर उन्हें थमा दी और पैसे लेकर 108 चालक वहां से रवाना हो गया।

मरीज के परिजनों से 108 चालक के द्वारा पैसे लिए गए हैं। यह जानकारी जब बरगी विधानसभा विधायक संजय यादव को लगी तो वह भी निजी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मरीज के परिजनों से पूरी हकीकत जानी। विधायक संजय यादव ने कहा कि बहुत ही दुख की बात है कि राज्य और केंद्र सरकार जिस योजना को फ्री में संचालित करने की बात कहती है, उस योजना के तहत गरीब लोगों से पैसा वसूला जा रहा है। विधायक ने कहा कि आयुष्मान योजना और 108 के भ्रष्टाचार में शिवराज की पूरी सरकार डूबी हुई है और इसमें कहीं ना कहीं 50% तक कमीशन शिवराज सरकार का बंधा हुआ है। विधायक का आरोप है कि चाहे आयुष्मान योजना हो या फिर 108 एंबुलेंस सभी में कमीशन की कहानी बनी हुई है।

आयुष्मान योजना पर कांग्रेस विधायक संजय यादव ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि शासन भले ही इस योजना का चला रही है, लेकिन जब निजी अस्पतालों को आयुष्मान योजना के द्वारा इलाज का पैसा नहीं दिया जाता है तो वह भी योजना के तहत इलाज करने से कतराने लगते हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण इंदु यादव है। विधायक संजय यादव ने शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि आप जिस योजना का बखान कर रहे हैं कि फ्री में इलाज होगा उसे अब बताना बंद कर दे, अब आप जनता से यह कहे कि चाहे आयुष्मान योजना हो या फिर 108 एंबुलेंस सुविधा पैसा लगेगा।

108 के चालक द्वारा मरीज के परिजनों से 1442 रुपए लिए जाने को लेकर सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि शासन के नियम अनुसार अब सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही 108 की सुविधा निशुल्क की गई है, अगर कोई मरीज प्राइवेट अस्पताल में 108 को ले जाते हैं तो उन्हें प्रति किलोमीटर 18 रुपए देना होगा, इसके अलावा अब अगर किसी कार्यक्रम में भी 108 लगवाई जाती है तो उसके लिए भी प्रति घंटे के हिसाब से चार्ज देना होगा। वही डॉ. संजय मिश्रा ने कहा कि मंगेली से आए परिजनों के आरोपों की जांच करवाई जा रही है।

108 उपयोग के यह है नियम

निःशुल्क सेवा

– घर से सरकारी अस्पताल के परिवहन हेतु

– घर से आयुष्मान अनुबंधित निजी अस्पताल ले जाने हेतु

– गर्भवती महिला एवं 5 साल के बच्चे को निजी चिकित्सा महाविद्यालय एवं आयुष्मान संबंधित अस्पताल ले जाने हेतु

– गर्भवती महिला (डिलीवरी से पहले और डिलीवरी के बाद) एवं 5 साल तक के बच्चे के लिए अस्पताल से घर के परिवहन हेतु

सशुल्क सेवाएं

– किसी भी एक निजी अस्पताल से दूसरी निजी अस्पताल परिवहन हेतु

– किसी भी सरकारी अस्पताल से निजी अस्पताल ले जाने हेतु शुल्क देना होगा

– मरीज के घर से निजी अस्पताल ले जाने हेतु

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