भोपाल

कम समय में ही 274 सीएम राइज स्कूल बने आकर्षण का केंद्र, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लिखेंगे सीएम राइज स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थियों के पालकों को पत्र, मुख्यमंत्री ने की स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा

विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उनका सर्वांगीण विकास हमारा मुख्य लक्ष्य
प्रदेश में 7 हजार 429 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी

भोपाल डेस्क :

मध्यप्रदेश के सीएम स्कूल कम समय में प्रदेश में 274 सीएम राइज स्कूलों का संचालन और इनमें 2 लाख 40 हजार 818 विद्यार्थियों का नामांकन राज्य शासन की गौरवमयी उपलब्धि है। सीएम राइज स्कूल का वातावरण पालक और विद्यार्थियों को आकर्षित कर रहा है। इस आकर्षण को बनाए रखना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सर्वांगीण विकास तथा विद्यार्थियों को भविष्य के लिये तैयार करना बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को राज्य शासन, शिक्षक और पालक टीम भावना से लेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम राइज स्कूल के शिक्षकों और विद्यार्थियों के पालकों को प्रेरित करने के लिए वे स्वयं उन्हें पत्र लिखेंगे। मुख्यमंत्री मंत्रालय में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा कर रहे थे। स्कूल शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश के विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता और अवधारणाओं की समझ को बढ़ाना है। शालाओं में अधिक से अधिक नामांकन, विद्यार्थियों की नियमित और सतत उपस्थिति तथा गुणवत्ता में निरंतर सुधार का लक्ष्य तय कर स्कूल शिक्षा विभाग की गतिविधियों का संचालन किया जाए।

सीएम राइज स्कूलों के संचालन के लिए प्राचार्य और उप प्राचार्यों के प्रशिक्षण के साथ चयनित शिक्षकों और स्कूल लीडर्स का प्रभावी प्रशिक्षण किया गया है। सीएम राइज स्कूल के सौंदर्यीकरण और कक्षाओं को रूचि कर बनाने के लिए प्ले थीम आधारित पेंटिंग्स की गई हैं। स्कूलों में विजन, मिशन और वैल्यू बोर्ड लगाए गए हैं। शालाओं के प्रति आकर्षण बढ़ाने प्रवेश उत्सव मनाए गए। सीएम राइज स्कूल में डिजिटल कक्षा, सुसज्जित पुस्तकालय, समृद्ध प्रयोगशालाएँ और उच्च स्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। स्कूल की अकादमिक संस्कृति को बदलने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ भी चलाई गई।

बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमेप, केन्द्र शासन की प्राथमिकताओं की पूर्ति के लिए जारी गतिविधियों की जानकारी दी गई। आँगनवाड़ियों के लिए विकसित शैक्षणिक सामग्री, टीचिंग-लर्निंग मटेरियल प्रस्तुत किया गया। बताया गया कि 80 हजार प्राथमिक और अतिथि शिक्षकों का 5 दिवसीय प्रशिक्षण कराया गया है। शिक्षक प्रशिक्षक नीति और क्षमता संवर्धन के लिए निरंतर गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं। प्रदेश में 7 हजार 429 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है। पाँचवीं और आठवीं के परीक्षा परिणामों के विश्लेषण के आधार पर अकादमिक उन्नयन योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

जानकारी दी गई कि भोपाल और इंदौर में जेईई, नीट तथा सीए के लिए सुपर 100 योजना संचालित है। इसमें जेईई मेंस में 75, जेईई एडवांस में 21 और नीट में 75 विद्यार्थियों ने पात्रता अर्जित की। देश की अग्रणी संस्था आईसीएस लखनऊ के साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित नि:शुल्क कॅरियर कॉउंसिलिंग एण्ड गाइडेंस का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसमें विद्यार्थी की रूचि, दृष्टिकोण, दक्षता और बाजार की मांग के अनुसार कॅरियर और विषय का सटीक चुनाव करने के लिए विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाता है।

बताया गया कि प्रदेश के शासकीय विद्यालयों के 52 विद्यार्थियों को वैल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी द्वारा “ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए सहयोग योजना” स्टार्स के अंतर्गत प्रवेश दिया गया है। मुम्बई में आयोजित प्रतिष्ठित वर्ड पावर चेम्पियनशिप में शासकीय स्कूलों के 17 विद्यार्थियों ने भाग लिया और एचसीएल कम्पनी के टेकबी कार्यक्रम में 688 विद्यार्थियों का चयन हुआ। यह सभी चयनित विद्या‍र्थी प्रशिक्षण के बाद एचसीएल कम्पनी के कर्मचारी बनेंगे।

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