भोपाल

9 थीम पर होगा पंचायतों का विकास, ग्राम पंचायतों को 15वें वित्त आयोग की 1472 करोड़ की राशि जारीसरपंचों का मानदेय बढ़ा कर रूपये 4250 किया जायेगा

भोपाल डेस्क :

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को भोपाल में ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों की क्लास ली। यहां के जम्बूरी मैदान पर सरपंचों का सम्मेलन और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहां सीएम ने सरपंचों से कहा कि आप मेरी आंख और कान बन जाओ। कोई गड़बड़ करे तो मुझे फोन करके बताओ। 

सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने सरपंचों को 9 थीम पर पंचायतों का विकास करने का मंत्र दिया। साथ ही सरपंचों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा भी की। अब सरपंचों को 1750 रुपए के बजाए 4250 रुपए का मानदेय मिलेगा।

इस सम्मेलन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों के साथ ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सरपंचों को रुलर डेवलपमेंट यानी पंचायत के विकास की प्लानिंग को लेकर प्रशिक्षण दिया। बतौर मास्टर ट्रेनर सीएम ने सरपंचों को गांवों के विकास के लिए चल रही केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं की प्लानिंग, क्रियान्वयन और उनके अधिकारों के बारे में समझाया।

सीएम बोले- आज बहनें कम दिख रहीं
सीएम ने सरपंचों के सम्मेलन की शुरुआत में महिलाओं की कम संख्या को देखकर कहा- आज बहनें कम दिख रहीं हैं, ऐसा तो नहीं सरपंच पति आ गए हों। मैंने सोचा कि आपके साथ भोपाल में एक बार अपनी चर्चा हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं है कि हम बाद में नहीं मिलेंगे। जरूरत पड़ेगी, तो हम बार-बार चर्चा करेंगे। मैं और आप एक बराबर हैं। आप ग्राम पंचायत के सरपंच हैं, मैं बड़ी पंचायत का सरपंच हूं। लोकतंत्र में जिसकी जितनी बड़ी पंचायत, वो उतनी बड़ी जिम्मेदारी संभालता है।

गांव के काम अफसरों की मर्जी से नहीं चलेंगे
सीएम ने कहा लोकतंत्र में चुनी हुई व्यवस्था सबसे ऊपर होती है। उन्होंने एसीएस सहित सभी अधिकारियों से साफ कहा कि काम होगा तो जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों की मर्जी के अनुसार होगा। पांच साल का सरपंचों का कार्यकाल यशस्वी हो। वे जनता के सपने पूरे कर पाएं इसलिए पंचायती राज में जो अधिकार आपके हाथ में दिए गए हैं, उन्हें किसी और के हाथ में नहीं जाने दिया जाएगा। चुने हुए प्रतिनिधियों और उनके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों को निर्देश दे रहा हूं तालमेल बनाकर काम करें। 

चुनाव जीतने के बाद सबको अपना मानें
सीएम ने कहा आप चुने हुए सरपंच हैं। मैं समरस पंचायतों को बधाई देता हूं। हो सकता है किसी ने आपको वोट नहीं दिया हो, लेकिन चुने जाने के बाद आपके मन में ये भाव नहीं रहना चाहिए कि इसने वोट नहीं दिया। इसे देख लेंगे। बड़ी दृष्टि रखें। जिन्होंने वोट नहीं दिया उनका भी दिल जीत लो। मन में कटुता का भाव न रखें। कोई मच्छरों की समस्या लेकर आए, तो ये मत कह देना कि मच्छर मारना मेरा काम नहीं। जनता हर काम के लिए आएगी। कई बार हमें गुस्सा आने लगता है कि वोट दिए तो खरीद लिया क्या। हमें नाराज होने, चिढ़चिढ़ाने का अधिकार नहीं हैं। लोगों से मिलने का समय तय करें।

सरपंचों से सीएम की अपील
सीएम ने कहा पंचायती राज के जो नियम, प्रक्रिया और अधिकार हैं उन्हें आप लोग ढंग से पढ़ लेना। मैं एसीएस को निर्देश दे रहा हूं कि हर पंचायत में अधिकारों की गाइडलाइन बनाकर भेजें। नहीं तो ऐसा होता है कि सरपंच कोई और है और पंचायत कोई और चला रहा है। बिना पढ़े कोई भी प्रस्ताव पर दस्तखत मत करना। इक्का-दुक्का कोई भाई-बहन पढ़ा न हो तो उसे समझ लें।

बाद में जब जांच होती है, तो सरपंच साहब कहते हैं कि हमसे दस्तखत करा लिए। ब्लॉक स्तर पर अधिकार, कर्तव्यों और नियमों की ट्रेनिंग दी जाए। पात्र हितग्राहियों को उनके अधिकार देना है। जब हम समीक्षा करते हैं तो सब अच्छा-अच्छा ही बताया जाता है। सच बात आपको पता होती है। मैं औचक निरीक्षण कर रहा हूं। 

आप मेरी आंख और कान बन जाओ।
कई बार योजनाओं में निचले स्तर पर गड़बड़ हो जाती है। हमें सही जानकारी मिले इसके लिए हम दोनों एक हो जाएं। हमारे और आपके बीच में एक फोन कॉल की दूरी बचे। अभी मुख्यमंत्री कार्यालय के नंबर लिखकर दे रहा हूं, अगर कहीं कोई गड़बड़ होगी, तो उसे ठीक करने में कसर नहीं छोड़ी जाएगी। ग्राम सभा की बैठक नियमित अंतराल में होती रहना चाहिए। ग्राम सभा कागजी न हो।

सीएम कार्यालय का नंबर 0755-2442231

सरपंचों की मांगों पर सीएम ने मंच से किया ऐलान

  • समस्त निर्माण कार्यों की SOR के रेट कम है। अलग-अलग विभागों के SOR के रेटों में अंतर है। सीएम ने कहा SOR में बदलाव कर प्रचलित दरों के हिसाब से नया SOR बनाया जाएगा। आज ही SOR की दरें तत्काल बदल दी जाएंगी। विभागों के रेट अलग-अलग नहीं होना चाहिए।
  • रोजगार सहायकों के एक पंचायत से दूसरी ग्राम पंचायत में ट्रांसफर की व्यवस्था बनाई जाएगी।
  • मनरेगा में कपिल धारा के कुंए खोदने की फिर से अनुमति को लेकर सीएम ने कहा- जहां जरूरी है वहां खोदने की अनुमति दी जाएगी। बढ़ी हुई दरों के हिसाब से रेट तय किए जाएंगे।
  • सुदूर संपर्क सड़क योजना में आप खेतों की सड़क को प्राथमिकता देना। गांव की सड़कें हम अलग से बनाएं। सुदूर संपर्क सड़क योजना फिर से शुरू कर रहे हैं। इसमें खेतों की सड़कों को प्राथमिकता दें।
  • 15वें वित्त की राशि बढ़ाने के संबंध में भारत सरकार से बात करेंगे। राज्य की राशि को योजनाओं की प्लानिंग के हिसाब से देने का काम करेंगे।
  • राजस्व विभाग के अंतर्गत नामांतरण बंटवारे के अधिकार ग्राम पंचायत को दिए जाएं। इसके लिए भी व्यवस्था बनाएंगे।
  • सीएम हेल्पलाइन में फर्जी शिकायतकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई हो। सीएम ने कहा अब ऐसे गिरोह तैयार हो गए जो झूठी शिकायतें करते हैं। ऐसे झूठे शिकायत करने वालों पर भी कार्रवाई होगी।
  • पोर्टल की खामियों के कारण काम अटकते हैं। इसको लेकर केन्द्र सरकार से चर्चा कर समाधान कराएंगे।
  • बीपीएल लिस्ट में नाम जोड़ने पर कहा – बीपीएल में कुल जनसंख्या के 86% नाम जुड चुके हैं। आपको अधिकार दे रहे हैं कि आप पात्र का छूटे नाम की प्रक्रिया करके भेजों उसे जोड़ा जाएगा। कोई गलत नाम जुडा है तो उसे काटना चाहिए।
  • सरपंचों का मानदेय 1750 रुपए है। इसे बढ़ाकर 4250 रुपए कर रहा हूं। ताकि चाय-पानी का खर्चा निकल जाए।
  • मैं सरकार आप सबके साथ मिलकर चलाना चाहता हूं ताकि नीचे तक सारी चीजें ठीक से चलें। साथ चलेंगे गांव की तस्वीर जनता की तकदीर बदलेंगे। अपने गांव को नशा मुक्त बनाने का प्रयास करें। 
  • SDG के मुताबिक बन रहा पंचायतों के विकास का प्लान
  • अफसरों ने बताया कि साल 2030 तक विकास लक्ष्य यानी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (SDG) को हासिल करने के लिए पंचायतों के विकास को प्रमुखता दी गई है। एसडीजी के लक्ष्यों को पाने के लिए विशेषज्ञों की समिति ने ग्राम पंचायतों के विकास के लिए 9 थीम तय की है। इन्हीं नौ घटकों के अनुसार पंचायतों के ओवरऑल डेवलपमेंट का प्लान तैयार किया जा रहा है।
  • इन 9 थीम पर पंचायतों का विकास
  • थीम 1: गरीबी मुक्त और आजीविका उन्नत गांव, पंचायत
  • थीम 2: स्वस्थ गांव, पंचायत
  • थीम 3: बाल हितैषी,बच्चों के अनुकूल गांव, पंचायत
  • थीम 4: पर्याप्त जल युक्त गांव/पंचायत
  • थीम 5: स्वच्छ और हरित गांव, पंचायत
  • थीम 6: आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाला
  • थीम 7: सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, पंचायत
  • थीम 8: सुशासन वाला गांव, पंचायत
  • थीम 9: महिला हितैषी गांव, पंचायत
  • सीएम ने सरपंचों से किया आह्वान
  • अपने गांव को समरस गांव बनाएं। चुनाव के बाद सब मिलकर कैसे एक हो सकते हैं। हमारे गांव में छोटे-मोटे झगड़े पुलिस में न जाएं बैठकर समाधान करें। एक बार एफआईआर हुई तो पुलिस गांव में पहुंच जाती है। झगड़ों में पैसा बर्बाद होता है। ग्राम स्वराज का एक नया कॉनसेप्ट तैयार करुंगा।
  • पश्चिमी भारत में शहरी स्वच्छता में मप्र देश में पहले नंबर पर है। मेरी ग्राम पंचायत स्वच्छ पंचायत हो ये काम सरपंच और उनकी टीम कर सकती है। कचरा, पानी का प्रबंधन, शौचालय का उपयोग करके स्वच्छ गांव बनाएं।
  • मैं रोज एक पौधा लगाता हूं। ग्राम पंचायत में किसी एक जगह को तय करके उसकी फेंसिंग कराकर जन्मदिन, पुण्यतिथि पर पौधे लगाएं। गांव हरा-भरा हो जाएगा।
  • गरीबी मुक्त गांव कैसे बने इसके बारे में सोचें। रोटी-कपड़ा-मकान, पढ़ाई और रोजगार की व्यवस्था कर ली तो गांव गरीबी से मुक्त हो जाएगा। रोटी के लिए राशन वितरण की योजनाएं चल रहीं हैं। अगर राशन वितरण में किसी ने गड़बडी की तो सीधे जेल जाएगा।
  • मकान- पीएम आवास योजना में लगातार मकान बन रहे हैं। 38 लाख् आवास बन चुके हैं। 8 लाख का काम चल रहा है। केन्द्र सरकार के साथ मिलकर पोर्टल की दिक्कत का समाधान कर रहे हैं। मकान का पैसा उसके निर्माण में ही लगे। कुछ जगहों से ये शिकायतें आई हैं कि सूची में नाम आते ही पैसा लेने की शिकायतें मिली उनकी हमने सेवा समाप्त कर दी।
  • अपने गांव का हर बच्चा पढ़ने स्कूल जाए ये काम आप कर सकते हैं। निःशुल्क यूनिफार्म, भोजन की व्यवस्था सरकार कर रही है। आप लोग बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करें।
  • मैं आपसे आग्रह कर रहा हूं कि जो बच्चे पढ़ने में तेज हैं वे किसी जाति के हों उन्हें मेडिकल, लॉ, इंजीनियरिंग की फीस सरकार भराएगी। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने सीएम राइज स्कूल बन रहे हैं।
  • इलाज- गरीब के लिए आयुष्मान भारत योजना है। 83 लाख लोगों के अलग-अलग योजनाओं के हितग्राहियों के नाम जोडे गए हैं। आयुष्मान योजना के कार्डधारियों का इलाज होगा। किसी गंभीर बीमारी में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से मदद करेंगे।
  • लाडली फ्रेंडली गांव- हम बेटियों माताओं का सम्मान करें। पुराना जमाना बदल गया है पहले बेटी का जन्म होता था तो चेहरे मुरझा जाते थे। लेकिन लाडली लक्ष्मी ने ये धारणा बदल दी। मेरा अनुरोध है बेटी के जन्मदिन पर अभूतपूर्व स्वागत किया जाए। 
  • शहरों की तरह गांव का मास्टर प्लान बनाएं
  • अब गांवों के काम कोई अधिकारी तय नहीं करेगा। अब ग्राम सभा कामों की योजना बनाएगी।
  • ग्राम पंचायत के विकास को लेकर हर साल का मास्टर प्लान बनाएं।
  • अब गांव की योजनाएं भोपाल से नहीं बनेंगी, बल्कि गांव की चौपाल से बनेंगी।

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