ब्रेकिंग न्यूज़- 3 करोड़ का बीमा पाने के लिए दोस्त की हत्या: न्यायालय ने सुनाई सजा
पूरा जीवन जेल में बिताएंगे
न्यूज़ डेस्क :
तीन साल पहले की गई हत्या के मामले में न्यायालय ने आरोपी पिता-पुत्र को आजीवन करावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पिता-पुत्र ने 3 करोड़ रुपए का बीमा क्लेम पाने के लिए अपने मित्र की हत्या कर उसके शव को जला दिया था। इस मामले को न्यायालय ने सनसनीखेज मामलों में चिंहित किया था।
जिला अभियोजन अधिकारी एवं पैरवीकर्मा जैनेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि घटना 19 मार्च 2020 की है। निवाड़ी जिले के ओरछा थाना क्षेत्र के ग्राम वनगांय के पास एक अधजली लाश मिली थी। मृतक की शिनाख्त उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के बबीना के जल निगम तिराहा निवासी पवन राजपूत के रूप में की गई थी। पवन राजपूत के पिता सीताराम राजपूत ने उसकी शिनाख्त करने के बाद ओरछा थाने में उसकी हत्या का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी थी।
कर्मचारी की हत्या कर जलाया शव
घटना की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मृतक का दोस्त नीरज परिहार भी मौके पर था। पवन के पिता सीताराम ने बताया कि उसका पुत्र एक बाइक एजेंसी चलाता है। नीरज उसके के लिए आरटीओ ऑफिस का काम देखता था। ऐसे में सीताराम ने नीरज पर ही अपने पुत्र की हत्या करने का आरोप लगाया। इस पर पुलिस ने आरोपी नीरज निवासी ओरछा की तलाश की तो परिजनों ने बताया कि वह भी कई दिनों से गायब हैं। ऐसे में जानकारी हुई कि उनकी एक नंबर पर लगातार राजस्थान के कोटा शहर में बात चल रही है।
दोस्त को शराब पिलाकर घोंटा गला
पुलिस को जानकारी हुई कि पवन राजपूत अभी जिंदा है, तो पुलिस का दिमाग घूम गया। ऐसे में पुलिस ने पता कर पवन राजपूत को बुंदेला बाबा मंदिर चकरपुर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद पवन ने पूरी घटना का खुलासा कर दिया। पवन ने बताया कि उसने अलग-अलग बीमा कंपनियों ने एक करोड़ 20 लाख और 1.50 करोड़ का बीमा कराया था। इस बीमा का क्लेम पाने के लिए उसने यह साजिश रची थी। इस साजिश में उसके पिता सीताराम भी शामिल थे।
पहचान छिनाने के लिए जलाया चेहरा, घड़ी पहनाई
योजना के तहत घटना के दिन पवन अपने दोस्त नीरज परिहार के साथ झांसी गया। उसके बाद बबीना आया। यहां पर कार में उसे शराब पिलाई और गला दबा कर उसकी हत्या कर दी। उसकी पहचान छिपाने व उसे अपनी पहचान देने के लिए उसके पास अपने कपड़े व जूते रख दिए। जलाने से पहले पवन ने अपनी घड़ी नीरज के बाएं हाथ में पहना दी थी। इसके बाद मृतक की शिनाख्त नीरज परिहार के रूप में हो सके। पुलिस ने उसके माता-पिता का डीएनए सैंपल लिया और उसे मैच कराया। इसके बाद पूरा मामला न्यायालय में पेश किया। यहां पर न्यायाधीश गीता सोलंकी ने आरोपी पवन राजपूत एवं सीताराम राजपूत को आजीवन कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है।