विदिशा

गंजबासौदा में सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण: दूसरे दिन बनी 10 लाख रुद्री

महामंडलेश्वर बोले- शंकर, स्वयंभू, अनादि और अनंत हैं

विदिशा डेस्क :

पूरे ब्रह्मांड में शिव की शक्ति समाहित है, इसलिए शंकर को अनादि काल से पूजा जा रहा है। वह स्वयंभू हैं, अनादि और अनंत हैं। शास्त्रों में इसका उल्लेख है।

यह बात शिव महिमा को बताते हुए गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की कार्य परिषद के अध्यक्ष महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद गिरी ने कही। वे मानस भवन में चल रहे सवा करोड़ शिवलिंग और 12 ज्योतिर्लिंग निर्माण कार्यक्रम में बोल रहे थे।

शंकर-पार्वती संवाद को बताते हुए महामंडलेश्वर ने कहा कि शंकर को महादेव नाम अति प्रिय है जिस तरह एक गाय का बछड़ा लाखों गायों में से भी अपनी मां के पास आ जाता है उसी तरह जब कोई भक्त महादेव कहकर शंकर को पुकारता है तो महादेव उसके लिए दौड़े चले आते हैं। समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव द्वारा किए गए विषपान को लेकर उन्होंने बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव ने विष का पान किया था और अमृत देवताओं में बांट दिया था।

विष पीकर सबके कल्याण की सोचते हैं शिव

उन्होंने कहा कि भगवान शिव को जलधारा बहुत ही प्रिय है क्योंकि उन्होंने विष का पान किया था। भगवान महाकाल कालों के भी काल हैं जो खुद विष पीकर सबके कल्याण की सोचते हैं। इस बार दो सावन के महीने होने से इसको अधिक मास पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। पुरुषोत्तम मास में हरि और हर को पूजने से मनचाहा फल मिलता है। रविवार को पूरा पंडाल भक्तों से भर गया। बारिश के बीच भक्त उत्साह के साथ शिव भक्ति में मगन नजर आए‌। मूड़री धाम के महंत परशुराम दास महाराज ने बताया कि रविवार को 10 लाख रुद्री का निर्माण किया गया है। सोमवार से यह संख्या 15 से 20 लाख पर पहुंच जाएगी।

10 लाख रुद्री का निर्माण किया

शनिवार से प्रारंभ हुए शिवलिंग निर्माण के दूसरे दिन रविवार को 10 लाख रुद्री का निर्माण शिव भक्तों द्वारा किया गया। वहीं 12 ज्योतिर्लिंग का निर्माण भी सुंदरता के साथ मनमोहक झांकी के बीच हुआ। बनारस से आए वेद पाठी ब्राह्मणों ने रुद्री का पाठ कराते हुए अभिषेक कराया। अभी तक 15 लाख से अधिक रुद्री का निर्माण शिव भक्तों द्वारा किया जा चुका है। 30 जुलाई तक इस आयोजन में सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग से अधिक का निर्माण किया जाएगा।

रविवार को सवा करोड़ शिवलिंग के प्रधान यजमान संतोष शर्मा एवं नवरंग राजपूत ने सह परिवार शिव महापुराण और ज्योतिर्लिंग का पूजन किया। अन्य यजमान बाबूलाल शर्मा, रामकृष्ण रघुवंशी, घनश्याम शर्मा, जितेंद्र आसोपा, शुभम राजपूत, दिनेश आसोपा, गोपी आसोपा एवं सुरेंद्र रघुवंशी बड़वासा ने भी 12 ज्योतिर्लिंग का पूजन किया।

 

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