मध्यप्रदेश

दीपावली 31 अक्टूबर को मनाएं या 1 नवंबर को: इंदौर में पंडितों की बैठक आज, काशी में इसी हफ्ते होगी, समाधान जल्द

इंदौर डेस्क :

अब से ठीक एक महीने बाद पांच दिनी दीप पर्व शुरू हो जाएगा। हालांकि इस बार अमावस्या तिथि दो दिन होने से गफलत की स्थिति बन रही है। दो दिन तिथि होने से पंडितों और विद्वानों के भी अलग-अलग मत हैं कि दीपावली 31 अक्टूबर को मनाएं या 1 नवंबर को? ‘भास्कर’ ने देश के प्रमुख विद्वानों और पंडितों से बात की तो उन्होंने कहा कि तिथि पर मतभेद दूर करने और एकराय होने के लिए सोमवार को इंदौर में बैठक करेंगे। इसी तरह काशी में भी विद्वान इसी हफ्ते बैठक करने वाले हैं। चूंकि त्रयोदशी 29 अक्टूबर को है। यदि दीपावली 1 नवंबर को मनाई जाती है, तो इस बार दीप पर्व छह दिन का होगा।

1 नवंबर को दीपावली तो दीपोत्सव 6 दिनों का? दीपावली 1 नवंबर को मनाई जाती है तो दीपपर्व छह दिन का होगा। धनत्रयोदशी 29 अक्टूबर को है, पर रूप चतुर्दशी (उदयकालीन) 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। हालांकि दीपदान 30 अक्टूबर को होगा।

प्रदोषकाल की दिवाली या प्रतिपदा अमावस्या की

  • पंडितों के अनुसार, दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाए। इस दिन अमावस्या प्रदोष काल में है। दोपहर 3.55 बजे से अमावस्या लग रही है। यह एक नवंबर शाम 6.15 बजे तक रहेगी। चूंकि अमावस्या पर रात में लक्ष्मी पूजन का विधान है, इसलिए 31 को दीपावली मनाना श्रेष्ठ है।
  • अन्य विद्वान भी 31 अक्टूबर के समर्थन में हैं। उनका मत है कि अमावस्या 1 नवंबर को दोपहर में खत्म होगी। ऐसे में 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई जाना चाहिए। यह शास्त्रोक्त निर्णय हैं।
  • कुछ विद्वानों का कहना है कि प्रदोष व्यापिनी तिथि में अमावस्या होने पर दीपावली मनाते हैं। यह शास्त्रोक्त मत है। हालांकि कंप्यूटराइज्ड पंचांगों के अनुसार 1 नवंबर को सूर्यास्त के बाद एक घड़ी (24 मिनट) है। जब दोनों दिन सायं में अमावस्या हो तो दूसरे दिन पर्व मनाना चाहिए। चतुर्दशीयुक्त अमावस्या को न लेते हुए अमावस्यायुक्त प्रतिपदा को लेना चाहिए। 1 नवंबर को दीपावली मनानी चाहिए।

धनत्रयोदशी: 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे से

विद्वानों के अनुसार, 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे तक द्वादशी तिथि रहेगी। बाद में त्रयोदशी प्रारंभ होगी, जो 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 बजे तक रहेगी। 29 अक्टूबर को प्रदोष व्यापिनी त्रयोदशी तिथि होने से धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

सराफा में अब तक नहीं छपा दीपावली का पाना

इस संशय की वजह से सराफा में अब तक दीपावली का पाना तैयार नहीं हुआ है। एक व्यापारी ने कहा- हर बार अब तक पाना प्रकाशित हो जाता है। इस बार अलग-अलग मत होने से फिलहाल इसका प्रकाशन नहीं हुआ है।

(ज्योतिषाचार्य श्रीचंद्र मौली उपाध्याय (काशी), प्रो. विनयकुमार पांडे (प्रमुख, ज्योतिष विभाग, बनारस हिंदू विवि), पं. आनंदशंकर व्यास, आचार्य पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक, डॉ. विनायक पांडेय, डॉ. अभिषेक पांडेय, पं. अशोक भट्ट, पं. दीपेश व्यास के अनुसार।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!