सीहोर

बिग ब्रेकिंग- आखिर जिंदगी की जंग हारी सृष्टि: रोबोटिक टेक्निक से खींचा बाहर, करीब 50 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

सीहोर डेस्क :

मध्यप्रदेश के सीहोर के मुंगावली गांव में 300 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची जिंदगी की जंग हार गई। 3 साल की मासूम सृष्टि को करीब 52 घंटे बाद बोरवेल से बाहर निकाला गया। रेस्क्यू टीम ने उसे रोबोटिक टेक्निक से बाहर खींचा। बच्ची कोई रिस्पॉन्स नहीं कर रही थी। उसे एंबुलेंस से सीधे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। बच्ची 150 फीट की गहराई पर फंसी थी।

रोबोट टीम के प्रभारी महेश आहीर ने बताया कि जब बच्ची को बाहर निकाला गया, तब वह बेहोश थी। वह किसी प्रकार से रिस्पॉन्स नहीं कर रही थी। हमने रोबोट के डेटा के साथ सेना, एनडीआरएफ की मदद से पूरा रेस्क्यू किया है। बच्ची के बाहर आते ही डाॅक्टर ने बच्ची को लिया और एंबुलेंस में लेकर उसे अस्पताल लेकर रवाना हो गए।

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सृष्टि नाम की 3 साल की ये बच्ची मंगलवार दोपहर करीब एक बजे खेलते-खेलते खेत में बने बोर में गिर गई थी। उस वक्त वह 29 फीट गहराई पर अटक गई थी। लेकिन रेस्क्यू के दौरान हुई खुदाई के कंपन से वह नीचे खिसकती गई। मौके पर SDRF, NDRF और आर्मी की रेस्क्यू में जुटी थी। गुरुवार को सुबह 9 बजे दिल्ली की रोबोटिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर ऑपरेशन शुरू किया। दोपहर बाद तेज हवा और बारिश होने से रेस्क्यू प्रभावित भी हुआ। रोबोटिक टीम ने शाम करीब साढ़े 5 बजे बच्ची को बाहर निकाला।

रोबोटिक टीम के प्रभारी महेश आर्य ने बताया कि रोबोट को बोरवेल में डाला था, उससे मिले फर्स्ट डेटा को स्कैन किया गया। इससे पता चला कि बच्ची की क्या हालत है और किस प्रकार से रेस्क्यू करना चाहिए। रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े एक अफसर ने बताया कि बच्ची 150 फीट गहराई में पानी में थी।

जिला पंचायत CEO आशीष तिवारी ने बताया कि 3 सदस्यों की टीम दिल्ली से रातभर ड्राइव कर सड़क मार्ग से सीहोर पहुंची। इस टीम ने कुछ दिनों पहले जामनगर में ऐसे ही मामले में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था, जिसमें उन्हें सफलता मिली थी।

मां बोली- मुझे पुकारते हुए बोरवेल में चली गई

बच्ची की मां ने बुधवार सुबह बताया कि सृष्टि खेलते-खेलते बोरवेल में चली गई। मैंने उसे देखा तो मैं दौड़ लगाकर गई, तब तक वह बोरवेल में चली गई। मेरी बेटी मेरी आंखों के सामने मुझे पुकारते हुए बोर में गिर गई। वह रो रही थी। मैंने सबसे पहले मेरी सास को बुलाया। वह बोर पड़ोसी का है। मेरी दो बच्चियां हैं। सृष्टि सबसे बड़ी है।

दादी की आंखों के सामने हादसा

बच्ची की दादी कलावती बाई ने बताया- सृष्टि खेलने के लिए घर से बाहर गई थी। मैं तब वहीं थी। घर के पास ही दूसरे का खेत है। उसमें बोरवेल पर एक तगाड़ी रखी थी। सृष्टि खेलते-खेलते उसमें बैठ गई और अंदर जा गिरी। मैं चिल्लाते हुए उसे पकड़ने गई। चीख सुनकर मेरा बेटा और गांव वाले वहां आए।

पिता ने कहा- बेटी सही सलामत बाहर निकल आए

बच्ची के पिता राहुल कुशवाहा ने कहा- मेरी 3 साल की बेटी खेलते हुए घर से बाहर आ गई। पत्नी उसे लेने के लिए आ रही थी, तभी वह दौड़कर बोरवेल की तरफ चली गई। मैं बस यही चाहता हूं कि वह सही सलामत बाहर निकल आए।

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