भोपाल

मंदसौर गौरव दिवस : मंदसौर में किया बड़ा ऐलान; मध्यप्रदेश में अवैध कॉलोनियों को करेंगे वैध, शिवराज सिंह चौहान ने भाटी की दुकान से भजिये खाए (वीडियो देखें)

भोपाल डेस्क :

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने की बड़ी घोषणा की है। मंदसौर में गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होने आए सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि नाम मात्र की राशि पर प्रदेश के सभी 413 शहरों की अवैध कॉलोनियों को वैध करने का फैसला कर रहे हैं।

सीएम शिवराज सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश के सभी 413 शहर के लिए मैं कह रहा हूं जितनी पुरानी अवैध कॉलोनी हैं। कई बार जब अफसर नियम प्रक्रिया बनाते हैं तो इतनी जटिल बना देते हैं कि हो ही नहीं पाए। आज हम सरलीकरण करते हुए नाम मात्र की राशि पर सभी 413 शहरों की कॉलोनियों को वैध करने का फैसला कर रहे हैं। कोई प्रक्रिया नहीं एक नॉमिनल राशि जमा करवाएंगे।

मुख्यमंत्री ने मंदसौर में 1512 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण भी किया। इससे पहले उन्होंने सम्राट यशोधर्मन की प्रतिमा का लोकार्पण किया। सीएम ने प्रधानमंत्री आवास योजना के 51 हजार हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया और 50 हजार आवासों का भूमिपूजन भी किया। इसके अलावा पीएम स्वनिधि योजना के हितग्राहियों के खातों में 400 करोड़ रुपये भी एक क्लिक पर भेजे।

सीएम शिवराज सिंह ने खाए गरमा गरम भजिए
CM शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर के स्टेशन रोड स्थित भाटी की दुकान से भजिये खाए। इस दौरान उनके साथ वित्त मंत्री देवड़ा, विधायक यशपाल सिसोदिया और मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव सहित कई बीजेपी के कई नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे। यहां सभी नेताओं ने गरमा-गरम भजियों का लुत्फ उठाया।

सीएम ने सबसे पहले यहां भजियों के भाव पूछे। फिर उन्होंने भजिये खरीदे और खाए। इसका पैसा राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने दिया। इससे पहले मंच पर अपने संबोधन में भी सीएम ने भाटी के भजिये की तारीफ भी की। उन्होंने मंदसौर की लहसुन की चटनी, गुप्ता जी की कचौरी को याद किया था। उन्होंने कहा कि – गुप्ता जी की कचौरी रखवा देना भाई, हम भी हेलीकॉप्टर में खाएंगे।

सम्राट यशोधर्मन की प्रतिमा का किया अनावरण
सीएम शिवराज सिंह दोपहर करीब 2 बजे मंदसौर हवाई पट्‌टी पर उतरे। यहां वे सीधे तेलिया तालाब पहुंचे। जहां उन्होंने सम्राट यशोधर्मन की अष्ट धातु से निर्मित आदमकद मूर्ति का अनावरण किया। इसके बाद वे सीधे कॉलेज ग्राउंड पहुंचें। यहां उन्होंने 1462 करोड़ की जल प्रदाय योजना का शिलान्यास किया।

8 दिसंबर को गौरव दिवस मनाते हैं
उन्होंने मंदसौर के राजा यशोधर्मन की तारीफ करते हुए कहा कि मंदसौर शूर वीरों का शहर है। यहां यशोधर्मन महान सम्राट ने हुणों को धूल चटाई थी। वे यहां कभी विजय प्राप्त नहीं कर पाए थे। उनकी गौरव गाथा आज भी गूंज रही है। जिस दिन सम्राट यशोधर्मन ने हूणों को हराया था, वह दिन 8 दिसंबर था, इसलिए 8 दिसंबर को मंदसौर का गौरव दिवस मनाते हैं। महाराज की वीरता के कारण आज सम्राट यशोधर्मन की विशाल प्रतिमा बनाई गई है। जो बहुत अद्भुत बनी है। प्रतिमा बनाने में जुटे लोगों को बहुत बहुत बधाई।

सम्राट यशोधर्मन ने दशपुर को बनाया था मालवा की राजधानी

औलिकार वंशज सम्राट यशोधर्मन का इतिहास में ज्यादा उल्लेख नहीं मिलता, लेकिन मालवा क्षेत्र पर औलिकार वंश के साम्राज्य का जिक्र है। यहां औलिकार वंधुवर्मन का शासन था। आगे चलकर इन्हीं औलिकार वंश के सम्राट यशोधर्मन हुए। वे परम शिव भक्त थे, जिन्होंने दशपुर को मालवा की राजधानी बनाया। खिलचीपुरा का सूर्य मंदिर, सोंधनी का विजय स्तम्भ, शिलालेख और प्राचीन प्रतिमाएं सम्राट यशोधर्मन के शौर्य को बताती हैं।

इतिहास बताता है कि वे अच्छे शासक और अपनी प्रजा की रक्षा करने वाले महान योद्धा थे। उन्होंने मिहिरकुल को पराजित किया। इसके साथ ही शक्तिशाली हूणों और गुप्तों को पराजित किया। हूणों पर विजय सम्राट यशोधर्मन के शौर्य पराक्रम को दर्शाती है।

मूर्ति बनने की कहानी

सम्राट यशोधर्मन पर शिव भक्त थे। इसी लिहाज से उनके मस्तक पर शिव तिलक लगाया गया है। अफजलपुर में निकली सूर्य प्रतिमा के मुकुट के आधार पर ही मुकुट तैयार किया गया है। शक्तिशाली बाजुओं में नाग के बाजूबंद और कांधे पर जनेऊ धारण है। 6वीं शताब्दी के इतिहास के अनुसार ही यशोधर्मन की मूंछों और उनके खड़ाऊ काे तैयार किया गया है।

शक्तिशाली वीरों की तरह बाजू और मजबूत सीना, उनके शौर्य को दिखाता है। हाथों में धनुष, कंधे पर तरकश लिए खड़ी राजा यशोधर्मन की प्रतिमा दशपुर का इतिहास खुद-ब-खुद बताती है। प्रतिमा विजय स्तम्भ की आकृति पर खड़ी की गई है, जिसमें चारों ओर सिंह बनाए गए हैं। इसी तरह के सिंह सिंधनी स्थित विजय स्तम्भ में है।

मंदसौर गौरव दिवस पर निकला भव्य चल समारोह

मंदसौर गौरव दिवस पर नगर में विशाल और भव्य चल समारोह निकाला, जो नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए कार्यक्रम स्थल शासकीय महाविद्यालय के खेल मैदान पहुँचा। चल समारोह में बड़ी संख्या में नगर के जन-प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधि सहित मीडिया प्रतिनिधि भी शामिल हुए। चल समारोह में यशोधर्मन राज दरबार की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही। नासिक के ढोल, तासे, घोड़े एवं ऊँट ने चल समारोह की शोभा बढ़ायी। चल समारोह का जगह-जगज भव्य स्वागत भी किया गया।

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