न्यूज़ डेस्क

राहुल गांधी के साथ चलने की एक कांग्रेस नेता की इच्छा सिर्फ इच्छा ही रह गई अधूरी, सुसनेर में आयोजित राहुल गांधी की सभा का नाम भी बदलकर श्रद्धांजलि सभा कर दिया गया। 

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भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होकर राहुल गांधी के साथ चलने की एक कांग्रेस नेता की इच्छा सिर्फ इच्छा ही रह गई। दरअसल यात्रा में शामिल होने के लिए सुसनेर आए जीरापुर के पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष मांगीलाल शाह का शनिवार को निधन हो गया। वे 3 दिन से यात्रा की तैयारियां कर रहे थे।

जीरापुर के वार्ड 14 से पार्षद प्रतिनिधि और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे मांगीलाल शाह 55 साल के थे। उनकी मौत के बारे में पता चलने पर कांग्रेसियों में शोक की लहर फैल गई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खुद उनके जनाजे में शामिल हुए और उन्हें कंधा भी दिया। सुसनेर में आयोजित राहुल गांधी की सभा का नाम भी बदलकर श्रद्धांजलि सभा कर दिया गया। 

शनिवार को ही जीरापुर में उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया। उनके जनाजे में हजारों लोग शामिल हुए। रास्ते में नगर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनके जनाजे को कांग्रेस का झंडा ओढ़ाया। दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए मांगीलाल को याद कर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की आखें नम हो गईं। 

टहलते वक्त अचानक गिर पड़े
मांगीलाल के बारे में बात करते हुए कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष राम गोपाल गुप्ता ने बताया कि पिछले 3 दिनों से मांगीलाल भारत जोड़ो यात्रा की तैयारी में जुटे थे। वह काफी खुश थे। राहुल के साथ चलने को लेकर वह काफी उत्साहित थे। उन्होंने सुसनेर में होने वाली यात्रा के लिए चाय का स्टॉल भी लगाया था। शनिवार सुबह 5 बजे हम दोनों साथ में सुसनेर जाने के लिए निकले थे। हम वहां अपने चाय कैंप में गए। थोड़ी देर में यात्रा शुरू हो गई। मैंने मांगीलाल से कहा चलिए यात्रा शुरू हो गई। तो उन्होंने मुझसे कहा कि आप यात्रा में चलिए, मैं थोड़ी देर में आता हूं। इसके बाद वे वहीं टहलने लगे। थोड़ी ही देर में वे अचानक गिर गए। उन्हें यात्रा में साथ चल रही एंबुलेंस में लाया गया। यात्रा में मौजूद डॉक्टर्स ने उनका इलाज किया। उन्हें CPR दिया गया। इसके बाद भी जब होश नहीं आया तो डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

उनका जाना मेरी निजी क्षति- दिग्विजय सिंह
अंतिम यात्रा में शामिल हुए राज्यसभा सासंद दिग्विजय सिंह ने बताया कि मांगीलाल शाह एक ऐसे व्यक्ति थे, जो सबका साथ देते थे। सबकी मदद करते थे। इंसानियत का उनका स्वरूप था। वे कभी जाति, बिरादरी और धर्म का भेदभाव नहीं करते थे। मेरे लिए एक निजी क्षति हुई है। जब से मैं सांसद बना, तब से वह मेरे साथ थे। वह बहुत हंसमुख थे। हमेशा खुश रहते थे। आज वे हमारे साथ नहीं है, मुझे इस बात का दुख है। वह राहुल गांधी से मिलना चाहते थे, लेकिन क्या कर सकते हैं, वह उनके आने से पहले ही चले गए। 

दोस्त से कहा था- तुम्हें भी राहुल से मिलवाऊंगा
मांगीलाल शाह के करीबी दोस्तों में से एक जीरापुर में रहने वाले दिनेश जमीदार ने बताया कि शुक्रवार रात को मांगीलाल शाह का फोन उनके पास आया था। बात करते समय वह बहुत खुश थे, उन्होंने मुझसे कहा था कि कल भारत जोड़ो यात्रा सुसनेर आ रही है। मैं तो राहुल गांधी से मिलूंगा ही, तुम सबको भी मिलवाऊंगा। राहुल गांधी से मिलने का उनका विशेष सपना था, लेकिन सुबह उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। बहुत शानदार व्यक्ति थे, लोग उन्हें गरीबों के मसीहा के रूप में जानते थे।

मांगीलाल का असली नाम मारुफ शाह था
उनके जनाजे में शामिल एक दोस्त ने बताया कि मांगीलाल हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल थे। उनका असली नाम तो मारुफ शाह था, लेकिन उन्हें लोग मांगीलाल शाह के नाम से ही जानते थे। धार्मिक सौहार्द्र की मिसाल पेश करने के लिए उन्होंने अपने तीनों बच्चों के नाम भी हिंदू ही रखे।
सबसे बड़ी बेटी का नाम सपना है , जिसकी शादी हो चुकी है। दूसरे नंबर का बेटा आशीष (26) है। जो MBBS लास्ट ईयर का स्टूडेंट है। उनका तीसरा बेटा चूचू शाह (23) जीरापुर से ही पढ़ाई कर रहा है। बता दें, मांगीलाल अक्सर मंदिर जाकर आरती और हवन में भी शामिल होते थे।

 ये है मांगीलाल का राजनितिक सफर
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के करीबी रहे मांगीलाल जीरापुर नगर के वार्ड नं 5 में रहते थे। पत्नी शकीला-बी वार्ड 14 से पार्षद हैं। साल 1994 में उन्होंने वार्ड 13 से पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत गए। साल 1999 में वार्ड-13 से ही उन्होंने दोबारा पार्षद का चुनाव जीता और नगरपालिका के उपाध्यक्ष बने। साल 2004 में उन्होंने वार्ड-14 से अपनी पत्नी शकीला-बी को अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ाया लेकिन वह हार गईं। साल 2009 में मांगीलाल ने दोबारा वार्ड-8 से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार वे 1 वोट से हार गए। 2014 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट से अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा। लेकिन इस बार फिर उन्हें शिकस्त मिली। 2022 में वार्ड-14 उनकी पत्नी शकीला बी ने चुनाव लड़ा और 385 वोटों से जीत हासिल की। वर्तमान में मांगीलाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य थे।

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