राजस्थान

‘बिजली टेंडर में 600 करोड का घोटाला’: आरटीआई एक्टिविस्ट बोले- कांग्रेस राज में चुनाव से ठीक पहले सरकार ने दिए चहेती फर्म को ठेका

जयपुर डेस्क :

कांग्रेस राज के दौरान बिजली के टेंडर में 600 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है। आरटीआई एक्टिविस्ट अशोक पाठक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आचार संहिता से ठीक पहले गहलोत सरकार ने चहेती फर्म को 600 करोड़ के ठेके की बंदर बाट की। इसके लिए सभी नियमों को ताक पर रखा गया। यहां तक की चहेती फर्म को टेंडर देने के लिए ऐसी शर्तें तय कर दी की एक ही कंपनी आवेदन कर सके। इसके लिए ऐसी चाल चली गई की दूसरी फॉर्म टेंडर ही नहीं डाल सके।

आरटीआई एक्टिविस्ट ने आरोप लगाया कि पूर्व राजस्थान सरकार में लगभग 600 करोड से अधिक का घोटाला किया गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश को नाथी का बाड़ा समझने वाले गोविन्द डोटासरा ने संयुक्त रूप से विधानसभा चुनावों की घोषणा से ठीक 15 दिन पहले विद्युत विभाग (जयपुर विद्युत वितरण निगम) में सारे नियमों को धता बताकर सरकारी खजाने पर डाका डाला गया।

अशोक पाठक ने बताया- चुनाव के लिए करोड़ों का ब्लैक मनी जुटाने के लालच में मुख्यमंत्री गहलोत के निर्देश पर जयपुर डिस्काॅम के आला अधिकारियों ने सारे नियम ताक पर रखकर चहेती फर्म को ठेके देने के लिए सारे हथकण्डे अपनाए । इतने बड़े ठेके में प्री बिड मीटिंग नहीं रखी गई। कोई बडी कम्पनी भाग नहीं ले इसलिए एक टैंडर के दो टैंडर कर दिए। चूंकि एक टैंडर होने पर टैंडर वैल्यू लगभग 165 करोड होती जिसमें चहेती फर्म टेक्निकल रूप से बाहर हो जाती।

उन्होंने बताया- साल 2017 में अधीक्षण अभियन्ता पद पर चार्ज शीटेड रहे और जुलाई 2018 में रिटायर्ड हुए इन्जीनियर आर.एन. कुमावत को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सारे नियमों को ताक पर रख कर फरवरी 2023 में जयपुर डिस्काॅम का एम.डी. बनाया, ताकि चुनाव के लिए करोड़ों का फंड जुटाया जा सके।

जयपुर डिस्काम ने 21 अगस्त 2023 को दो टैंडर के लिए निविदाएं आमंत्रित कीं। टैंडर संख्या 545 में अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिलों में 20 जी.एस.एस. और टैंडर संख्या 546 में जयपुर, टाेंक, कोटा, बांरा, दौसा, करौली व बूंदी जिलों में 22 33/11 के.वी. सब स्टेशन लगाने थे। इन जीएसएस को टर्नकी बेस यानि मय सामग्री बनाकर देना था। टैंडर में 20 जीएसएस के निर्माण व रखरखाव की कुल टैंडर वैल्यू 75 करोड 82 लाख रुपये और 22 जीएसएस के निर्माण व रखरखाव की कुल टैण्डर वैल्यू 88 करोड 46 लाख रुपये थी।

इकलौती फर्म को ही डालने दिया टैंडर

अशोक पाठक ने आरोप लगाया कि- जयपुर डिस्काम ने टैंडर प्रकिया में भाग लेने के लिए टैंडर फीस और प्रोसेसिंग फीस आफ लाइन रखी। ये फीस जमा होने पर ही ऑनलाइन टैंडर में कोई भाग ले सकता था। जयपुर डिस्काॅम के एम.डी आर.एन. कुमावत के आदेश पर चहेती फर्म के सिवाय किसी भी फर्म कम्पनी के टैंडर फीस और प्रोसेसिंग फीस की मात्र 5900 रुपये की रसीद नहीं काटी गई। जिसके चलते दोनों ही टैण्डरों में चहेती इकलौती फर्म मैसर्स आर.सी. इन्टरप्राइजेज जयपुर ने ही टैण्डर डाला।

एक घंटे में ही निपटाई सारी प्रकिया

दोनों टैंडर में टेक्निकल प्रक्रिया 21 सितम्बर को क्रमशः 1.58 व 2 बजे और वित्तीय प्रक्रिया क्रमशः 3.31 व 3.34 बजे निपटा दी। दोनो ही टैण्डर टैण्डर की कुल टैण्डर वैल्यू 75 करोड 82 लाख रुपये के विरुद्ध चहेती इकलौती फर्म मैसर्स आर.सी. इन्टरप्राइजेज जयपुर ने 262 करोड 53 लाख 77 हजार 799 रुपये तथा टैण्डर संख्या 546 की कुल टैण्डर वैल्यू 88 करोड 46 लाख रुपये के विरुद्ध 306 करोड 62 लाख 30 हजार 394 रुपये का जयपुर डिस्काॅम ने वर्क आर्डर दे दिया। संवेदक फर्म ने भी गहलोत सरकार को फायदा पहुंचाने के लिए चुनाव प्रचार के दौरान कार्य शुरू कर दिया। जबकि विभागीय नियमों व कानून के तहत इकलौती फर्म होने की दशा में निविदा को निरस्त करना चाहिए था।

सी.एल.पी.सी. की मीटिंग से पहले ही दे दिया वर्क आर्डर

अशोक पाठक ने आरोप लगाया कि- दोनों टैण्डरों की मंजूरी के लिए जयपुर डिस्काॅम के उच्चाधिकारियों की सी. एल.पी.सी. की मीटिंग में दोनों टैण्डरों को 09 अक्टूबर 2023 को स्वीकृति दी गई जबकि वर्क आर्डर 05 अक्टूबर 2023 को ही जारी कर दिया। इस समय राजस्थान विधानसभा चुनावों की आदर्श आचार संहिता 09 अक्टूबर 2023 को ही लगी थी।

कांग्रेस के कमाउ पूत रहे हैं एम.डी. कुमावत

मुख्यमंत्री गहलोत की कृपा से 24 फरवरी 2023 को सेवानिवृत इंजीनियर आर.एन. कुमावत को जयपुर डिस्काम में एम.डी. की जिम्मेदारी दी गई। जून 2023 में टैण्डर नं. 542 में 6 फर्मों ने टैण्डर डाला था जिसमें से मैसर्स आर.सी. एन्टरप्राइजेज के अतिरिक्त 5 फर्मों को टैक्निकल बिड में बाहर कर दिया। चूंकि निकाली गई 5 फर्मों की दरें कम थी। टैण्डर वैल्यू 10 करोड 80 लाख के विरुद्ध लगभग 14 करोड रुपये में 34 प्रतिशत अधिक में चहेती फर्म मैसर्स आर. सी. इन्टरप्राइजेज को वर्क आर्डर दिया गया।

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