इंदौर डेस्क :
जिला प्रशासन में तीन महीने पहले सामने आए साढ़े 8 करोड़ से ज्यादा के गबन मामले में प्रशासन ने रिकवरी शुरू कर दी है। अब तक 64 लाख रुपए वसूले जा चुके हैं। वसूली मुख्य आरोपी मिलाप चौहान के साथी और कलेक्टोरेट के कर्मचारी रणजीत के परिजन से हुई है। मामले की जांच कर रहे अपर कलेक्टर राजेश राठौड़ ने बताया कि अब तक 64 लाख रुपए वसूल चुके हैं। मिलाप का महू स्थित फार्म हाउस भी जल्द नीलाम किया जाएगा। इसकी कीमत डेढ़ से दो करोड़ रुपए है।
60 खातों में भुगतान होते रहे, लेकिन किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया- इधर, पुलिस अब भी पूरे मामले में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। हालांकि पूरे मामले में अब भी बड़ा सवाल यह है कि मिलाप के साल 2018 से 2022 तक के डीडीओ रहे (वर्तमान और पूर्व एसडीएम) अधिकारियों को लेकर अब तक किसी तरह की जांच के आदेश नहीं हुए हैं। इस मामले में यह तथ्य भी सामने आया कि 60 खातों में चार साल तक भुगतान होते रहे, बावजूद न तो किसी अधिकारी ने यह पूछा कि इन भुगतान की कैशबुक कहां है।
बुरहानुपर में भी ऐसा ही घोटाला जनजातीय विभाग में
बुरहानपुर के जनजातीय विभाग में 4 करोड़ का घोटाला हो चुका है। इस मामले में अब तक 5 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। विभागीय लेखा प्रभारी नारायण पाटिल ने अनियमित तरीके से बैंक खाता खोलकर 2010 से 17 के बीच करोड़ों रुपया निकाला था। वहीं मामले में फरार चल रहे आरोपी बालचंद पवार, राजेश सावकारे और नरेंद्र महाजन के बैंक खाते पुलिस ने फ्रीज करा दिए हैं।