मध्यप्रदेश

आज मंगलवार से भोपाल मेट्रो का सेफ्टी ट्रायल रन होगा: फाइनल ट्रायल रन 2 अक्टूबर को

भोपाल डेस्क :

भोपाल के सुभाषनगर स्थित मेट्रो डिपो में कनेक्टिविटी और टेस्टिंग प्रोसेस पूरी होने के बाद कोच ट्रैक पर आ गए हैं। सोमवार को डिपो में ही मेट्रो ट्रैक पर दौड़ी। मंगलवार से इसका सेफ्टी ट्रायल रन होगा। सुभाषनगर से आरकेएमपी स्टेशन के बीच मेट्रो दौड़ेगी। इस दौरान हॉर्न भी बजेगा। 2 अक्टूबर को फायनल ट्रायल रन किया जाएगा। CM शिवराज सिंह चौहान फायनल ट्रायन रन को न सिर्फ हरी झंडी दिखाएंगे, बल्कि मेट्रो का सफर भी कर सकते हैं।

गुजरात के सांवली (बड़ोदरा) से करीब 850 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद 17 सितंबर की रात में कोच भोपाल आ गए थे। 18 सितंबर को उन्हें डिपो में बने इंस्पेक्शन बे लाइन (IBL) पर लाया गया था। इसके बाद सीनियर इंजीनियर्स, टेक्निकल एक्सपर्ट्स, सुपरवाइजर सहित 50 से ज्यादा लोगों की टीम ने कोच को कनेक्ट करने और उनकी टेस्टिंग में लगी थी। 8 दिन यह काम करने के बाद सोमवार को मेट्रो ट्रैक पर चलाकर देखी गई। अब मंगलवार से इसे सुभाषनगर से लेकर आरकेएमपी स्टेशन तक चलाकर देखा जाएगा।

सीएम करेंगे मेट्रो में सफर
प्रायोरिटी कॉरिडोर में कुल आठ स्टेशन हैं। इनमें एम्स हॉस्पिटल, अलकापुरी, DRM ऑफिस, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, सरगम टॉकीज, DB मॉल, केंद्रीय स्कूल और सुभाषनगर स्टेशन शामिल हैं। ट्रायल रन करीब साढ़े तीन किलोमीटर में सुभाषनगर स्टेशन से आरकेएमपी स्टेशन तक किया जाएगा। 2 अक्टूबर को सीएम चौहान सुभाषनगर पर फाइनल ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके बाद वे आरकेएमपी स्टेशन तक मेट्रो में सफर भी करेंगे।

डिपो में 24 घंटे चला काम
मेट्रो कोच को कनेक्ट करने और टेस्टिंग करने का काम सुभाषनगर डिपो में तीन शिफ्ट में 24 घंटे चलता रहा। मेट्रो रेल के अलावा मेट्रो बनाने वाली एल्सटॉम ट्रांसपोर्ट इंडिया लिमिटेड के कर्मचारी भी यहां पर मौजूद हैं।

कोच की यह खासियतें भी

  • मेट्रो ट्रेन के प्रत्‍येक कोच की 22 मीटर लंबाई और 2.9 मीटर चौड़ाई है।
  • मेट्रो के एक कोच में करीब 50 पैसेंजर बैठ सकते हैं। वहीं, इसमें 300 पैसेंजर के खड़े रहने की क्षमता है।
  • अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन (यूटीओ) मोड।
  • स्वचालित ट्रैक निगरानी प्रणाली।
  • ऊर्जा बचत सुविधाएं।
  • ट्रेन नियंत्रण और प्रबंधन प्रणाली (टीसीएमएस) में साइबर सुरक्षा सुविधाएं।
  • इंटेलिजेंट सीसीटीवी सिस्टम (आईसीसीटीवी)।
  • पकड़ने के लिए ग्रैब हैंडल।
  • एलईडीपैनल/डिजिटल रूट मैप एवं साइनेज।
  • एयर कंडिशनर कोच होंगे।

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