भोपाल

भोपाल में गाड़ियों पर पोस्टर: पं.धीरेंद्र शास्त्री ने भगवान सहस्त्रबाहु पर की थी टिप्पणी, कल्चुरि समाज बोला- उनके खेद से संतुष्ट नहीं, CM से मिलेंगे

भोपाल डेस्क :

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की गिरफ्तारी की मांग के पोस्टर गाड़ियों पर लगाए गए हैं।​​​​​ हैहयवंशी क्षत्रिय कलचुरि-कलार समाज ने उन पर FIR की मांग की है। शनिवार को समाज ने भोपाल में धरना भी दिया। समाज पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भगवान सहस्त्रबाहु पर दिए बयान से नाराज है। अपने इस बयान पर शास्त्री खेद भी जता चुके हैं, लेकिन इससे समाज संतुष्ट नहीं है।

मध्यप्रदेश कलचुरि सेना के अध्यक्ष कौशल राय ने कहा कि परशुराम जंयती के दिन भगवान सहस्रबाहु पर धीरेंद्र शास्त्री ने गलत टिप्पणी की है। हम सरकार से उन पर FIR दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने गलत टिप्पणी करने के दो दिन बाद फेसबुक पर खेद भी प्रकटकिया। हम उनके इस खेद से संतुष्ट नहीं हैं। खेद में भी वे बता रहे थे कि उन्होंने ऐसा शास्त्रों में पढ़ा है। वे सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।

कलचुरि सेना के अध्यक्ष ने कहा, इस मामले में हम गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिल चुके हैं। उन्होंने हमें कार्रवाई का आश्वासन दिया था। आज हम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिलेंगे। हम इस पूरे मामले में सरकार के रवैये को ढुलमुल ही मानते हैं। सरकार हिंदुत्व की बात करती है, तो वह आचार्य से क्यों माफी मांगने को नहीं कहती।

माफी नहीं मांगेंगे तो देशरभर में आंदोलन करेंगे
धरना-प्रदर्शन के संयोजक डॉ. एलएन मालवीय ने कहा, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अनर्गल टिप्पणी कर हैहयवंश के राजा भगवान सहस्रबाहु को कुकर्मी, बलात्कारी और साधुओं पर अत्याचार करने वाला बताया। पुराणों में वर्णित वर्णन के अनुसार भगवान सहस्रबाहु हैहयवंशी क्षत्रिय समाज के देवता हैं। भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र के अवतार हैं। शास्त्री के मिथ्यापूर्ण बयान से भगवान सहस्रबाहु के 18 करोड़ हैहयवंशी क्षत्रिय कलचुरि समाज के अनुयाइयों की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है। अगर शास्त्री माफी नहीं मांगते हैं, तो हम देशभर में आंदोलन करेंगे।

भगवान सहस्त्रबाहु पर टिप्पणी के बाद पं. धीरेंद्र शास्त्री ने जताया था खेद

भगवान सहस्त्रबाहु पर टिप्पणी के दो दिन बाद पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर खद जताया था। उन्होंने पोस्ट में लिखा था…

विगत कुछ दिनों से एक विषय संज्ञान में आया है। मेरे द्वारा भगवान परशुराम जी एवं महाराज सहस्त्रबाहू अर्जुन जी के मध्य हुए युद्ध के विषय में जो भी कहा गया है, वह हमारे पवित्र हिंदू शास्त्रों में वर्णित आधार पर कहा गया है। हमारा उद्देश्य किसी भी समाज अथवा वर्ग की भावनाओं को आहत करने का नहीं था, न ही कभी होगा, क्योंकि हम तो सदैव सनातन की एकता के पक्षधर रहे हैं। फिर भी यदि हमारे किसी शब्द से किसी की भावना आहत हुई हो, तो इसका हमें खेद है। हम सब हिंदू एक हैं। एक रहेंगे। हमारी एकता ही हमारी शक्ति है।

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