गुना

पंडित धीरेन्द्र शास्त्री का दिव्य दरबार लगेगा, कलश यात्रा से शुरू हुआ 6 दिवसीय महोत्सव: हजारों महिलाएं हुईं शामिल, अभिनेत्री व सांसद हेमा मालिनी की सांस्कृतिक प्रस्तुति होगी

गुना डेस्क :

गुना शहर में 5 से 10 मई तक होने वाली श्रीराम कथा की शुरुआत आज से हो गयी है। इस आयोजन की शुरुआत कलश यात्रा के साथ हुई। जयस्तंभ चौराहे से कथास्थल दशहरा मैदान तक कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चियां शामिल हुईं। आयोजन समिति के अनुसार कलश यात्रा में 10 हजार से ज्यादा महिलाओं ने भाग लिया। शनिवार से लक्ष्मीनारायण महायज्ञ और श्रीराम कथा की शुरुआत होगी। अंतिम दिन 10 मई को बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार लगेगा।

कलश यात्रा स्थानीय जयस्तंभ चौराहे से सुबह 7:30 बजे शुरू हुई। इससे पहले ही बड़ी संख्या में महिलाएं यात्रा में शामिल होने पहुंच गईं थी। यात्रा में लगभग 10 बग्गियाँ, डीजे सहित नासिक के ढोल, तासे भी शामिल हुए। जयस्तंभ चौराहे से शुरू होकर यात्रा जगत होटल तिराहा, शास्त्री पार्क, लक्ष्मीगंज, सदर बाजार, सराफा, निचला बाजार, हाट रोड, हनुमान चौराहा, कैंट रोड, परशुराम चौराहा, जेल रोड होते हुए दशहरा मैदान पहुंची। यहां कलश यात्रा का समापन हुआ। आयोजकों के अनुसार यह गुना की अब तक कि सबसे बड़ी कलश यात्रा रही।

नगरपालिका अध्यक्ष ने किया स्वागत आज से दशहरा मैदान में आयोजित होने वाली रामकथा के लिए शहर में निकाली गई कलश यात्रा का नगरपालिका कार्यालय के सामने स्वागत किया गया। नगर पालिका अध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता, पूर्व पार्षद एवं भाजपा नेता अरविंद गुप्ता, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सोनी एवं समस्त पार्षदों द्वारा यात्रा में चल रहे श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत किया गया। कलश यात्रा लक्ष्मीनारायण मंदिर जय स्तंभ चौराहे से प्रारंभ होकर सदर बाजार, हाट रोड होती हुई नगरपालिका के सामने आई। यहां नगर पालिका परिवार द्वारा यात्रा में शामिल धर्मावलंबियों पर पुष्प वर्षा की गई। उन्हें ठंडे पानी के पाउच तथा फल वितरित किए गए।

आयोजन समिति के प्रमुख नीरज निगम ने बताया कि बजरंगगढ़ स्थित बीसभुजा माता मंदिर के जीर्णोद्धार को लेकर उन्हें यह प्रेरणा मिली। यह जिले के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह महाभारत कालीन मंदिर लगभग 5 हजार वर्ष पुराना है। काफी प्राचीन होने से इन मंदिर का कुछ क्षतिग्रस्त होने लगा है। उन्होंने बताया कि वह हर वर्ष नवरात्रों में यहां सेवा देते हैं। लगभग 7 महीने पहले उन्हें सेवा के दौरान यह दिखा की माता के मंदिर का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। तभी उनके मन मे आया कि इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए कोई कार्यक्रम करें। इसी को लेकर वह बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री से मिले। उन्होंने ही इस तरह का आयोजन करने का सुझाव दिया और इस कार्यक्रम की रूपरेखा बनी।

यहां होगा कार्यक्रम5 दिवसीय भगवान श्रीराम कथा और लक्ष्मीनारायण महायज्ञ 6 मई से शुरू होगा। कार्यक्रम की तैयारियां स्थानीय दशहरा मैदान में की गई हैं। दशहरा मैदान में कथा और यज्ञ होगा। वहीं बीज निगम की जमीन पर भोजन शाला और पार्किंग सहित अन्य व्यवस्थायें रहेंगी। दशहरा मैदान में लगभग 80 हजार वर्गफीट में कथा के लिए शामियाना लगाया जा गया है। वहीं दशहरा मैदान में ही महायज्ञ के लिए लगभग 3 बीघा में यज्ञशाला बनाई गयी है। अनुमान के मुताबिक रोजाना 20-25 हजार नागरिक कथा सुनने के लिए पहुंचेंगे।वहीं अंतिम दिन दिव्य दरबार में लगभग 2 लाख नागरिकों के पहुंचने की संभावना है। उधर रोज भंडार चलेगा जिसमे प्रतिदिन लगभग 15 हजार श्रद्धालु भोजन करेंगे। इसी हिसाब से सभी व्यवस्थाएं की गयी हैं।

अब सभी कार्यक्रमों के बारे में जानिए

लक्ष्मीनारायण महायज्ञ- 6 मई से 10 मई तक लक्ष्मीनारायण महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। 5 दिन तक चलने वाले इस यज्ञ में यज्ञाचार्य पुण्डरीक महाराज रहेंगे। वहीं काशी से भी पुजारियों की एक टीम आएगी, जो इस यज्ञ को करवाएगी। इस यज्ञ में पूर्णाहुति बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री देंगे। यज्ञ में जो यजमान बनेंगे, उन्हें पंडितों द्वारा बताए गए नियमों का पालन करना होगा। यजमान बनने के लिए अलग-अलग केटेगरी बनाई गई हैं। पूरे पांचों दिन वेदी पर बैठने के लिए 51 हजार रुपये, एक दिन के लिए 11 हजार रुपये का शुल्क रखा गया है। वहीं कोई अकेला भी बैठना चाहता है तो उसके लिए एक दिन का 5001 रुपये का शुल्क रखा गया है।

श्रीराम कथा- कथा का आयोजन 6 से 9 मई तक किया जाएगा। मनमाध्व गौड़ेश्वर वैष्णवाचार्य पुण्डरीक गोस्वामी महाराज के मुखारबिंद से कथा सुनाई जाएगी। उनके साथ उनकी पूरी टीम और भजन मंडली भी रहेगी। रोजाना दोपहर 3 बजे कथा का आयोजन होगा। शाम तक कथा चलेगी। आयोजन समिति ने बताया कि पुण्डरीक महाराज प्रसिद्ध कथावाचक हैं। 100 से ज्यादा देशों में उनकी कथाएं हो चुकी हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें ख्याति प्राप्त है।

दिव्य दरबार- सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र दिव्य दरबार रहेगा। बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक दिन का दिव्य दरबार लगाएंगे। आयोजन के अंतिम दिन 10 मई को दिव्य दरबार लगेगा। इसके साथ ही यज्ञ की समाप्ति पर पंडित शास्त्री ही उसमे पूर्णाहुति देंगे। आयोजन समिति ने उनसे पूरे 5 दिनों के लिए कथा करने की इच्छा जाहिर की थी,लेकिन उनकी व्यस्तता के कारण एक दिन का ही समय मिल पाया है। दिव्य दरबार में लगभग 2 लाख लोगों के शामिल होने की संभावना आयोजन समिति ने जताई है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

नृत्य नाटिका: 6 मई- प्रसिद्ध अभिनेत्री और मथुरा से सांसद हेमा मालिनी की सांस्कृतिक प्रस्तुति होगी। रात 8 बजे से यह आयोजन होगा। वह देवी मां को समर्पित नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगी। यह लगभग 2:30 घंटे की प्रस्तुति होगी। उनके साथ उनकी 250 लोगों की टीम इस प्रस्तुति में शामिल होगी।

राष्ट्रगीत: 7 मई- कथा के दूसरे दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम में भजन और राष्ट्रगीतों की प्रस्तुति होगी। बाबा सत्यनारायण मौर्य भजनों और राष्ट्रगीतों की प्रस्तुति देंगे। वह मूल रूप से राजगढ़ जिले के रहने वाले हैं और इंदौर उनका कार्यक्षेत्र है। वह प्रसिद्ध चित्रकार भी हैं। जिसके बारे में वह बोलते हैं, बोलते-बोलते ही उसका चित्र भी बना देते हैं। उनके साथ उनकी पूरी मंडली भी भजन संध्या में शामिल होगी।

एक शाम खाटू वाले के नाम: 8 मई- इस दिन भी भजन संध्या का आयोजन रात 8 बजे से होगा। एक शाम खाटू वाले और मातारानी के नाम भजन संध्या आयोजित होगी। इसमे प्रसिद्ध भजन गायक लखबीर सिंह लक्खा भजनों की प्रस्तुति देंगे। वह इस समय अमेरिका में हैं। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वह गुना पहुंचेंगे। लखबीर सिंह लक्खा प्रसिद्ध भजन गायक हैं और उनके सैकड़ों भजन पूरी दुनिया मे सुने जाते हैं।

विराट भजन संध्या: 9 मई- अंतिम सांस्कृतिक कार्यक्रम भी भजन संध्या का होगा। इसमे प्रसिद्ध भजन गायब अनूप जलोटा अपनी प्रस्तुति देंगे। रात 8 बजे से भजन संध्या शुरू होगी। अनूप जलोटा भी भजन के क्षेत्रे में काफी प्रसिद्ध हैं।

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