बुंदेलखंड की 26 विधानसभा सीट में से 8 महिला के लिए हो सकती हैं आरक्षित: अभी सिर्फ एक महिला विधायक
न्यूज़ डेस्क :
महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश किया गया। हालांकि इसे अभी राज्यसभा और लोकसभा दोनों से ही पास हाेना है। उसके बाद यह कब से लागू हाेगा, यह भी साफ हाे सकेगा। महिला आरक्षण लागू होने से सागर जिला सहित बुंदेलखंड की राजनीति भी प्रभावित होगी। बुंदेलखंड की 26 सीट में से 33% सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। यानी 26 में से 8 या 9 सीट पर महिला विधायक चुनी जाएंगी। जबकि सागर जिले की 8 में से 2 या 3 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो सकती हैं।
इससे जिले और बुंदेलखंड के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल जाएंगे। जिन सीटों पर पुरुष नेताओं का दबदबा है, वहां महिला प्रत्याशी मैदान में नजर आ सकती हैं। हालांकि आरक्षण किस हिसाब से लागू होगा यह अभी साफ नहीं है। समूचे मध्यप्रदेश में 76 सीट महिलाओं के लिए रिजर्व होंगी। इसमें से 8 या 9 बुंदेलखंड के हिस्से में आ सकती हैं। अभी सिर्फ पथरिया सीट से ही महिला विधायक है।
हाशिये पर चल रहीं महिला नेत्री लौटेंगी मुख्यधारा में, नई नेत्रियों को मिलेगा मौका
लोकसभा और विधानसभा चुनावों में 33% महिला आरक्षण लागू होने से महिलाओं का राजनीति में दबदबा बढ़ेगा। जो महिला नेत्री अभी हाशिये पर चल रही हैं या लाख कोशिशों के बावजूद टिकट नहीं मिल पा रहे थे, वे मुख्यधारा में लौटेंगी। अभी बीना ही इकलौती ऐसी सीट है जिसमें पुरुषों के साथ महिला नेत्री भी भाजपा और कांग्रेस दोनों से ही टिकट मांग रही हैं। जबकि अन्य सीटों पर भाजपा या कांग्रेस किसी एक दल से ही टिकट मांगने वाली एक-दो महिला नेता ही सक्रिय हैं। सुरखी और बंडा में किसी भी पार्टी से महिला नेत्री खुलकर टिकट मांगने सामने ही नहीं आईं।
बड़े नेताओं को ढूंढनी पड़ सकती है नई सीट, कई का कॅरिअर लग सकता है दांव पर
महिला आरक्षण कब से लागू हाेगा, इसकाे लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है। परंतु जब भी यह लागू होगा, उससे राजनीतिक उथल पुथल मचेगी। सागर जिले में कई विधायक एक ही सीट से 10 से लेकर 38 साल तक से लगातार जीतकर आ रहे हैं। यदि महिला आरक्षण लागू होता है और उसमें किसी मंत्री या विधायक की सीट महिला के लिए आरक्षित होती है तो उन्हें दूसरी सुरक्षित सीट की तलाश करनी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में यदि किसी को नई जगह से पार्टी टिकट नहीं देती है तो उनका कॅरिअर भी दांव पर लग सकता है।