इंदौर में बेटे को मुस्लिम बनाने वाली महिला पर नया खुलासा: ‘प्रेमी के साथ भागते समय सास के गहने ले गई’
इंदौर डेस्क :
इंदौर के खजराना में आठ साल के बच्चे के खतना और धर्म परिवर्तन की शिकायत करने वाले उसके पिता महेश जैन राजस्थान लौट चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रेमी इलियास के साथ भागने के दौरान आरोपी पत्नी प्रार्थना उनकी मां के लाखों रुपए के जेवर और कैश भी ले गई थी। उन्हें शंका है कि ये जेवर या तो इलियास के पास हैं या उसने बेच दिए हैं। बुधवार को अफसरों को जानकारी लगी कि इलियास ने जो दो डॉक्यूमेंट तैयार किए हैं, उसमें से एक MYH अस्पताल तो दूसरा शाजापुर में बनाया गया है। इस मामले में इलियास की मदद करने वाले परिवार के मेंबर भी आरोपी बन सकते हैं जिन्होंने साजिश में मदद की है।
खजराना थाने में आठ साल के बच्चे के मामले में शिकायत करने वाले उसके पिता महेश जैन ने बातचीत में बताया कि पत्नी अपने साथ मेरी मां का 6 तोला वजनी सोने का जेवर, हाथ में पहनने के कंगन और चूड़ियां, बाजूबंद, सोने के चैन, दो अंगूठियां, कान के झुमके के अलावा आधा किलो चांदी के जेवर शामिल थे। इनकी कीमत करीब 5 लाख से ऊपर है। वहीं घर के 30 हजार रुपए कैश भी ले गई।
महेश ने बताया कि उसे पहले लगा कि प्रार्थना का परिवार लुटेरी दुल्हन की तरह काम तो नहीं कर रहा। जब ससुरालवालों से बातचीत हुई तो अन्य सदस्यों ने यह बात निकलकर सामने आई कि इलियास उसका पहले भी अपहरण कर चुका है। परिवार के लोगों ने इस बात का अंदेशा जता दिया कि इस बार भी वह इलियास के साथ ही गई होगी। प्रार्थना के परिवार ने महेश को पूरी मदद करने का आश्वासन भी दिया। महेश ने अपनी शिकायत में ज्वेलरी का ब्योरा देते हुए गहने इलियास के पास होने की शंका जाहिर की। इसी के बाद उसे इंदौर में ट्रेप किया और रिपोर्ट कराई।
हालांकि खजराना पुलिस और वरिष्ठ अफसरों ने यह कहते हुए टाल हैदिया कि इस मामले में जिस थाने में अपहरण की शिकायत है, उसी थाने की पुलिस पूछताछ करे। अभी वर्तमान में केस बच्चे के धर्मांतरण से संबधित है हम इसी मामले में जांच कर रहे हैं।
एक इंदौर के अस्पताल तो दूसरा शाजापुर से बना
पुलिस के मुताबिक इलियास के पास से बच्चे के दो सर्टिफिकेट मिले। इसमें एक बर्थ सर्टिफिकेट इंदौर के एमवाय अस्पताल में 2015 में तैयार किया गया। इस सर्टिफिकेट में एमवाय अस्पताल में मोहम्मद मनान अहमद का जन्म होना बताया गया है। अब अफसर इस मामले में एमवाय अस्पताल के प्रशासनिक अफसरों से पूछताछ कर सकती है। दूसरा डॉक्यूमेंट आधार कार्ड मिला है जो शाजापुर के किसी सेंटर से बनवाया गया है।
पुलिस के मुताबिक उक्त सेंटर पर बने आधार कार्ड को लेकर भी यह शंका है कि वहां इलियास के नही होने पर परिवार के किसी व्यक्ति ने इसे बनवाया है। प्रार्थना को पुलिस ने मामले में आरोपी तो बनाया है, लेकिन पुलिस के जाल में फंसने के बाद उसने पूरे केस में सरकारी गवाह बनाए जाने की बात भी रखी। लेकिन अफसरों ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया। उसने परिवार को अपने बयान में एक निजी संस्था में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करने की झूठी बात भी कही। इधर मनीष नाहटा को भी पुलिस ने मामले में सार्वजनिक बयानबाजी से रोक दिया है।
एक बार कोर्ट से भाग चुकी है प्रार्थना
महेश ने बेटे की अभिरक्षा को लेकर कोर्ट में केस लगाया किया। जिसमें वारंट की तामिली नहीं हो पा रही थी। इधर प्रार्थना को उसके परिवार के लोगों से यह जानकारी लगी। वह गुपचुप तरीके से अपनी तरफ से वकील के माध्यम से कोर्ट पहुंची। यहां कानूनी कार्रवाई करने के दौरान महेश को पता चला कि प्रार्थना अपने बेटे के मामले में कोर्ट आई है। महेश ने जब तक पुलिस को जानकारी दी। प्रार्थना वहां से भाग चुकी थी। इसके बाद कभी भी वह शाजापुर नहीं गई।