आउटसोर्स कर्मचारियों से मिले कमलनाथ: बोले-आउटसोर्सिंग और ठेके की परंपरा ही सैद्धांतिक रूप से गलत है , कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस परंपरा को खत्म किया जाएगा
भोपाल डेस्क :
मप्र के अलग-अलग विभागों में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी ऑफिस के बाहर धरना देने पहुंचे। यहां कर्मचारियों से पीसीसी चीफ कमलनाथ ने मुलाकात की। कर्मचारियों से मिलने के दौरान कमलनाथ ने आउटसोर्स और ठेकेदारी की व्यवस्था को गलत बताया। कमलनाथ पीसीसी में आयोजित कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों, विधायकों, सांसदों सहित वरिष्ठ नेताओं की बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे थे।
कमलनाथ से कर्मचारियों ने कहा- कि उन्हें प्रशासन धरने की परमिशन नहीं दे रहा है। हमने नीलम पार्क और चिनार पार्क की परमिशन मांगी थी लेकिन हमारी परमिशन रात में कैंसिल कर दी गई। ये सुनकर कमलनाथ ने कहा कि सरकार सबकी आवाज दबाना चाहती है। ये आउटसोर्सिंग और ठेके की परंपरा ही सैद्धांतिक रूप से गलत है। आप लोग सच्चाई का साथ दीजिए। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस परंपरा को खत्म किया जाएगा। आज रोजगार से ज्यादा रोजगार की सिक्योरिटी बड़ी चिंता है। इस व्यवस्था में आरक्षण भी लागू नहीं होता।
कर्मचारी बोले- हमें धरने की परमिशन नहीं दे रहा प्रशासन
कमलनाथ से मुलाकात के बाद मप्र कांग्रेस अस्थाई संविदा कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष बासुदेव शर्मा ने बताया कि सरकारी विभागों में अस्थाई आउटसोर्स प्रथा लागू की गई है। हमारी मांग है कि जो कर्मचारी जिन विभागों में काम कर रहे हैं उन्हें परमानेंट कीजिए। हमने पीसीसी परिसर में एक दिवसीय धरना देकर कमलनाथ जी को अपनी पीड़ा बताई है। 13 सितंबर को हम लोगों ने चिनार पार्क में धरना दिया था हमें गिरफ्तार कर लिया गया। अभी भी हमें रात दस बजे पुलिस ने बताया कि आपकी परमिशन कैंसिल कर दी गई है। छोटे लोगों को बात रोकने की अलोकतांत्रिक तरीके से कोशिश की जा रही है।