भोपाल

केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के सहयोग से भोपाल में 24 अप्रैल से युवाओं के लिए शुरू होगी ‘फ्रेंडली: शाम 6 से रात 9 बजे तक होते हैं सबसे ज्यादा सड़क हादसे

भोपाल डेस्क :

सड़क दुर्घटनाओं में किशोर और युवाओं की मौत के बढ़ते मामलों को देखते हुए इनको रोकने पर फोकस किया जा रहा है। इसी के चलते केंद्रीय परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय की पहल पर मध्यप्रदेश के महानगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में 24 अप्रैल से ‘फ्रेंडली ड्राइव’ मुहिम चलाई जाएगी। ड्राइव के दौरान जो युवा और किशोर बिना हेलमेट पहने, हाईस्पीडिंग, ड्रंक एंड ड्राइव जैसी गतिविधियां करते पाए जाएंगे उन्हें ऐसा न करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

वहीं सहयोग न करने वाले युवाओं के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। हाल ही में इस सिलसिले में केंद्रीय राजमार्ग मंत्रालय में उच्चस्तरीय मीटिंग हुई हैं। इस दौरान हुए प्रेजेंटेशन में पता चला कि देश में तमिलनाडु के बाद मध्य प्रदेश दूसरे दूसरा नंबर पर है, जहां सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। वहीं दुर्घटनाओं में अधिक मौत के मामले में मप्र चौथे स्थान पर है।

मप्र में दुर्घटनाओं में मरने वालों का आंकडा़ 11.36%

  • रिपोर्ट के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों का प्रतिशत वर्ष 2022 के दौरान 11.36% है। 2021 के मुकाबले प्रदेश में मौत का आंकड़ा 1370 तक बढ़ा। वहीं, दुर्घटनाओं का प्रतिशत 11.37 और घायलों का आंकड़ा 12.69 फीसदी तक इस दौरान बढ़ा है।
  • उम्र के अनुसार 25 से 35 वाले: सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा 25 से 35 साल तक के युवाओं की मृत्यु का आंकड़ा 27 फीसदी है। दूसरे नंबर पर इस मामले में 22 प्रतिशत किशोर 18 से 25 साल की उम्र वाले हैं। इतना ही प्रतिशत 35 से 45 वर्ष की उम्र के मृतकों का भी है। 45 से 60 साल की उम्र वाले लोगों की मृत्यु का प्रतिशत 14 रहा। साथ ही 18 साल से कम उम्र में दुर्घटना के बाद मृत्यु का आंकड़ा 6 प्रतिशत तक है।

इस समय होते हैं सबसे ज्यादा हादसे

शाम 6 से रात 9 के बीच सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। 2021 में शाम 6 से रात 9 बजे के बीच प्रदेश में 10,332 दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 2872 लोगों की मौत हुई। वहीं, दोपहर 3 से शाम 6 बजे के बीच का समय सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से दूसरे नंबर पर रहा।

  • 5 फरवरी की रात जतिन साहू दोस्त आशुतोष की बर्थ-डे पार्टी से अन्य दोस्त लोकेंद्र की मोटर साइकिल से घर लौट रहा था। रानी कमलापति स्टेशन के नजदीक बाइक तेज रफ्तार में मोड़ने के दौरान डिवाइडर से टकराने के कारण जतिन की मृत्यु हो गई। पुलिस ने लापरवाही से गाड़ी चलाने केस दर्ज किया।
  • रातीबड़ में गलत साइड में गाड़ी चला रहे भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल के अटेंडर और उसकी भाभी को डंपर ने 17 अप्रैल को रौंद दिया था। इसमें दाेंनों की मौत हो गई थी।

यह हैं कारण

  • तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना।
  • गलत दिशा से गाड़ी ले जाना।
  • शराब पीकर गाड़ियां चलाना।
  • मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए गाड़ी चलाना।
  • रेड लाइट होने पर भी गाड़ी क्रॉस करना।

टॉप-3 में भोपाल: प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में भोपाल का नंबर टॉप-3 में है। जबलपुर में सबसे ज्यादा 4046, इंदौर में 3317 और भोपाल में 2788 सड़क दुर्घटनाएं पिछले साल हुईं। चौथा नंबर धार, पांचवां ग्वालियर का रहा।

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