जयपुर

राष्ट्रीय लोक अदालत की ऎतिहासिक सफलता एक ही दिन में 20,77,010 प्रकरणों का राजीनामे से निस्तारण

जयपुर डेस्क :

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के तत्वावधान में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वर्ष, 2022 की चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का शनिवार (12 नवम्बर) को राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर व जयपुर सहित राजस्थान प्रदेश के समस्त अधीनस्थ न्यायालयों, अधिकरणों, आयोगों, उपभोक्ता मंचों, राजस्व न्यायालयों, आदि में आयोजन किया गया। जहा एक ही दिन में 20,77,010 प्रकरणों का राजीनामे से निस्तारण किया गया ।

   राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सदस्य सचिव दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय, मुख्य पीठ, जोधपुर में न्यायाधिपति राजस्थान उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति विजय विश्नोई द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया। राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ न्यायाधिपति राजस्थान उच्च न्यायालय बीरेन्द्र कुमार द्वारा किया गया। 

सदस्य सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के उपलक्ष्य में राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर एवं जयपुर में आयोजित कार्यक्रमों में न्यायाधिपतिगण व सेवानिवृत्त न्यायाधिपतिगण, राजस्थान उच्च न्यायालय, सेवानिवृत्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश, अतिरिक्त महाधिवक्तागण, रजिस्ट्री एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारीगण, राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के पदाधिकारीगण एवं विद्वान अधिवक्तागण, स्टाफ मेम्बर्स, के साथ-साथ पक्षकारान एवं विधि के विद्यार्थीगण भी उपस्थित रहे।

न्यायाधिपति बीरेन्द्र कुमार द्वारा अपने स्वागत एवं परिचयात्मक उद्बोधन में लोक अदालत हेतु गठित सभी बैंचों के अध्यक्ष व सदस्यगण, पदाधिकारीगण  अधिवक्तागण तथा आमजन का स्वागत करते हुए कहा कि आमजन के सहयोग तथा सभी हितधारको के सामन्जस्य से ही अधिक से अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया जा सकता हैं। उन्होंनें राष्ट्रीय लोक अदालत को प्रकरणों के प्रभावी निस्तारण हेतु एक कारगर माध्यम भी बताया गया। एवं अधिक से अधिक लोगों को न्याय दिलाने हेतु सभी से राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने की न्यायाधिपति ने अपील भी की।

 सदस्य सचिव गुप्ता ने बताया कि लिटिगेन्ट्स की लोक अदालत तक पहुंच सुलभ कराने हेतु माननीय न्यायाधिपति राजस्थान उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष रालसा एम. एम. श्रीवास्तव की प्रेरणा से गत लोक अदालत में रालसा-22 ऑनलाईन लोक अदालत डिजिटल प्लेटफॉर्म का अनुप्रयोग कर लोक अदालत को डिजिटल स्वरूप प्रदान किया गया था। इन लोक अदालत हेतु इस प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ताओं के लिये और सरल बनाया गया है। साथ ही इस बार लोक अदालत में प्रकरण रखवाने हेतु न्याय रो साथी मोबाईल एप को भी जन-साधारण के लिए सुलभ कराया गया है।

 उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रि-लिटिगेशन मामलों के तहत धन वसूली के प्रकरण, टेलीफोन, बिजली व पानी के बिल, फसल बीमा, मोटर वाहन एवं घातक दुर्घटना के मामले, पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिये चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं, जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित प्रकरणों के साथ-साथ नागरिक एवं सरकार या उसके किसी विभाग,उपक्रम के मध्य सभी प्रकार के विवादों को भी रखा गया है।

उन्होंने बताया कि इसी प्रकार विभिन्न न्यायालयों में पहले से लंबित चले आ रहे प्रकरणों में धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम (NI Act) के मामले, धन वसूली के मामले, मोटर वाहन,घातक दुर्घटना के मामले, वैवाहिक एवं भरण-पोषण के मामले (तलाक को छोड़कर), घरेलू हिंसा अधिनियम के मामले, श्रम एवं नियोजन संबंधित मामले, किरायेदारी एवं अन्य सिविल मामलों के अलावा दाण्डिक प्रति के राजीनामा योग्य मामलों तथा फौजदारी के लघु प्रकृति के राजीनामा योग्य मामलों को रखा गया।

गुप्ता ने बताया कि बैंक एवं वित्तीय संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर प्री-काउंसलिंग के विशेष अभियान का संचालन किया गया। सम्पूर्ण राजस्थान के ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में Door-Step काउंसलिंग हेतु विशेष अभियान चलाया गया।उन्होंने बताया कि जन सामान्य तक लोक अदालत के प्रचार-प्रसार हेतु राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया, कॉलर ट्यून, बल्क मैसेज, वॉइस फोन कॉल्स, वीडियो प्रसारण, मुख्य चौराहों पर वीडियो प्रसारण, पोस्टर प्रकाशन एवं मोबाईल वेन, इत्यादि के विशेष माध्यमों का उपयोग किया गया है। 

सदस्य सचिव गुप्ता ने बताया कि वर्ष की इस चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत में माननीय मुख्य न्यायाधिपति, मुख्य न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायलय एवं मुख्य संरक्षक रालसा पंकज मित्थल, माननीय न्यायाधिश,राजस्थान उच्च् न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष रालसा एम एम श्रीवास्त्व, माननीय न्यायाधिश  राजस्थान उच्च न्यायालय,विधिक सेवा समिति जोधपुर विजय विश्नोई एवं न्यायाधिश, राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ बीरेन्द्र कुमार, की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के 308 व जयपुर के 517 प्रकरण सहित सम्पूर्ण प्रदेश में अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए कुल 20,77,010 प्रकरणों का लोक अदालत की भावना से जरिए राजीनामा निस्तारण किया गया। राजीनामे के माध्यम से निस्तारित प्रकरणों में कुल 8,566,922,615 रुपये की राशि के विवाद सम्मिलित थे

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