जयपुर

आगामी 26 जनवरी तक प्रदेश को करें भिक्षावृत्ति से मुक्त, जिला कलेक्टर महीने में एक बार अवश्य रूप से इंदिरा रसोई में खाना खाएं – मुख्य सचिव

जयपुर डेस्क :

मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि प्रदेश को आगामी 26 जनवरी तक भिक्षावृत्ति और भिखारियों से मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि 3 महीने की अवधि में सभी भिखारियों का पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि भिखारियों को इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में जॉब कार्ड बनाकर रोजगार, इंदिरा रसोई से भोजन, कौशल विकास, रैन बसेरों में रहवास और पुनर्वास केंद्रों पर सम्मान पूर्वक जीने में संलग्न कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाए। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को इसके लिए 26 जनवरी का लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव शनिवार को शासन सचिवालय में समस्त संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।


अधिकारी नियमित रूप से इंदिरा रसोई में करें भोजन


बैठक में श्रीमती शर्मा ने कहा की सभी जिला कलेक्टर एसडीएम व अन्य अधिकारी महीने में कम से कम एक बार इंदिरा रसोई में अवश्य खाना खाएं, जिससे भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित हो सकेगी और राज्य सरकार की इस पहल का संदेश आमजन तक जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वीकृत 1000 रसोइयों में से 900 रसोईया संचालित है। उन्होंने शेष रहीं 100 रसोइयों का कार्य पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की जन्म जयंती 19 नवंबर के पहले पूर्ण करने के निर्देश दिए।
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में अधिक से अधिक श्रमिक हों नियोजित-
मुख्य सचिव ने कहा कि सितंबर माह से प्रारंभ हुई इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में सभी जिले अधिक से अधिक काम स्वीकृत कर मस्टरोल जारी करें और अधिक संख्या में श्रमिकों को नियोजित करें। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मनरेगा ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराए हैं वैसे ही शहरी क्षेत्रों में यह योजना रोजगार की तस्वीर बदलने में सहायक सिद्ध होगी।
इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना 2021 की प्रगति की समीक्षा करते हुए श्रीमती शर्मा ने कहा कि इस योजना के तहत 50 हजार रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने प्रत्येक बुधवार को जिला कलेक्टर, संबंधित बैंक मैनेजर व नगरपालिका के सहयोग से कैंप लगाने के निर्देश दिए ताकि थड़ी, स्ट्रीट वेंडर्स, छोटे खुदरा व्यापारियों को इस योजना से जोड़ा जा सके।
इन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की-
सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने को लेकर श्रीमती उषा शर्मा ने अवैध सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण, बेचान व संग्रहण यूनिट की पहचान करने व वैकल्पिक प्लास्टिक के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि सभी पात्र लोगों में से 90 प्रतिशत का 31 दिसंबर तक योजना में नामांकन सुनिश्चित किया जाए। लंपी स्किन रोग की रोकथाम व बचाव के लिए उन्होंने कहा की हालांकि अभी स्थिति नियंत्रण में है तथापि नवंबर तक सभी पशुओं के टीकाकरण के काम को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में लगभग 1 करोड़ 40 लाख से अधिक पशु हैं और 45 लाख से अधिक पशुओं का टीकाकरण पूर्ण किया जा चुका है।
बैठक में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के फेज द्वितीय के अंतर्गत किसी गांव को मॉडल गांव में परिवर्तित करने के संबंध में पंचायती राज शासन सचिव श्री नवीन जैन ने प्रस्तुतीकरण दिया। श्रीमती शर्मा ने इस संबंध में ठोस कचरे के प्रबंधन के लिए गांवों में डोर टू डोर कचरा संग्रहण अभियान को प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर चिकित्सा क्षेत्र में बेस्ट प्रैक्टिसेज, मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, राजीविका, जिलों में निर्यात संवर्धन की योजनाओं की समीक्षा भी की गई। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 12 नवंबर को किया जाएगा। मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों को राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को सार्थक बनाने के निर्देश दिए। चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित योजना की समीक्षा पर मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की पहल पर आगामी 2 महीनों में सभी जिला अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में शौचालय निर्माण, मरम्मत, टूट-फूट जैसे सुधार के सभी कार्य किए जाएं ताकि मरीजों को सरकारी अस्पतालों में बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को 10 नवंबर तक प्रपोजल तैयार कर भिजवाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सभी जिला कलेक्टरों को अच्छा कार्य करने पर प्रशंसा भी की और सभी योजनाओं के ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार पर जोर दिया।
बैठक में सभी संबंधित विभागों के प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव और उच्चाधिकारियों ने प्रत्यक्ष एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया। समस्त संभागीय आयुक्त एवं जिला कलेक्टर तथा अन्य उच्चाधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में उपस्थित हुए। 

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