उन्नत किसान: भीषण गर्मी में लहरा रही हैं सोयाबीन की फसल: एक बीघा में 5 क्वंटल निकलती हैं सोयाबीन

आनंदपुर डेस्क : सीताराम वाघेला
भीषण गर्मी और बढ़ते तापमान से जहां सभी का बुरा हाल है। गर्म हवाओं के थपेड़े एवं लू के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हैं। घरों में लगे एसी कूलर भी आग उगल रहे हैं। उसी आग बरसती धूप और तापमान के बीच गोलाखेड़ा निवासी कृषक रामगोपाल शर्मा के 5 बीघा खेत में खड़ी सोयाबीन और मूंग की फसल चर्चा का विषय बनी हुई है। रामगोपाल शर्मा ने बताया कि मैंने गेहूं की फसल कटने के बाद इस बार 3 बीघा खेत में र्सोयाबीन की फसल बोई है। जिसे सप्ताह में एक और महीना में चार बार पानी देना होता है। और यह 85 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
इसी प्रकार से 2 बीघा खेत में खड़ी मूंग भी तैयार है। शेष जमीन पर पारिजात, सिंदूर, इलायची, अनेक प्रकार के फूल सहित विभिन्न कीमती पेड़ पौधे लगाए हुए हुए हैं। पिछले वर्ष जून/जुलाई में उज्जैन महाकाल के दर्शन करने गया हुआ था वहां पर देखा कि ऐसी भीषण गर्मी में भी उज्जैन के किसान सोयाबीन की फसल कैसे ले पा रहे हैं मैंने उनसे जानकारी ली उन्होंने सही-सही जानकारी बताई, तब मेरे मन में ख्याल आया कि दो-तीन बीघा जमीन पर मैं भी प्रयोग करके देखूं। तो मैं भी वही से सोयाबीन का यह बीज 59269 लेकर आया था पिछली बार से ही मैंने यह प्रयोग किया है 16 मार्च 2024 को मैंने इस सोयाबीन की बोई थी और यह मध्य जून में काट ली जाएगी। इसका एवरेज भी बहुत अच्छा है एक बीघा में 5 क्वंटल से अधिक की पैदावार होती है। इसके अलावा मेरे खेत से लगी हुई ही नदी है। जिसका गर्मी में पानी खत्म हो जाता है। जिसे मैं प्रतिदिन ट्यूबवेल चलकर भर देता हूं। जिसका सैंकड़ों जंगली जानवर और पक्षी अपनी प्यास बुझाते हैं। यह कार्य में पिछले 15 सालों से निरंतर करते चला आ रहा हूं।
रामगोपाल शर्मा किसानों को सलाह देते हुए कहते हैं कि वह भी अपनी जमीन पर गेहूं चना की फसल काटने के बाद कुछ नया प्रयोग कर जरूर देखें। जिससे उन्हें भी अतिरिक्त लाभ मिल सकेगा मेरा यह दूसरा वर्ष है जब मैं यह सोयाबीन की फसल ले रहा हूं ना इसमें कोई खाद की आवश्यकता लगती सिर्फ एक बार बोते समय ही खाद मिला ली जाती है इसके बाद अतिरिक्त किसी प्रकार की खाद नहीं डाली जाती ना ही यूरिया सिर्फ एक महीने में चार पानी देना होता है 85 दिन में सोयाबीन की फसल पककर तैयार हो जाती है। जो भी किसान भाई मुझसे किसी भी प्रकार की ऐसी जानकारी चाहते हैं वह नी संकोच मेरे पास आकर ऐसी उन्नत खेती की जानकारी ले सकते हैं।