भोपाल डेस्क :
एमपी पॉलिटिक्स के असली ‘जय-वीरू’ कौन हैं, इस पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबा है। गुरुवार को इस फिल्मी ‘बहस’ में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कूद पड़े। हालांकि दोनों के बयान एक-दूसरे से बिल्कुल अलग थे। वहीं कांग्रेस ने बीजेपी द्वारा ‘जय-वीरू’ का टैग उपयोग करने पर कॉपीकैट बता दिया।
नरेंद्र सिंह तोमर – हम तो जय-वीरू पहले से दिमनी में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा- वो (कमलनाथ-दिग्विजय) जय-वीरू आज बने हैं, हम लोग (तोमर -शिवराज) तो कई दिनों से हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया- जय-वीरू तो चोर हैं… सिंधिया ने मैहर की जन सभा में कहा- बड़े भाई और छोटे भाई ने भ्रष्टाचार किया। वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार के केंद्र बना दिया। प्रदेश में तो उद्योग नहीं लाये, पर नया उद्योग ले आये -ट्रांसफर उद्योग का।
(सुरजेवाला के बयान पर कि नाथ-दिग्विजय जय-वीरू हैं) जय-वीरू का फिल्म में क्या रोल था? कांग्रेस का महासचिव खुद कह रहा है कि जय -वीरू (समर्थकों चिल्लाये….चोर हैं)।’ बीजेपी बैठक में तय करे, कौन गब्बर-कौन सांभा- कमलनाथ… ट्वीट कर कहा- “प्रदेश की जनता चाहती है कि उसके मुद्दों पर चर्चा हो लेकिन भाजपा के नेताओं को फिल्मी बातें सूझ रही हैं। शिवराज जी की अदाकारी तो पहले से ही मशहूर है, अब नरेंद्र तोमर जी भी फिल्मी पात्रों पर शोध कर रहे हैं। बेहतर होगा भाजपा एक आपात बैठक बुलाकर यह तय कर ले कि उनके यहां कौन गब्बर है, कौन सांभा।”