मध्यप्रदेश

यह कैसी संविदा नीति: हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी वेतनमान नहीं, स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन एसीएस सुलेमान सहित 5 अफसरों के खिलाफ वारंट जारी

भोपाल डेस्क :

हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना करने पर स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन एसीएस मोहम्मद सुलेमान समेत 5 अधिकारियों के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुआ है। मामला इंदौर के एक कर्मचारी के वेतनमान से जुड़ा है। कोर्ट ने अप्रैल 2024 में इसी कर्मचारी को 4 माह के भीतर दूसरे कर्मचारियों की तरह वेतनमान देने के आदेश दिए थे। इसके बाद भी सरकार ने उसे यह लाभ नहीं दिया।

हाई कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान विभाग से जुड़े तत्कालीन अधिकारियों एसीएस मोहम्मद सुलेमान, दिनेश श्रीवास्तव, विवेक पोरवाल, आरसी पनिका और मनीष रस्तोगी के खिलाफ वारंट जारी किया है। अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी। संविदाकर्मियों के लिए पूर्व शिवराज सरकार ने 100% वेतनमान देने की पॉलिसी बनाई थी।

स्वास्थ्य विभाग में ज्यादातर कर्मचारियों को वेतनमान मिल गया, पर कुछ कर्मचारी छूट गए। इनमें से एक पार्थन पिल्लई भी हैं। वेतनमान नहीं मिलने की शिकायत उन्होंने अफसरों से की। मदद नहीं मिली तो कोर्ट की शरण ली थी।

25 हजार कर्मियों का वेतन घटा दिया

मप्र में संविदा नीति-2023 न तो पूरी तरह से लागू हुई न वेतन समकक्षता का निर्धारण न हो पा रहा है। सभी विभागों के 25 हजार से ज्यादा अफसर-कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने के बजाए कम कर दिया गया। इंदौर हाई कोर्ट ने 5 दिन पहले मनरेगा में अफसरों के वेतन की समकक्षता का निर्धारण करते हुए उन्हें वेतनमान लागू होने से एरियर निर्धारित कर भुगतान करने का फैसला सुनाया था।

आनन-फानन में कोर्ट के फैसले के परिपालन में मनरेगा कमिश्नर एस चैतन्य कश्यप ने अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों का दोबारा समकक्षता के अनुसार वेतन निर्धारित कर एरियर का भुगतान करने के आदेश दिए हैं। मप्र में 34 विभाग ऐसे हैं, जिनमें 22 जुलाई 2023 को संविदा नीति लागू होने के बाद अब तक पूरी तरह से लागू नहीं की गई है।

ये लाभ अब तक नहीं दिए गए

  • नई पेंशन स्कीम लागू नहीं की।
  • ग्रेच्युटी, अनुकंपा नियुक्ति, मेटरनिटी लीव के आदेश जारी नहीं हुए।
  • स्वास्थ्य बीमा योजना लागू नहीं।
  • अनुबंध प्रक्रिया यथावत बनी है।

विभागों में ऐसी-ऐसी गड़​बड़ियां

  • एमपीआरआरडीसी में सहायक प्रबंधक की ग्रेड पे 5400 से घटाकर 3600 रुपए कर दी। वेतन 15 हजार रु. घट गया।
  • डाटा एंट्री आपरेटर का ग्रेड पे 2400 रु. से घटाकर 1900 कर दिया गया है। 10 हजार कर्मचारियों का वेतन 5 हजार रु. घटा।
  • सब इंजीयिनर की ग्रेड पे 4200 से 3200 रुपए कर दिया है। 3500 उपयंत्रियों का वेतन 10 हजार रु. कम हुआ।
  • सोशल आडिट में जिला समन्यवक का ग्रेड पे 4200 की जगह 3200 रुपए कर दिया गया है। इससे 10 हजार रुपए वेतन कम हो गया है।
  • मनरेगा में जिला परियोजना अधिकारी का ग्रेड पे 5400 घटाकर 3200 रुपए कर दिया गया है जिससे वेतन 15 हजार रुपए कम हो गया।
  • वाटरशेड मिशन के जिला प्रबंधक का ग्रेड पे 5400 से घटाकर 3600 रुपए कर दिया है, जिससे वेतन में 15 हजार रुपए कम कर दिया है।
  • कुल 35 विभागों में से ऊर्जा विभाग इकलौता विभाग है जिसने संविदा नीति 2023 का पालन किया है और वेतन निर्धारण में समकक्षता का पालन नहीं किया है।

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