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टोल पूरा-सड़क आधी, राष्ट्रीय राजमार्ग 44 दशा बदहाल: उस पर भी बड़े एक फीट तक गहरे

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राष्ट्रीय राजमार्ग 44 इन दिनों बदहाल है। इस सड़क पर सागर से आगे नरसिंहपुर की ओर बढ़ने पर दो टोल नाका हैं। इन दोनों पर शुल्क भी पूरा लिया जा रहा है, लेकिन वाहनों को चलने के लिए सड़क अ‌ाधी ही मिल रही है। यह जो अ‌ाधी सड़क मिल रही है उस पर भी गड्ढे हैं। कई जगह तो यह गड्ढे आधे फीट से एक फीट तक गहरे हैं। कई स्थानों पर सड़क चार पट्टियों में बंट गई है।

वाहन चालक अपने पहियों के लिए ठीक-ठाक सड़क ढूंढते हुए आगे बढ़ते हैं। कुछ स्थानों पर यह ठीक-ठाक सड़क भी नहीं मिलती औैर पहिए गड्ढों में गिरते हैं। एकाएक गड्ढे में चक्का जाने से वाहन का नुकसान तो होता ही है दुर्घटनाग्रस्त भी हो रहे हैं। गड्ढों वाली अ‌ाधी सड़क हो जाने के बावजूद टोल पूरा व ज्यादा दबंगई से वसूला जा रहा है। इन दोनों नाकों पर ही एक ओर से ही 235 रुपए साधारण चार पहिया वाहन को देने पड़ रहे हैं। ट्रक व अन्य भारी वाहनों का शुल्क तो हजार से अधिक हो जाता है।

झिराघाटी में चार पट्टियों में बंटा हाईवे

सागर से झिराघाटी व उसके आगे तक नेशनल हाईवे कई स्थानों पर चार पट्टि​यों में बंट गया है। झिराघाटी में उस ओर से आने में वाहनों को बेहद मुश्किल हो रही है। यहां चढ़ाई में बीच सड़क पर नाली बन गई है, बारिश होने पर इसमें पानी बहता रहता है, ट्रक चालक यहां से गुजरने में कतराते हैं, बच-बचकर ट्रक निकालते हैं और ट्रक खड़े हो जा रहे हैं। यहां सड़क कुछ स्थानों पर धंसने भी लगी है।

टोल नाका से बेरखेरी गुरु तक उखड़ गई सड़क

सागर की ओर आने पर चितौरा टोल टैक्स नाका से बेरखेरी गुरु तक सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। चार पहिया वाहन मुश्किल से निकल पा रहे हैं। कुछ स्थानों पर तक पूरी सड़क उखड़ी हुई है। सागर से 28, 29 और 30वें किलोमीटर में भी सड़क खराब है। गिट्टी निकल आई है। वाहन चलाने पर कंपन महसूस होता है।

भास्कर ने रविवार को नेशनल हाईवे की स्थिति सागर जिले की सीमा के आखिरी छोर तक जाकर सड़क देखी। 90 किलोमीटर की इस सड़क में ऐसा कोई किलोमीटर नहीं जिसमें गड्ढे न हों। छोटे-बड़े, उथले-गहरे गड्ढे पूरी सड़क पर हो गए हैं। तीन-चार दिन की बारिश में ही नेशनल हाईवे 44 जवाब दे गया है, सबसे बड़ी विडंबना यह कि इसे बेहतर रखने की जिम्मेदारी उठाने वाले शुल्क तो पूरा वसूल रहे हैं लेकिन वाहनों के लिए सुगम यातायात देने वाली सड़क नहीं दे पा रहे हैं। इस छोर से उस छोर तक सड़क बदहाल है लेकिन सुधार कार्य कहीं होता नजर नहीं आ रहा है।

रखरखाव व निर्माण लागत वसूलने लिया जाता है टैक्स

जानकारी के मुताबिक टोल टैक्स सड़क के रखरखाव व निर्माण लागत वसूलने के ​लिए ही वसूला जाता है ताकि वाहन चालकों को एक बेहतर सड़क मिले लेकिन यहां ऐसा नहीं है। टोल टैक्स तो पूरा वसूला जा रहा है लेकिन सड़क बदतर मिल रही है।

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