अनंत चतुर्दशी पर झांकी परंपरा का इस बार 101वां वर्ष: पार्किंग सुधारें तो टूट सकता है 5 लाख दर्शकों का 6 साल पुराना रिकॉर्ड
इंदौर डेस्क :
अनंत चतुर्दशी पर हमारी झांकी परंपरा का इस बार 101वां वर्ष है। परिस्थितियां कैसी भी रही हों, चल समारोह में लोगों के शामिल होने का उत्साह कभी कम नहीं हुआ। साल 2018 में रिकॉर्ड 5 लाख लोग शामिल हुए। वर्ष 2019 में चल समारोह के दौरान ही एकमुश्त 2 इंच बारिश के बाद भी कारवां नहीं थमा।
इस ऐतिहासिक धार्मिक उत्सव में लोगों की सहभागिता और कैसे बढ़ाई जाए, इस पर भास्कर ने चल समारोह मार्ग के रहवासी, दुकानदारों और प्रबुद्धजन से उनके विचार जाने। सभी ने कहा- पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधि मिलकर अगर झांकी मार्ग पर बैठक, खान-पान व्यवस्था और पार्किंग के साथ ही सुविधाघर जैसी जरूरतों को और बेहतर बना दे तो इस बार लोगों के शामिल होने के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट सकते हैं। सभी ने एक स्वर में कहा, अब समय आ गया कि हमारी इस परंपरा को भी यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में स्थान मिले। इसके लिए वे हरसंभव मदद को तैयार हैं।
प्रयास करें तो दोगुना होगा उत्साह : समय पर निकलें झांकियां, स्वागत मंच सीमित हों
सानंद न्यास के अध्यक्ष जयंत भिसे कहते हैं, प्रशासन ने रंगपंचमी पर भवनों की छतों को किराए पर दिया था। इसी तर्ज पर प्रशासन को झांकी देखने का इंतजाम भी करना चाहिए। लोग पैसा देने को तैयार हैं, बस उन्हें सुविधाएं और सुरक्षा चाहिए। झांकी का समय भी निर्धारित करना चाहिए। कोशिश हो कि रात 2 बजे तक सारी झांकियों के दर्शन हो जाएं। जहां बैठने की व्यवस्था है, वहीं पर लोगों को पार्किंग भी मिले। झांकियों के बीच जहां गैप ज्यादा हो, वहां महिलाओं की भजन मंडली लोगों का ध्यान खींच सकती है।
- 26 झांकियां इस बार निकलेंगी
- 15 झांकी मिलों ने बनाई हैं
- 11 झांकियां शासकीय हैं
- 90 अखाड़े होंगे शामिल
महिलाओं की सुरक्षा और बैठक व्यवस्था अच्छी हो खजराना गणेश मंदिर के पुजारी पंडित अशोक भट्ट कहते हैं, लोग परिवार सहित पहुंचते हैं। वे चाहते हैं महिलाएं जुलूस के दौरान सुरक्षित रहें। उन्हें बैठने की अच्छी जगह मिले। पुलिस-प्रशासन को इस दिशा में काम करना चाहिए। खाने-पीने के अच्छे इंतजाम हों। हम खजराना मंदिर की तरफ से सब्जी-पूड़ी के पैकेट वितरित करेंगे।
बेसिक ड्रग्स डीलर्स एसो. के महासचिव जयप्रकाश मूलचंदानी ने कहा, प्रशासन पार्किंग व्यवस्था सुधारे, ताकि झांकी देखने आए लोगों को अपने वाहनों की फिक्र न हो। लोगों को झांकी देखने के लिए आरामदायक जगह चाहिए। हम संगठन की तरफ से बैठक व्यवस्था पर काम करेंगे। महिलाओं के लिए सुविधाघर का इंतजाम हो। भोजन, नाश्ता के साथ पानी की पर्याप्त व्यवस्था जरूरी है।
सिटी बसें फ्री कर देना चाहिए राजबाड़ा क्षेत्र के रहवासी मुकेश पंडित का मानना है, रात में लोगों को लाने छोड़ने के लिए सिटी बसें फ्री कर देना चाहिए। जनप्रतिनिधियों को चाय, पोहे, समोसे के स्टॉल लगाने चाहिए। जेल रोड के रहवासी आदर्श दुबे कहते हैं, प्रशासन को झांकियों का समय निर्धारित करना चाहिए, ताकि लोग कम समय में सारी झांकी देख सकें। उन्हें लंबा इंतजार नहीं करना पड़े। झांकी मार्ग में स्वागत मंच की संख्या भी तय हो।
पार्किंग का बेहतर इंतजाम करेंगे ^इस बार हम जुलुस मार्ग के आसपास पूरी प्लानिंग से पार्किंग का बेहतर इंतजाम करेंगे, ताकि लोगों समस्या नहीं हो। झांकी मार्ग में जो स्थान किराए पर देने जैसे होंगे, उन पर प्रशासन गंभीरता से विचार करेगा। लोगों के लिए कुर्सियों का इंतजाम करेंगे। संगठनों को खाने-पीने की सामग्री के लिए स्टॉल लगाने की अनुमति मिलेगी। झांकी निकलने के समय पर विचार किया जाएगा। अस्थायी सुविधाघर लगाने का प्रयास भी करेंगे। – आशीष सिंह, कलेक्टर
गड़बड़ी पर तुरंत हिरासत में लेंगे ^झांकी मार्ग में इस बार 6 स्थानों पर कंट्रोल रूम रहेंगे, ताकि कहीं से भी गड़बड़ी की सूचना मिले तो तत्काल फोर्स पहुंच सके। वॉच टॉवर और सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। सिविल ड्रेस में भी पुलिस तैनात रहेगी। नशेड़ी और हुड़दंगियों को तत्काल लॉकअप में बंद करेंगे। – राकेश गुप्ता, पुलिस कमिश्नर