स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ बौद्ध मठ था: उसके बाद बद्रीनाथ धाम हिंदू तीर्थ स्थल बनाया गया, मायावती का पलटवार
न्यूज़ डेस्क :
बद्रीनाथ धाम पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद अचानक सियासी माहौल गरमा गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी सर्वे को लेकर कहा कि 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ बौद्ध मठ था। उसके बाद बद्रीनाथ धाम हिंदू तीर्थ स्थल बनाया गया।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा,”स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी सरकार में लंबे समय तक मंत्री रहे। तब उन्होंने पार्टी और सरकार पर दबाव क्यों नहीं बनाया। अब चुनाव के समय, ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना, उनकी व सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है।”
इस बयान के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,”महागठबंधन के सदस्य सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान उनकी देश और धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है।”
स्वामी ने कहा-किसी बौद्ध, दलित को खुश करने के लिए बयान नहीं दिया
इस पूरे मामले पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा,”मैंने किसी बौद्ध या दलित को खुश करने के लिए बयान नही दिया है। मैंने कहा था कि BJP हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई को तोड़ने का काम करती है। संविधान कहता है, सभी धर्म का सम्मान करें। अगर यह हर मस्जिद में मंदिर खोजेंगे, तो लोग मंदिर में बौद्ध मंदिर भी खोजना शुरू कर देंगे। क्योंकि ऐतिहासिक इमारतों के प्रमाण हैं। धार्मिक स्थलों को लेकर ये परंपरा BJP को महंगी पड़ेगी। हमने बद्रीनाथ और केदारनाथ की बात की। मगर, जितने भी मंदिर बनाए गए हैं, सब पहले बौद्ध मंदिर ही थे।”
‘मैं मायावती पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता’
उन्होंने कहा,”उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की। कहा कि मौर्य जी ने हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। मैं मुख्यमंत्री से कहना चाहूंगा कि आपको सभी की आस्था का सम्मान करना चाहिए। मैंने जो बयान दिया, उस पर चिंतन करे। समझे। इंग्लैंड के लेखक चार्ल्स एलन ने किताब अशोका ‘द सर्च फॉर इंडियाज लास्ट एम्परर’ में लिखा कि उत्तराखंड का बद्रीनाथ, पूरी का जगन्नाथ, केरल का अयप्पा की मूर्तियों को देव मूर्तियों में या लिंग में परिवर्तित किया गया है।
राहुल सांकृत्यायन ने अपनी किताब ‘हिमालय परिचय’ में कुछ ऐसा ही जिक्र किया है। जब बसपा प्रमुख मायावती की टिप्पणी पर स्वामी प्रसाद मौर्य से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मायावती मेरी नेता रही हैं, इसलिए मैं उन पर टिप्पणी नहीं करना चाहता।”
अब पढ़िए स्वामी प्रसाद ने क्या-कुछ ट्वीट किया
स्वामी ने कहा-देश के सभी हिंदू मंदिरों की जांच हो
दरअसल, इस पूरे मामले की शुरुआत ज्ञानवापी परिसर के सर्वे से शुरू हुई। कोर्ट के आदेश के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने सवाल उठाए। उनका बयान था कि बद्रीनाथ सहित अनेक मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं। तब आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों? देश के सभी हिंदू मंदिरों की भी जांच होनी चाहिए।
स्वामी बोले-हम गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ना चाहते
दैनिक भास्कर ने स्वामी प्रसाद मौर्य से बात की। उनके दावे का आधार क्या है? उन्होंने कहा ASI ही इसकी जांच करा लें। 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ धाम भी बौद्ध मठ था। आदि शंकराचार्य ने उसे हिंदू मंदिर बनाया। ऐसे में, अगर कोई एक दावा सामने आएगा। तो सबका दावा भी सुनना पड़ेगा। हम गड़े मुर्दे उखाड़ना नहीं चाहते हैं। मैं हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई आपस में सब भाई-भाई में यकीन करता हूं। हम भाईचारे में भरोसा करते हैं। हम समाज को बांटने में नहीं, बल्कि जोड़ने पर यकीन करते हैं।”
मायावती ने कहा-यह विशुद्ध राजनीतिक बयान
अब आपको मायावती ने क्या पलटवार में कहा, ये भी पढ़वाते हैं। उन्होंने लिखा समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैं। आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मंदिरों का भी होना चाहिए। नए विवाद को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान है।