भोपाल डेस्क :
चुनावी साल में सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान देने की घोषणा की है।घोषणा का कर्मचारी संघों ने स्वागत भी किया है, लेकिन इसका एक तकनीकी पहलू यह भी है कि चार स्तरीय में से चौथा समयमान वेतनमान 2.50 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को नहीं मिल पाएगा। इसकी वजह बताते हुए विशेषज्ञ कहते हैं कि चौथा समयमान वेतनमान 35 वर्ष की सेवा अवधि में दिया जाएगा। 4.35 लाख में से 2.50 लाख से ज्यादा ये कर्मचारी इतनी सेवा अवधि पूरी ही नहीं कर पाएंगे।
इनको नहीं मिल पाएगा, समझें क्यों
* जो दैनिक वेतनभोगी रेगुलर हुए, उनकी 5-10 साल की सेवा अवधि दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में ही गिनी जाएगी। यह सेवा अवधि में काउंट नहीं होगी।
* जो सरकारी नौकरी में 30 साल की उम्र में या उसके बाद आए। क्योंकि रिटायरमेंट की आयु सीमा 62 वर्ष है। यह 35 साल की सेवा अवधि पूरी नहीं कर पाएंगे।
* सरकारी ने नौकरी में न्यूनतम आयु सामान्य वर्ग की 40 साल कर दी है। इस आयु समूह में नौकरी करने वालों की सेवा अवधि भी 35 वर्ष पूरी नहीं हो पाएगी।
जिनको मिलेगा, उनको ये फायदा होगा
- प्रथम श्रेणी,,,, 4500 से रुपए 7000
- द्वितीय श्रेणी,,, 1000 से रुपए 4500
- तृतीय श्रेणी,, 1500 से रुपए 3000
- चतुर्थ श्रेणी,,,,1000 से रुपए 1500
फार्मूला तैयार, व्यवहारिक दिक्कतें नहीं होंगी
“1 जुलाई 2023 से यह लागू होगा। 35 वर्ष की सेवा अवधि पर चौथा समयमान वेतनमान दिया जाएगा। रिटायरमेंट की आयु सीमा भी 2 साल बढ़ चुकी है, इसलिए अधिकारियों कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। व्यावहारिक दिक्कत नहीं आएगी, इसके लिए बाकायदा फार्मूला तैयार किया गया है।”
-अजय चौबे, राज्य सरकार के वित्तीय सलाहकार, सचिव कर्मचारी आयोग
समझें गणित… चौथा समयमान वेतनमान मिलने पर कितना इजाफा
कर्मचारी मामलों के जानकार एमपी द्विवेदी के मुताबिक यदि किसी तृतीय श्रेणी कर्मचारी का ग्रेड पे ₹3200 है। उसे चौथा समयमान वेतनमान मिलेगा तो अगला ग्रेड पे भी बढ़कर ₹3600 मिलेगा। इस पर प्रचलित दर से मिल रहा महंगाई भत्ता (42%) जुड़ेगा। इस तरह ग्रेड पे ₹400, डीए में 168 रु. और वेतन निर्धारण के फिगमेंट फार्मूले के मुताबिक 1732 रुपए वार्षिक वेतनवृद्धि होगी। इस तरह इनके वेतन में ₹2300 की बढ़ोतरी होगी। तय फार्मूले के अनुसार वार्षिक वेतन वृद्धि मूल वेतन की तीन परसेंट बढ़ाई जाती है। इस तरह जिन्हें जितनी सैलरी मिल रही है उन्हें इस तरह फायदा होगा।
अध्यापकों की यह तकनीकी समस्या अब तक खत्म नहीं हुई
आजाद अध्यापक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल बताते हैं 1998 में नियुक्त हुए शिक्षा कर्मी जो अभी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक हैं उन्हें 2010 में पहला क्रमोन्नत वेतनमान मिला था। दूसरा समयमान वेतनमान 2020 में मिलना था लेकिन अब तक नहीं मिला। 2006 से 2010 तक की नियुक्ति वालों को दूसरा क्रमोन्नत और समयमान वेतनमान नहीं मिला।
समझें समयमान वेतनमान का फाॅर्मूला
रिटायर्ड चीफ सेक्रेटरी केएस शर्मा के मुताबिक 2006 से पहले प्रदेश के अधिकारियों- कर्मचारियों को क्रमोन्नत वेतनमान दिया जाता था। जिन्हें प्रमोशन नहीं मिल पाता था, उन्हें यह वेतनमान दिया जाता है। 2006 में छठवां वेतनमान लागू हुआ, तब इसे समयमान वेतनमान कर दिया गया। अभी कर्मचारियों को त्रिस्तरीय समयमान वेतनमान मिलता है। 1 अप्रैल 2006 के बाद 10 साल की सेवा अवधि पूरी करने पर पहला, 20 साल बाद दूसरा और 30 साल में तीसरा समयमान वेतनमान दिया जाता है। अभी सिर्फ डॉक्टर्स के लिए चौथा समयमान वेतनमान लागू था।