
आनंदपुर डेस्क :
जब से प्रदेश में तीन नए जिले और एक संभाग बनाए जाने की खबर वायरल हुई हैं। तब से ही सिरोंज फिर सुर्खियों में है। सोशल मीडिया से लेकर गली मोहल्ला और चौपालों तक सिरोंज की ही चर्चाएं हैं। हाल ही में बीजेपी सहित अनेक संघ संगठनों द्वारा सिरोंज को जिला बनाए जाने के समर्थन में ज्ञापन और स्थानीय विधायक उमाकांत शर्मा द्वारा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मिलकर सिरोंज को जिला बनाए जाने की मांग करने से चर्चाओं को ओर अधिक बल मिला है।

सिरोंज का इतिहास
सिरोंज मध्यप्रदेश में जुड़ने से पूर्व तक राजस्थान की टोंक रियासत का अंग था। वर्ष 1956 के परिसीमन के बाद इसे म.प्र. की विदिशा जिले में जोड़ दिया गया। तब ही से इसे जिला बनाए जाने की मांग चल रही है। आंदोलन की शुरुआत सिरोंज जिला बनाओ समिति के माध्यम से वरिष्ठ वकील लेखराज सिंह बघेल अवधनारायण शर्मा राकेश गोहिल केशर खान इत्यादि के द्वारा की गई। जिसे भविष्य में गति देते हुए जावती निवासी ब्रजनारायण शर्मा द्वारा सिरोंज से दिल्ली तक साइकिल यात्रा निकालकर एवं राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपकर बनाए रखा। तत्पश्चात आंदोलन को सामाजिक संगठन जन चेतना मंच एक दशक से प्रभावी रूप से उठाए हुए है। इस बीच चाहे प्रस्तावित चाचौड़ा जिला में लटेरी क्षेत्र को मिलाए जाने के विरोध में अर्धनग्न प्रदर्शन हो, सिरोंज संघर्ष समिति या पूर्व कमिश्नर सभाजीत यादव की न्याय मंच का सिरोंज लटेरी में धरना प्रदर्शन…सभी के साथ समन्वय बनाकर आंदोलन को जीवित बनाए हुए है।

अब आगे क्या होगा
एडवोकेट कपिल त्यागी ने आगामी रविवार को सिरोंज में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। जिसमें सिरोंज को लेकर भावी रेखरेखा तैयार की जाएगी। वहीं सामाजिक संगठन जन चेतना मंच भी एक बड़े आंदोलन की तैयारी में है। अब सबकी नजर आयोग की रिपोर्ट पर टिकी हैं। जिसके आधार पर सरकार तहसील व जिलों की सीमाएं निर्धारित करेगी। यदि मीडिया की मानें तो परिसीमन आयोग निमाड़ को संभाग सहित विदिशा से सिरोंज की अनुशंसा कर सकता है। विदित हो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सितंबर वर्ष 2023 में सेवानिवृत आईएस मनोज श्रीवास्तव, मुकेश शुक्ला के नेतृत्व में परिसीमन आयोग का गठन किया था। जिसका प्रमुख कार्य राज्य की सीमाओं का पुनः परिसीमन कर नए संभाग, जिला व तहसील बनाए जाने की अनुशंसा करना है। यह आयोग अभी तक भोपाल, ग्वालियर और सागर संभाग के जिला अधिकारियों के साथ मिलकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर चुका है। शेष संभागों की रिपोर्ट भी बहुत जल्द बनाकर आगामी माह तक सरकार को सौंपेगा। जिसके आधार पर नए संभाग, जिला व तहसीलों की घोषणा हो सकती है।




