भोपाल

शिवराज बने शिक्षक : अपनी कमाई से राष्ट्रीय ध्वज खरीद कर फहराने की अपील , शिवराज मामा की पाठशाला से वर्चुअल जुड़े प्रदेश के विद्यार्थी

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज की विकास गाथा पर ली विद्यार्थियों की क्लास

भोपाल के मॉडल स्कूल में हर घर तिरंगा अभियान,

स्वतंत्रता संग्राम और तिरंगा फहराने के नियमों की दी जानकारी

भोपाल डेस्क :

 “विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा, इसकी शान न जाने पाए, चाहे जान भले ही जाए” यह केवल गीत नहीं आजादी की लड़ाई का मंत्र था। भारत सांस्कृतिक रूप से सदा से ही एक रहा है। हमारे देश का गौरवशाली इतिहास रहा। भारत की समृद्धि की चर्चा पूरी दुनिया में होती थी। इसी के परिणामस्वरूप पुर्तगाली, डच, अंग्रेज आदि कई विदेशी शक्तियाँ भारत आईं और हमें आपसी फूट के कारण गुलाम होना पड़ा। अंग्रेजों के विरूद्ध भारत में वर्ष 1761 में संयासी विद्रोह और फकीर विद्रोह से संघर्ष आरंभ हुआ। पहला स्वतंत्रता संग्राम 1857 में अमर शहीद मंगल पांडे ने आरंभ किया। स्वतंत्रता के लिए चले लंबे संघर्ष में अनेकों शहीदों के बलिदान के परिणामस्वरूप हमारा देश स्वतंत्र हुआ। स्वतंत्रता की इस लड़ाई में हमारे ध्वज का बहुत महत्व रहा। यह सब बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों की पाठशाला में कहीं

मुख्यमंत्री भोपाल के मॉडल स्कूल में “शिवराज मामा की पाठशाला” को संबोधित कर रहे थे। कक्षा में उपस्थित विद्यार्थियों को “हर घर तिरंगा” अभियान, स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्रीय ध्वज की विकास गाथा और तिरंगा फहराने के नियमों की जानकारी दी। मॉडल स्कूल भोपाल द्वारा “हर घर तिरंगा” अभियान के लिए विकसित लीफलेट का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि अब देश के लिए मरने की नहीं, जीने की जरूरत है। देश के प्रति समर्पण के साथ पर्यावरण-संरक्षण और समाज-कल्याण की गतिविधियों के साथ जुड़ने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल के लोकव्यापीकरण के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम की संक्षिप्त जानकारी देते हुए महात्मा गांधी, बालगंगाधर तिलक, शहीदे आजम भगत सिंह, वीर सावरकर, चाफेकर बंधु, चंद्रशेखर आजाद, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, नेता जी सुभाष चंद्र बोस के योगदान और जलिया वाला बाग सहित सविनय अवज्ञा आन्दोलन आदि पर प्रकाश डाला।

मुख्यमंत्री चौहान ने तिरंगे की लंबाई-चौड़ाई के अनुपात, ध्वज को फहराते समय ध्यान रखने वाले बिंदुओं और भारतीय ध्वज संहिता की जानकारी देते हुए कहा कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज, भारत के लोगों की आशाओं और आकाँक्षाओं को दर्शाता है। यह राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। जब भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे। जहाँ झंडे का प्रदर्शन खुले में किया जाता है या जनता के किसी व्यक्ति द्वारा घर पर प्रदर्शित किया जाता है, वहाँ उसे दिन एवं रात में फहराया जा सकता है। ध्वज को सदा स्फूर्ति से फहराया जाए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए। ध्वज फहराते और उतारते समय यदि बिगुल बजाया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाए कि ध्वज को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय ध्वज के विकास क्रम के संबंध में विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। मुख्यमंत्री ने शासकीय बालक हाई स्कूल सोहागपुर शहडोल के देव बैगा, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बॉयां जिला सीहोर की कुमारी सलोनी सोनी, मॉडल स्कूल भोपाल के अनुज परमार तथा कुमारी सोनिया मीणा के प्रश्नों का समाधान भी किया।

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