शिव महापुराण कथा: पं. प्रदीप मिश्रा बोले- बच्चों को संस्कार दें: फिर दिल्ली में साक्षी के साथ जो हुआ, वो किसी के साथ नहीं होगा
भोपाल डेस्क :
भोपाल में कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले की शिव महापुराण कथा सुनने के लिए शनिवार को भीषण गर्मी के बावजूद लाखों श्रद्धालु पहुंचे। करोंद के 55 एकड़ ग्राउंड में ऐसी जगह नहीं थी, जहां श्रद्धालु नहीं बैठे या खड़े थे। कथा के दौरान उन्होंने दिल्ली के साक्षी हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। फिर साक्षी के साथ जो हुआ, वह किसी बच्चे के साथ नहीं होगा। कथा 14 जून तक प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक चलेगी।
भोपाल में शनिवार को तापमान 41.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, दिन में गर्म हवाएं भी चलीं। बावजूद पं. मिश्रा की कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह 11 बजे से ही श्रद्धालु पंडाल में पहुंच गए। दोपहर ढाई बजे के बाद कथा शुरू हुई। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने परिवार समेत पूजा-अर्चना की। इसके बाद पं. मिश्रा ने कथा शुरू हुई। उन्होंने कथा में आए श्रद्धालुओं को धन्यवाद भी कहा। कथा के दौरान कई प्रसंग सुनाएं। इस दौरान जयकारे भी खूब गूंजे।
पं. मिश्रा ने कहा कि राजा भोज की नगरी भोपाल पर शिव की महान अनुकंपा है, जो यहां महामृत्युंजय शिव पुराण कथा आयोजित हो रही है। जिसमें पहले ही दिन इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना भी भगवान शंकर की अनुकंपा है। वास्तव में भोपाल शिवमय हो गया है।उन्होंने कहा कि भगवान शंकर की करुणा और कृपा संपूर्ण विश्व में व्याप्त है। उनकी कृपा दृष्टि से ही यह जगत संचालित है। जब तक शिव की कृपा नहीं होती, जीवन में हम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकते।
शिवपुराण में 24 हजार श्लोक हैं। उनमें से एक श्लोक ही नहीं, बल्कि एक शब्द मात्र को भी जीवन में धारण करने से इस मानव देह के लिए सिद्ध हो जाता है। उन्होंने कहा कि हमें मनुष्य का शरीर तो मिल गया, लेकिन हमने इसके महत्व को नहीं समझा तो सब बेकार है। मानव देह का महत्व भगवान की भक्ति में है। उन्होंने बताया कि शिव अत्यंत दयालु महादेव हैं। शिवमहापुराण में देवराज ब्राम्हण का दृष्टांत देते हुए उन्होंने विश्वास दिलाया कि ह्दय से किया गया मंत्रजाप हमारे जीवन को सफल बना देता है।
पं. मिश्रा ने यह भी कहा
- जिस तरह हमारा अटैचमेंट अटैची से नहीं, बल्कि उसमें रखी कीमती वस्तुओं से होता है। वैसे ही, देह में आत्मा और परमात्मा से अटैचमेंट कीजिए।
- अपने बच्चों को हर हाल में संस्कारित बनाइए।
- घर में बनाओगे अनुशासन तो पैदा नहीं होगा दुशासन।
- रक्त सिर्फ रक्त होता है रक्त की कोई जात नहीं होती।
- परमात्मा के द्वार पर जाति नहीं, बल्कि कर्म देखा जाता है।
मंत्री सारंग ने पत्नी के साथ की पूजा-अर्चना
कथा के शुभारंभ से पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग और उनकी धर्मपत्नी रूमा सारंग ने व्यासपीठ की पूजा-अर्चना की। मंत्री सारंग ने कहा कि हम उस सनातन धर्म में जन्में हैं, जो सारे विश्व को दिशा प्रदान कर रहा है और भारत विश्व गुरु की भूमिका निभा रहा है। कार्यक्रम में नगर निगम महापौर मालती राय के साथ कई लोग मौजूद थे।
कथा में साधु-संत भी आए
कथा पंडाल में लाखों श्रद्धालुओं के बीच साधु-संत भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। गुफा मंदिर महंत रामप्रवेशदास जी महाराज, षड़दर्शन साधु समाज के प्रमुख कन्हैयादास उदासीन, अखिल भारतीय संत समिति के कार्यकारी अध्यक्ष महंत अनिलानंद उदासीन, महंत राधामोहन दास, महंत लोकनाथ, महत मणिराम दास व आचार्य गंगाप्रसाद दुबे उपस्थित रहे।
हरदा के छात्र अनुज ने नौ मिनट तक किया शंखनाद
हरदा से आए कक्षा आठवीं के छात्र 13 वर्षीय अनुज तिवारी ने लगातार नौ मिनट तक शंखनाद करके उपस्थित जनों को भावविभोर कर दिया।
बता दें कि भीड़ को देखते हुए 55 एकड़ में पंडाल व्यवस्था की गई है। तीन बड़े वॉटरप्रूफ डोम बनाए गए हैं। कथा में शामिल होने के लिए रूटवार प्लान भी तैयार किया गया है, ताकि श्रद्धालु किस गेट से पंडाल में पहुंचे और कहां गाड़ी पार्क करें। कथा के लिए करोंद में पीपुल्स मॉल के पीछे बड़े एरिया में पांच से छह टेंट की व्यवस्था है। 6 मुख्य समेत 10 गेट है। वहीं, 200 एकड़ में 13 पार्किंग बनाई गई है। पं. मिश्रा की व्यासपीठ के लिए अलग व्यवस्था की गई है। करीब 72 वर्ग फीट लंबा मंच बना है। इसकी ऊंचाई करीब 10 फीट है।
एक दिन पहले निकली शोभायात्रा
कथा से पहले शुक्रवार को शहर में शोभायात्रा भी निकाली गई। इसमें पं. प्रदीप मिश्रा भी शामिल हुए। शोभायात्रा घंटों तक शहर में घूमती रही। श्रद्धालुओं ने पं. मिश्रा का पुष्पवर्षा का स्वागत किया।