जन्माष्टमी पर बेशकीमती रत्नों से जड़े बेशकीमती गहनों से श्रृंगार किया गया।: कड़ी सुरक्षा में बैंक से मंदिर पहुंचे गहने
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने किए भगवान के दर्शन
ग्वालियर डेस्क :
ग्वालियर में गुरुवार को जन्माष्टमी के मौके पर शहर के फूलबाग चौराहे पर स्थित गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। जहां राधा-कृष्ण की मूर्ति को सिंधिया रियासत के समय बने 100 करोड़ के हीरा, नीलम, पन्ना, माणिक और पुखराज जैसे बेशकीमती रत्नों से जड़े बेशकीमती गहनों से श्रृंगार किया गया। इन गहनों को कड़ी सुरक्षा के बीच बैंक के लॉकर से निकालकर मंदिर तक पहुंचाया गया था। इससे पहले राधा कृष्ण की मूर्ति का दूध, दही और जल से अभिषेक करने के उपरान्त इन बेशकीमती गहनों को राधा-कृष्ण को पहनाकर आरती उतारी गई, भगवान राधा-कृष्ण की आरती करने के बाद भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।
बता दें कि इन बेशकीमती गहनों को भगवान राधा कृष्ण को पहने हुए देखने के लिए मंदिर के बाहर सैकड़ो श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई थी। मंदिर के पट खुलते ही मंदिर के बाहर खड़े से श्रद्धालुओं मंदिर के अंदर पहुंचे और राधा कृष्ण की दर्शन किए, पूरी साल में एक दिन के लिए गोपाल मंदिर के पद श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं।
मंदिर की स्थापना 102 साल पहले हुई थी
गोपाल मंदिर की स्थापना 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी। उन्होंने भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तन और पहनाने के लिए रत्न जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे। इनमें राधा-कृष्ण के 55 पन्ना जड़ित सात लड़ी का हार, सोने की बांसुरी जिस पर हीरे और मालिक लगे हैं, सोने की नथ, जंजीर और चांदी के पूजा के बर्तन हैं। हर साल जन्माष्टमी पर इन जेवरातों से राधा-कृष्ण का शृंगार किया जाता है। इस स्वरूप को देखने के लिए भक्त सालभर का इंतजार करते हैं। यही वजह है कि भक्तों का दर्शन के लिए तांता लगा रहता है। इनमें विदेशी भक्त भी शामिल रहते हैं।
नगर निगम करता है गहनों और मंदिर की देखरेख
गोपाल मंदिर में राधा-कृष्ण पर चढ़ाए जाने वाले बेशकीमती व एंटीक गहनों का रख-रखाव और उनको बैंक से निकालने का काम नगर निगम प्रशासन के जिम्मे रहता है। गोपाल मंदिर में विराजमान राधाकृष्ण के विशेष श्रृंगार के लिए बेशकीमती गहनों को बैंक लॉकर में रखा जाता है। नगर निगम ग्वालियर के पास इनको निकालने व रखने का अधिकार है। जन्माष्टमी से पहले एक समिति बनाई जाती है, जो जन्माष्टमी की सुबह गहनों को बैंक लॉकर से निकालकर राधा-कृष्ण का शृंगार करवाती है। गुरुवार सुबह नगर निगम की समिति द्वारा यह गहने बैंक लॉकर से निकालकर लाए जाएंगे। रात भर मंदिर भक्तों के लिए खुला रहता है। अगले दिन सुबह गहने निकालकर उन्हें बॉक्स में रखकर वापस बैंक लॉकर में रखवा दिया जाता है। यह पुलिस की विशेष सुरक्षा में रहता है। जब गहने निकाले जाते हैं तो 30 से 40 पुलिस जवान ट्रिपल लेयर सिक्युरिटी देते हैं।
साल 2007 से लगातार हो रहा है शृंगार
देश की आजादी से पहले तक भगवान इन जेवरातों धारण किए रहते थे, लेकिन आजादी के बाद से जेवरात बैंक के लॉकर में रखवा दिए गए। जो 2007 में नगर निगम की देखरेख में आए और तब से लेकर हर जन्माष्टमी पर इन्हें लॉकर से निकाला जाने लगा। तभी से लगातार हर जन्माष्टमी पर यह गहनों से भगवान राधा-कृष्ण सजते हैं।
यह हैं गहनों में शामिल
सोना-चांदी, माता राधा के सात लड़ी के हार में पन्ना, हीरे और माणिक जड़े हुए हैं। राधा-कृष्ण दोनों के मुकुट में हीरे के साथ ही पदम, पन्ना जड़े हैं। कृष्ण की बांसूरी सोने की है और उस पर भी हीरे लगे हैं। राधा-कृष्ण के हार में बेशकीमती नीलम, पुखराज, पन्ना, माणिक लगे हैं। पूरे गहने सोने के हैं और उनमें हीरे, मोती, पन्ना, माणिक, नीलम, पुखराज ऐसे लगे हैं जैसे आकाश में तारे चमक रहे हों।
200 से ज्यादा जवान रहेंगे सुरक्षा में
गोपाल मंदिर में 100 करोड़ रुपए के एंटीक व बेशकीमती गहनों से सजे राधा-कृष्ण की सुरक्षा और यहां दर्शन के लिए आने वाले हजारों भक्तों की सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए 200 से ज्यादा जवान व अफसर तैनात जा रहे हैं। मंदिर के अंदर से लेकर बाहर तक और सड़कों तक एक सैकड़ा CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं। मंदिर में ही इसका CCTV कन्ट्रोल रूम बनाया जा रहा है। जिससे मंदिर के अंदर से लेकर बाहर तक निगरानी रखी जाएगी।
मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालु दिशा क्या कहना है कि मंदिर की बहुत मान्यता है जहां जो भी मन्नत मांगों और पूरी हो जाती है। मंदिर में 100 करोड़ से ज्यादा कीमत के भगवान को गहने पहनाए जाते हैं, मैं काफी सालों से मंदिर में आ रही हूं मंदिर में आने से मन को काफी शांति मिलती है।
भगवान के दर्शन के लिए मंदिर के बाहर लगाई गई एलईडी स्क्रीन
नगर निगम कमिश्नर हर्ष सिंह ने बताया कि गोपाल मंदिर में जो गहने और चांदी के बर्तन हर साल जन्माष्टमी पर ले जाते हैं, उनकी जिम्मेदारी नगर निगम पर है मंदिर में जन्माष्टमी के दिन चांदी के बर्तन और सोने चांदी के बेशकीमती आभूषणों को बैंक से निकाल कर मंदिर में लाया जाता है। और विधिवत पूजा अर्चना के बाद इन गहनों को भगवान राधा कृष्ण को बनाए जाते हैं। मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं, साथ ही भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर के बाहर एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है।
गोपाल मंदिर के पुजारी का कहना है कि मंदिर में हर साल भगवान राधा कृष्ण को बेशकीमती गहने पहने जाते हैं। पूजा अर्चना और भगवान की आरती करने के बाद भगवान के दर्शन करने के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए हैं,जन्माष्टमी का मौका है बहुत ही उत्साह है लोग दूर से भगवान राधा कृष्ण के दर्शन करने आते हैं।