MP के किसानों को रुलाने लगी प्याज की कीमतें: खंडवा फ्री में बांटे प्याज, लागत ज्यादा, उत्पादन भी बेहतर लेकिन कीमत नहीं गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन
न्यूज़ डेस्क :
खंडवा में प्याज उत्पादक किसानों के आंसू निकल रहे है। फसल में ज्यादा लागत लगा दी, उत्पादन भी अच्छा हुआ लेकिन भाव नहीं मिल रहा। हालात यह है कि, खेतों में ही प्याज सड़ रहा है। मंडी लाकर यदि बेचा जाए तो भाड़े का पैसा भी नसीब नहीं होगा। आक्रोशित किसानों ने मंगलवार को नगर निगम कार्यालय के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। अपने साथ लाए चार-पांच कट्टे प्याज को शहरवासियों में फ्री बांट दिया।
भारतीय किसान संघ के शैलेंद्र जलोदिया का कहना है कि, मंडी में लाकर प्याज बेचो तब जाकर 2 रुपए किलो में प्याज बिक रहा है। इसलिए इसे फ्री में बांट देना चाहिए। मेरे सहित किसानों को एक एकड़ में 70 हजार रुपए की लागत है। जैविक खाद देने से उत्पादन भी प्रति एकड़ 300 कट्टे तक हुआ। भाव की बारी आई तो एक कट्टे में 50 किलो की भर्ती पर 100 रुपए प्रति कट्टे के हिसाब से दाम मिल रहा है। इतना तो गांव से शहर तक लाने के लिए भाड़ा ही हो जाता है। मुझे अब तक प्याज बेचने के बदले में एक रुपया नहीं मिला।
सरकार से कई बार मांग कर चुके है कि, प्याज उत्पादक किसानों को राहत राशि दी जाए। मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दे चुके है। लेकिन अब तक फसलों का सर्वे तक नहीं हुआ। किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा राशि दी जाए। किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। इधर, किसानों ने करीब एक ट्रॉली प्याज भरकर नगर निगम के सामने ढ़ेर कर दिया था। प्याज ले जाने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ लग गई थी।