भोपाल

मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की मांग: एक महीने का दिया अल्टीमेटम, प्रदेश में कर्मचारियों की चेतावनी, ‘तो सरकार बदल देंगे’

भोपाल डेस्क :

कांग्रेस शासित राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने के बाद मध्यप्रदेश में भी इसे लागू करने का दबाव बढ़ता जा रहा है। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर ओल्ड पेंशन स्कीम पर सरकार फैसला नहीं लेती है, तो हम सरकार को बदलने के लिए काम शुरू कर देंगे। हमारा एक ही नारा रहेगा ‘वोट फॉर ओपीएस’

दरअसल रविवार को भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर कर्मचारी संगठनों ने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कराने के लिए बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। प्रदेश भर से अलग-अलग विभागों के कर्मचारी बड़ी संख्या में यहां पहुंचे।

नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि पोलियो की दवा पिलाने से लेकर मतगणना कराने और मतदान के लिए पीठासीन अधिकारी भी हमारा कर्मचारी बनता है। याद रखना कि चुनाव के वक्त अगर हमारा पीठासीन नहीं चाहेगा, तो मंत्री बूथ के अंदर नहीं जा सकते। हम कलम के लोग हैं, यदि हम कलम चला देंगे, तो सरकारें हिल जाएंगी। आप कहते हो इतिहास पढ़ाओ, लोकतंत्र पढ़ाओ, क्या यही लोकतंत्र है? हम इसका बदला लेकर रहेंगे।

सरकार की विकास यात्रा पर कसा तंज

विजय कुमार बंधु ने भाजपा की विकास यात्रा पर भी तंज कसा है। पेन लेकर मास्टर यहां बैठा है। बताइए, विकास यहां है कि उधर है। हम सरकार को एक महीने का समय दे रहे हैं। पुरानी पेंशन पर निर्णय लीजिए। भोपाल में यदि सुनवाई नहीं होती, तो अगला प्रदर्शन दिल्ली में होगा। पेंशन हमारे लिए मुद्दा नहीं, बल्कि जीवन-मरण का प्रश्न है। अगर एक महीने में सरकार फैसला नहीं लेती है, तो हम कर्मचारी इस सरकार को बदलने के लिए काम शुरू कर देंगे। हमारा एक ही नारा है ‘वोट फॉर ओपीएस’।

ओल्ड पेंशन लागू कराने कर्मचारी संगठनों का शक्ति प्रदर्शन

नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया ने चर्चा में कहा- हमारी एक ही मांग है कि नियुक्ति दिनांक से सेवा अवधि की गणना के साथ पुरानी पेंशन बहाल की जाए। हम 2017 से इसकी मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार ने कार्रवाई नहीं की है। गांधीवादी तरीके से हम आवाज उठाते रहेंगे। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसे जरूर लागू करेंगे।

10 हजार कर्मचारी पहुंचे भोपाल

राजधानी के भेल दशहरा मैदान पर प्रदेश भर से करीब 10 हजार कर्मचारी पहुंचे हैं। शिवपुरी जिले से कर्मचारी गीत संगीत की धुन पर टेंट में पहुंचे। इस प्रदर्शन में केन्द्र और राज्य सरकार के सरकारी और गैर सरकारी विभागों के कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए है।

मुख्यमंत्री के नाम पेंशनधारियों का पत्र
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम मध्यप्रदेश भारत ने पत्र लिखा है। इसमें मांग की है कि केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1972 ओल्ड पेंशन स्कीम को खत्म कर 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में नियुक्त कर्मचारियों, अधिकारियों पर नेशनल पेंशन स्कीम एनपीएस लागू की है। जो शेयर बाजार पर आधारित, जोखिम भरा और असुरक्षित है। इसमें निश्चित पेंशन व परिवार पेंशन नहीं है।

वर्तमान में नेशनल पेंशन स्कीम से सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों, अधिकारियों को बहुत कम पेंशन राशि मिल रही है, जिसके कारण उनकी सामाजिक आर्थिक सुरक्षा नहीं हो पाती है। परिवार का भरण पोषण और सम्मानजनक जीवन जीना मुश्किल हो रहा है। कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा हो।

कर्मचारियों ने लिखा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों, अधिकारियों की सामाजिक आर्थिक सुरक्षा का दायित्व सरकार का है। राष्ट्रीय मानव आयोग ने केंद्र सरकार को लिखे पत्र में कर्मचारियों , अधिकारियों के मानव अधिकारों की रक्षा के खातिर एनपीएस की समीक्षा के लिए समिति गठित करने को कहा है।

जब विधायिका और न्यायपालिका को पुरानी पेंशन, तो कार्यपालिका क्यों वंचित रहे

कर्मचारियों ने लिखा कि वर्तमान में विधायिका और न्यायपालिका दोनों पुरानी पेंशन स्कीम 1972 ले रहे हैं, तो कार्यपालिका अर्थात कर्मचारी और अधिकारी वंचित क्यों हैं? हाल में देखा गया है कि कुछ राज्यों ने जैसे राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ व पंजाब ने पुरानी पेंशन बहाल की है। पश्चिम बंगाल पहले से ही पुरानी पेंशन दे रहा है।

‘पिछले 6 साल से एनएमओपीएस इंडिया के बैनर तले लगातार देश में पुरानी पेंशन बहाली के लिए सरकारी कर्मचारी व अधिकारी संघर्षरत हैं। अतः इस ज्ञापन के माध्यम से देश के 70 लाख कर्मचारी, अधिकारी अनुरोध करते हैं कि देश में बंद हुई केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1972 के तहत पुनः बहाल करने की कृपा करें।

नई पेंशन स्कीम जो कि कर्मचारियों के लिए अभिशाप है, उसे खत्म करने की कृपा करें। देश हित में कई निर्णय लिए हैं। इस हेतु एनपीएस (नेशनल पेंशन स्कीम) व्यवस्था समाप्त कर ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) बहाली का ऐतिहासिक निर्णय आपके माध्यम से होगा। ऐसी हमें आशा ही नहीं, बल्कि पूर्ण विश्वास है। जल्दी एनपीएस को समाप्त कर, पुरानी पेंशन योजना पुनः लागू कर देश के करोड़ों कर्मचारियों अधिकारियों के बुढ़ापे को सुरक्षित करें।

5 राज्यों में लागू हो चुकी पुरानी पेंशन

छत्तीसगढ़, राजस्थान, हिमाचल, झारखंड सहित 5 गैर भाजपा शासित राज्यों ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर दिया है। परमानंद डेहरिया कहते हैं कि भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री इसे केन्द्र का विषय बताकर टाल देते हैं। लेकिन कर्मचारियों की बात को केन्द्र सरकार को सुननी पडे़गी। हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आंदोलित करोडों कर्मचारियों की बात मानेंगे।

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