सफाई में नंबर वन इंदौर को कैसे मिल रही चुनौती: हवा शुद्ध नहीं-केंद्र ने काटे 14 करोड़ सफाई नहीं होने की 100 शिकायतें रोज
इंदौर डेस्क :
इंदौर गौरव उत्सव में सीएम शिवराजसिंह चौहान द्वारा स्वच्छता रैकिंग को लेकर की गई टिप्पणी शहर के लिए अलर्ट कॉल की तरह है। एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र ने इंदौर को लगातार प्रतिस्पर्धा दे रहे सूरत व नवी मुंबई में किए जा रहे नवाचारों की तुलना की तो कई मामलों में वे भारी नजर आए। इंदौर में हवा की गुणवत्ता (एक्यूआई-एयर क्वालिटी इंडेक्स) में सुधार नहीं होने पर केंद्र सरकार भी बजट में 14 करोड़ रुपए काट चुकी है। इंदौर के कई इलाकों से सफाई नहीं होने, गाड़ियां समय पर व नियमित नहीं होने जैसी 100 से ज्यादा शिकायतें रोज आ रही हैं।
इसमें इंटर्नशिप विथ मेयर के तहत काम कर रहे 150 छात्रों व एप-311 पर आ रही शिकायतें शामिल हैं। पिछली बार सूरत इंदौर से सिर्फ 221 और नवी मुंबई 293 अंक ही पीछे था। सिटीजन फीडबैक में हम सूरत से पीछे रहे थे। इंदौर को 7146, सूरत को 6925 व नवी मुंबई को 6853 अंक मिले थे। हालांकि वर्ष 2023 के स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए अब तक एजेंसी फाइनल नहीं हो सकी हैै। पिछले साल ये काम मार्च में ही पूरा हो चुका था।
हम हैं यहां मजबूत….
- किसी शहर में 100% डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन नहीं
- कोई शहर 100% बिन फ्री नहीं हुआ
- किसी भी शहर में 100% कचरे का डिस्पोजल नहीं हो रहा पिछला सर्वे
शहर – अंक इंदौर – 7146 सूरत – 6925 नवी मुंबई – 6853
सूरत – वेस्ट वाटर से कमा रहे 140 करोड़
- 100 फीसदी वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट हो रहा। इससे सालाना 140 करोड़ रुपए कमा रहे।
- 300 टन का सीएंडडी प्लांट है, जो देश के चुनिंदा अच्छे प्लांट्स में से है।
- सौंदर्यीकरण, प्लेस मेकिंग बेहतर। ब्रिज सहित कई बायो डायवर्सिटी पार्क बने।
- सौ फीसदी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन।
- 37 एकड़ में पुराना कचरा खत्म कर गार्डन बनाया। कचरा सेग्रिगेशन में भी बेहतर।
नवी मुंबई – सोलर, वाटर हार्वेस्टिंग पर फोकस
- वॉल पेंटिंग, वेस्ट से कलाकृति के मामले में बेहतर। जीरो वेस्ट स्लम मॉडल है। 92 आरआरआर सेंटर। सीवेज ट्रीटमेंट 100%।
- स्कूलों में ड्राय वेस्ट बैंक व पासबुक सिस्टम है। छात्र ड्राय वेस्ट लेकर आते है। जितना प्लास्टिक बच्चे लाते है, उतने अंक दिए जाते हैं। सर्वाधिक अंक वालों को सम्मानित करते हैं।
- 76 ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन। सोलर एनर्जी, वॉटर हार्वेस्टिंग पर काम हो रहा।
इंदौर – कॉर्बन क्रेडिट से कमाए 9 करोड़
- 6 तरह से कचरा कलेक्शन। बल्क वेस्ट, वेट वेस्ट, हार्टिकल्चर वेस्ट की अलग गाड़ियां।
- कार्बन क्रेडिट से 9 करोड़ से ज्यादा कमाए।
- सोलर प्लांट, ग्रीन एनर्जी बांड ला रहे।
- देवगुराड़िया के सीएंडडी प्लांट में प्लास्टिक रिसाइक्लिंग का सिस्टम लगाने का दावा।
-एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट। -गार्बेज फ्री सिटी। पिछले साल पूरे 1250 अंक मिले। सूरत, नवी मुंबई के 1050 अंक थे।
महापौर का वार्ड गंदा, बोले-डंडा लेकर निकलना होगा
- कुछ दिन पहले गृह वार्ड में सफाई की बदहाल व्यवस्था को देख महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा था, मेरे वार्ड में ये हाल हैं तो बाकी में क्या स्थिति होगी। अब क्या डंडा लेकर निकलना पड़ेगा? एमआईसी व पार्षदों की बैठकों में कई बार गंदगी की शिकायत आ चुकी।
सूरत को मिलता है दोगुना आबादी का लाभ…
“सूरत आबादी ज्यादा होने से सिटीजन फीडबैक में आगे हो जाता है। बाकी हर मामले में हम आगे।”
– अश्विनी शुक्ला, स्वच्छता प्रभारी
“सफाई लचर हुई है। कर्मचारी मैदान पर नजर नहीं आते। कचरा गाड़ियां हर दूसरे दिन बंद हो जाती हैं।”
– चिंटू चौकसे, नेता प्रतिपक्ष