लेडी डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का सरकार को बुधवार तक का अल्टीमेटम: कहा- मेरा इस्तीफा मंजूर करो, नहीं तो सड़क पर उतरूंगी, अनशन पर बैठूंगी…
22 जून 2023 को दिया था इस्तीफा
न्यूज़ डेस्क :
इस्तीफा नामंजूर होने से नाराज छतरपुर की लेडी डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि एक दिन में मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। नहीं तो गुरुवार से मैं समर्थकों के साथ सड़क पर उतरूंगी और अनशन करूंगी।
बैतूल में निशा बांगरे सोमवार को एलबीएस स्टेडियम से सैकड़ों समर्थकों के साथ रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंची। यहां उन्होंने धरना देकर अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम लिखे इस ज्ञापन में उन्होंने उनका इस्तीफा स्वीकार करने की मांग की।
निशा बांगरे ने कहा कि एक अनुसूचित जाति की महिला के साथ जिला प्रशासन और मध्यप्रदेश शासन अन्याय कर रहा है। प्रशासन हाईकोर्ट को भी गुमराह कर रहा है। हम न्याय मांगने जाए तो कहां जाए। आज मजबूरी में सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
बैक डेट का नोटिस देकर कार्रवाई कर रहा प्रशासन
निशा ने कहा कि तीन महीने से मध्यप्रदेश शासन का सामान्य प्रशासन विभाग भेदभावपूर्ण कार्रवाई कर रहा है। मैं 22 जून को ही पद से इस्तीफा दे चुकी हूं। इसके बावजूद बैक डेट में प्रशासन नोटिस निकालकर कार्रवाई कर रहा है। इससे मैं मानसिक और आर्थिक दोनों रूप से बहुत परेशान हूं।
मैंने अपने घर के उद्घाटन में सर्वधर्म प्रार्थना रखी थी। इसमें भगवान बुद्ध की अस्थियों को दर्शनार्थ रखा गया था। इसके दर्शन करना मेरा धार्मिक मौलिक अधिकार है परंतु सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आचरण नियम का हवाला देकर मुझे अपने ही घर में अपनी धार्मिक भावना के अनुरूप सर्वधर्म प्रार्थना करने तथा भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियों के दर्शन करने से रोकने के लिए पत्र जारी किया गया।
कलेक्टर पर गलत रिपोर्ट देने का आरोप
निशा ने कहा कि बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिह बैंस की गलत रिपोर्टिंग के कारण सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 22 जून 2023 का ही कारण बताओ नोटिस जारी कर (जो पत्र मुझे 4 जुलाई 2023 को वाट्सएप से प्राप्त हुआ) बेक डेट में पत्र जारी कर मुझे मानसिक प्रताड़ना दी गई। जबकि मैंने 22 जून को इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि संपूर्ण कार्रवाई पक्षपातपूर्ण की जा रही है। शासकीय सेवा करना या ना करना, ये किसी व्यक्ति का व्यक्तिगत निर्णय है। मुझे बंधुआ मजदूर की तरह रखना स्वतंत्र भारत के आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाता है। मैं अनुसूचित जाति की महिला हूं। बहुत संघर्ष करके मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की और अधिकारी बन पाई लेकिन एक महिला होने के नाते मुझे मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।
सरकार ने इस्तीफा कर दिया था नामंजूर
डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देने वाली निशा बांगरे का इस्तीफा सरकार ने मंजूर करने से इनकार कर दिया था। विभाग ने उनका इस्तीफा यह कहते हुए अमान्य कर दिया कि उन्होंने शासन के निर्देशों की अवहेलना, अनुशासनहीनता और गंभीर कदाचरण किया है। बता दें कि 19 मई को ईमेल के जरिए निशा ने राज्य शासन के सामने इस्तीफे की पेशकश की थी।
चुनाव लड़ना चाहती हैं निशा
बता दें कि निशा बांगरे चुनाव लड़ना चाहती हैं, इसलिए वे अपने पद से मुक्त होना चाहती हैं। निशा ने आगे कहा कि जनप्रतिनिधि बनने हेतु मेरा त्याग-पत्र स्वीकार किया जाए। सिर्फ एक महिला वो भी अनुसूचित जाति की होने के कारण मुझे मेरे स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित ना रखा जाए। अन्यथा मजबूरी में मुझे पुन: जिस तरह गांधी जी ने देश को अंग्रेजों से मुक्त करने हेतु सत्याग्रह और आमरण अनशन किए थे। उसी तरह मैं भी सत्याग्रह करने को विवश हो जाऊंगी।