उज्जैन

तेज आंधी तूफान से महाकाल लोक में मूर्तियां गिरीं: सप्तऋषियों की 6 मूर्तियां खंडित, भोपाल, गुना समेत कई जिलों में बारिश

उज्जैन डेस्क :

मध्यप्रदेश में मौसम में बदलाव जारी है। रविवार को उज्जैन में शाम करीब 4 बजे तेज आंधी चली। इससे महाकाल लोक में स्थापित सप्तऋषियों की 7 में से 6 मूर्तियां गिर गईं। हादसे में कई श्रद्धालु बाल-बाल बचे। यहां अलग-अलग हादसों में दो लोगों की मौत भी हो गई।

10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी हैं। इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था।

क्रेन की मदद से मूर्तियों को दोबारा लगवाया जाएगा

मूर्तियां गिरने की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों की टीम महाकाल लोक पहुंच गई। श्रद्धालुओं को बाहर किया गया। कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम का कहना है कि बहुत तेज आंधी आने के कारण मूर्तियां पेडस्टल से नीचे गिरी हैं। लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी इन मूर्तियाें की लाइफ 10 साल है। पत्थर की मूर्तियां बनने में समय लगेगा। फिलहाल कंपनी को ही इनका रखरखाव करना है। क्रेन की मदद से मूर्तियों को दोबारा लगवाया जाएगा। घटना के लिए जिम्मेदारी तय कर एक्शन लिया जाएगा। फिलहाल मूर्तियों को पुर्नस्थापित करने के लिए महाकाल लोक को बंद किया गया है।

महाकाल परिसर का विस्तार और सौंदर्यीकरण जारी

यहां भगवान शिव समेत अन्य देवी-देवताओं की 190 से अधिक विशाल मूर्तियां लगाई गई हैं। महाकाल लोक परियोजना के पहले चरण पर 310 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। इसके बाद 778 करोड़ की लागत से दूसरे चरण का काम शुरू हुआ। इसके तहत महाकाल परिसर का विस्तार और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने की दोषियों पर कार्रवाई की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाकाल लोक मंदिर परिसर में घटिया निर्माण करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

आंधी-बारिश ने ली दो लोगों की जान, चार बच्चे घायल
उज्जैन में आंधी-बारिश के कारण कई जगह पेड़ धराशायी हो गए। छोटा सराफा में टेलर की दुकान पर पीपल का पेड़ गिरा। यहां काम कर रहे युवक की टहनियों के बीच दबने से मौत हो गई। एक अन्य शख्स की बारिश में बिजली का करंट लगने से जान चली गई।

पवासा में कच्चा मकान गिरने से चार बच्चे घायल हो गए। सिविल हॉस्पिटल समेत आधे शहर की बिजली गुल हो गई। मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। मौसम विभाग के मुताबिक उज्जैन में 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। इससे पहले सुबह सांदीपनि आश्रम के सामने नीम का पुराना पेड़ गिरा था, जिसमें एक कार दब गई थी।

मौसम विभाग ने जारी किया था यलो अलर्ट
मौसम विभाग ने उज्जैन समेत इंदौर, भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर और चंबल संभाग में रविवार को तेज हवाएं चलने का अलर्ट जारी किया था। मौसम विभाग ने बुलेटिन में कहा था कि 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी और गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।

रायसेन में उड़ा टेंट, गुना में डेढ़ इंच बारिश
रायसेन में आपदा मित्र प्रशिक्षण के दौरान अचानक चली आंधी से टेंट उड़ गया। गुना में रविवार सुबह करीब 11 बजे तेज हवा के साथ बारिश हुई। राघोगढ़ क्षेत्र के अहमदापुर में आंधी से बिजली के खंभे टूट गए। ट्रांसफार्मर गिर गया। मधुसूदनगढ़ में ओले गिरे। भोपाल शहर में तेज हवा चली। बैरसिया में तेज बारिश हुई। गुना में सबसे ज्यादा 37 मिमी यानी डेढ़ इंच पानी बरस गया। सागर में आधा इंच से ज्यादा बारिश हुई। रीवा, सतना, खजुराहो, नौगांव, शिवपुरी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, सिवनी, भोपाल, दमोह, नर्मदापुरम और मंडला में भी बारिश हुई। नर्मदापुरम, सागर, डिंडौरी, सीहोर, विदिशा में भी तेज हवाओं के साथ रुक-रुक कर बारिश होती रही। अशोकनगर में बूंदाबांदी हुई।

एक और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव

मध्यप्रदेश में आज से एक और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हो गया है। नया सिस्टम भोपाल, ग्वालियर समेत प्रदेश के कई जिलों को भिगोएगा। तेज हवा भी चलेगी। सागर, छतरपुर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़ और निवाड़ी में ओले गिर सकते हैं। प्रदेश के कई जिलों में हवा-आंधी की स्पीड 70Km प्रतिघंटा तक रह सकती है।

तीन सिस्टम पहले से एक्टिव

प्रदेश में पहले से तीन सिस्टम एक्टिव हैं। सीनियर मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि प्रदेश में पहले से चक्रवात और दो ट्रफ लाइनें गुजर रही हैं। रविवार से चौथा नया सिस्टम एक्टिव होने से कई जिलों में बारिश होने का अनुमान है। इस कारण नमी है और दोपहर बाद प्रदेश के कई जिलों में बारिश के साथ तेज हवा चल रही है।

नौतपा का तीसरा दिन भी ठंडा
मध्यप्रदेश में बदले मौसम ने ‘नौतपा’ के तेवर ठंडे कर दिए हैं। लगातार तीसरे दिन गर्मी का असर कम रहा। खंडवा में पारा 40.5 डिग्री दर्ज किया गया। बाकी हिस्सों में 40 डिग्री से कम तापमान रहा। भोपाल में 39.6, इंदौर में 38.2, ग्वालियर में 37.1 और जबलपुर में तापमान 38.4 डिग्री दर्ज किया गया। मंडला, मलाजखंड, खजुराहो, नरसिंहपुर और रतलाम में ही तापमान 40 डिग्री तक रहा। वहीं, पचमढ़ी में पारा सबसे कम 32.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

मई का आखिरी सप्ताह ठंडा
मौसम वैज्ञानिक पांडे ने बताया कि मार्च से मई तक प्री-मानसून एक्टिविटी रहती है। मार्च और अप्रैल के बाद मई में भी बारिश, ओले और तेज हवा का दौर चल रहा है। मौजूदा सिस्टम की वजह से मौसम ठंडा है। ज्यादातर जिलों में दिन का तापमान 40 डिग्री से नीचे ही है, जबकि मई के आखिरी दिनों में तेज गर्मी पड़ने का ट्रेंड है। पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में पारा 47 और भोपाल में 46 डिग्री के पार पहुंच जाता है। इंदौर, जबलपुर-उज्जैन समेत बाकी शहर भी गर्म रहते हैं, लेकिन अबकी बार पारा 40 डिग्री के आसपास ही है।

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