भोपाल डेस्क :
सतपुड़ा की आग ने नेशनल इंफॉर्मेशन सेंटर(एनआईसी) यानी सरकारी सर्वर को भी ठप कर दिया है। इससे स्कॉलरशिप, पेंशन और अनाज खरीदी जैसे काम 9 दिन से ठप हैं। सतपुड़ा भवन में जब तक बिजली की सप्लाई नहीं की जा रही, तब तक इसके बहाल होने की संभावना भी नहीं है। एनआईसी का दफ्तर सतपुड़ा की पश्चिमी विंग में ही है।
इस बीच मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने उच्च स्तर की बैठक में तय कर दिया कि आग से क्षतिग्रस्त हुए सतपुड़ा भवन के पश्चिमी विंग के स्ट्रक्चर का अलग से हेल्थ ऑडिट होगा। नेशनल बिल्डिंग संहिता (एनबीसी) कहती है कि यदि किसी भवन में आग की वजह से तापमान 800 डिग्री तक चला जाए तो नुकसान भविष्य में भी हो सकता है।
आईएएस डॉ. राजेश राजौरा की जांच कमेटी ने पाया था कि तापमान 1200 से 1500 डिग्री तक चला गया था। 2,50 अफसरों और कर्मचारियों के लिए तीन दिन पहले सोमवार को भवन की क और ख विंग खोल दी गई थीं, लेकिन बुधवार को तक यहां बिजली नहीं चालू हो सकीं।सरकार ने तय किया है कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में एसडीआरएफ की टीम बनेगी। यह सिर्फ हाई राइज बिल्डिंग के रखरखाव को ही देखेंगे।
सतपुड़ा जैसी आग से निपटने के लिए दो बड़े फैसले…
1. नगरीय विकास विभाग के तहत एक अलग से फायर सेफ्टी के लिए डायरेक्टरेट भी गठित होगा।
2. SDRF की टीम बनेगी…जो सिर्फ हाई राइज बिल्डिंग के रखरखाव देखेगी
ये काम अब तक नहीं हो सके बहाल
- ई-उपार्जन : अनाज खरीदी का सबसे बड़ा पोर्टल है। इसके बंद होने से प्रदेश भर में किसानों का भुगतान भी अटक गया है।
- स्कॉलरशिप पोर्टल : इससे अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ावर्ग और सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति संचालित होती है। ये काम भी बंद हो गया है।
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना पोर्टल : सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन विभाग इसे संचालित करता है। इसमें सभी तरह की पेंशन योजनाएं चलती हैं। जिसका काम बंद है।
- स्पर्श पोर्टल : बहु विकलांग-नि:शक्तजन का काम भी इससे प्रभावित है।
इन पोर्टल के कारण भी कई काम प्रभावित
- अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण से जुड़ी साइट प्रभावित है। इसमें उनकी देश-विदेश में अध्ययन, छात्रवृत्ति समेत कई स्कीमें संचालित हैं।
- श्रम सेवा पोर्टल, जिसमें पौने दो करोड़ मजदूरों का डाटा रहता है। उनके कल्याण की स्कीमें चलती हैं। Á मप्र स्किल डायरेक्टोरेट की वेबसाइट प्रभावित है। सीखो और कमाओ योजना भी इससे जुड़ी है।
- को-ऑपरेटिव विभाग का कामकाज भी रुक गया है। इसमें प्राथमिक साख सहकारी समितियों के साथ वे सोसायटी जुड़ी हैं जो अनाज खरीदी से जुड़ी हैं।
- उत्तरा पोर्टल (यूनिवर्सल ट्रांसपेरेंट ट्रैकिंग ऑफ एप्लीकेशन एंड रिस्पोंस) : इसमें नागरिकों के आवेदन व डिस्पोजल की ऑनलाइन ट्रेकिंग होती है। इससे शिकायतों का सिस्टम भी प्रभावित है।