भोपाल

आज से राजधानी में पहली बार पं. प्रदीप मिश्रा सुनाएंगे महाशिवपुराण: करोंद में 14 जून तक चलेगी कथा, हर रोज लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान

भोपाल डेस्क :

राजधानी में पहली बार कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण कथा सुनाएंगे। कथा 14 जून तक प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक चलेगी। इसमें प्रतिदिन 5 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, इसलिए 55 एकड़ में पंडाल व्यवस्था की गई है। तीन बड़े वॉटरप्रूफ डोम बनाए गए हैं। कथा में शामिल होने के लिए रूटवार प्लान भी तैयार किया गया है, ताकि श्रद्धालु किस गेट से पंडाल में पहुंचे और कहां गाड़ी पार्क करें।

कथा के लिए करोंद में पीपुल्स मॉल के पीछे बड़े एरिया में पांच से छह टेंट की व्यवस्था है। 6 मुख्य समेत 10 गेट है। वहीं, 200 एकड़ में 13 पार्किंग बनाई गई है। पं. मिश्रा की व्यासपीठ के लिए अलग व्यवस्था की गई है। करीब 72 वर्ग फीट लंबा मंच बना है। इसकी ऊंचाई करीब 10 फीट है।

एक दिन पहले निकली शोभायात्रा
कथा से पहले शुक्रवार को शहर में शोभायात्रा भी निकाली गई। इसमें पं. प्रदीप मिश्रा भी शामिल हुए। शोभायात्रा घंटों तक शहर में घूमती रही। श्रद्धालुओं ने पं. मिश्रा का पुष्पवर्षा का स्वागत किया।

कथा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए ये सुविधाएं

  • पंडाल के चारों ओर एक हजार नल: तेज गर्मी के चलते पानी की भरपूर व्यवस्था की गई है। पंडाल के चारों ओर पाइप लाइन बिछाई गई है। पाइप लाइन में एक हजार नल कनेक्शन जोड़े गए हैं।
  • 700 स्थाई टॉयलेट: 50 एकड़ के ग्राउंड में 700 स्थायी टॉयलेट बनाए गए हैं। वहीं, 300 अस्थाई टॉयलेट रहेंगे। इनकी नियमित रूप से सफाई होगी। टॉयलेट में नल कनेक्शन हैं, तो बाहर टंकियां भी भरी रहेंगी।
  • 300 से ज्यादा पंखे-कूलर: गर्मी को देखते हुए पंखे-कूलर की व्यवस्था है। 300 से ज्यादा पंखे-कूलर लगाए गए हैं। बिजली कनेक्शन के लिए अंडरग्राउंड लाइन बिछाई गई है। वाटर स्प्रिंकलर लगाए जा रहे हैं।
  • बड़ी टीवी स्क्रीन भी लगाई: डोम और टेंट में 100 से ज्यादा बड़ी टीवी स्क्रीन लगाई जाएंगी, ताकि आखिरी छोर तक बैठे श्रद्धालुओं को कथा सुनने-देखने में आसानी हो। पंडाल से एक-डेढ़ किमी दूर मुख्य सड़क पर भी लोग कथा सुन सकेंगे।
  • बस सुविधा भी रहेगी: भोपाल के नरेला क्षेत्र में करीब 100 बसों से श्रद्धालुओं को कथास्थल तक लाया जाएगा। कथास्थल के एंट्री गेट से पंडाल तक बस या अन्य वाहनों की सुविधा रहेगी।
  • हर गेट पर हेल्प डेस्क: श्रद्धालुओं के लिए बने 6 गेट पर हेल्प डेस्क भी बनाई जाएगी। यहां वॉलेंटियर्स तैनात होंगे, जो श्रद्धालुओं को पंडाल तक पहुंचने में मदद करेंगे। कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा।
  • तीन एम्बुलेंस भी रहेंगी: मौके पर तीन एम्बुलेंस मौजूद रहेंगी। इसमें एक बुलेट एम्बुलेंस भी शामिल हैं, ताकि वह मैदान के हर कोने तक पहुंच सके।
  • 50 हजार श्रद्धालुओं के लिए बनेगा भोजन: बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भोजन प्रसादी भी बनाई जाएगी। रोजाना 50 हजार लोगों के लिए भोजन बनाया जाएगा। इसे बनाने में 100 से ज्यादा कर्मचारी जुटेंगे।

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