मध्यप्रदेश

390 दिन बाद पूर्व विधायक चौबे की कांग्रेस में वापसी: भोपाल में कमलनाथ से ली सदस्यता, खुरई से फिर लड़ सकते हैं चुनाव

भोपाल डेस्क :

अटकलाें काे विराम देते हुए अंतत: पूर्व विधायक अरुणाेदय चाैबे ने मंगलवार काे कांग्रेस ज्वाइन कर ली। देर शाम भोपाल में पीसीसी चीफ व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बंगले पर उन्हाेंने कांग्रेस की सदस्यता ली। ठीक 390 दिन पहले उन्हाेंने यह कहते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ हुए बर्ताव से दुखी हूं, समय पर किसी ने मदद नहीं की।

इस्तीफे के बाद उनके भाजपा में जाने की चर्चा थी, लेकिन नहीं गए। अन्नू चाैबे चाैथी बार खुरई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। 2008 में खुरई से विधायक रहे चाैबे पिछले 2 चुनाव मंत्री भूपेंद्र सिंह से हार चुके हैं। उनकी कांग्रेस में वापसी से चुनावी सरगर्मी तेज हाे गई है। झांसी के पूर्व सांसद सुजान सिंह बुंदेला के बेटे चंद्रभूषण सिंह गुड्‌डू राजा की कांग्रेस की सदस्यता के बाद से चाैबे की वापसी की अटकलें लगने लगी थीं। दाेनाें काे खुरई से कांग्रेस के दावेदाराें में गिना जा रहा था।

कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद दैनिक भास्कर से चर्चा करते हुए चाैबे ने कहा कि पार्टी मुझे अब जाे भी काम साैंपेगी, उसे करूंगा। मेरे खिलाफ दर्ज धारा 307 के केस में खात्मा लगाने के लिए काेर्ट में आवेदन लगा है। इसमें काेर्ट काे फैसला करना है। उन्हाेंने चुनाव लड़ने से इंकार भी नहीं किया।

कमलनाथ की साेची-समझी प्लानिंग थी चाैबे का इस्तीफा, इसलिए भाजपा में नहीं गए

15 सितंबर 2022 काे खुरई के पू्र्व विधायक चाैबे ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया, तब यही समझा जा रहा था कि वे भाजपा ज्वाइन कर लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इधर कांग्रेस ने कभी उनका इस्तीफा मंजूर हाेने की पुष्टि नहीं की। जब भी वरिष्ठ नेताओं से इस बारे में पूछा गया ताे वे कहते थे कि चाैबे काे परेशान किया जा रहा था। समय का इंतजार कीजिए।

खुरई में भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प के मामले में चाैबे के खिलाफ दर्ज केस में राजीनामे की चर्चा चली और केस में खारिजी के लिए पुलिस ने काेर्ट में आवेदन लगा दिया। इस पर अभी सुनवाई हाेना है। तभी से चाैबे अंडर ग्राउंड थे और मानाे आचार संहिता लगने का इंतजार कर रहे थे। आचार संहिता लगने के दूसरे दिन ही वे भाेपाल पहुंचे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से फिर कांग्रेस की सदस्यता ले ली।

चर्चा है कि चाैबे का इस्तीफा कमलनाथ की साेची समझी प्लानिंग का हिस्सा था। उनके इस्तीफे और वापसी की पूरी स्क्रिप्ट पहले लिखी जा चुकी थी। उनका खुरई से चुनाव लड़ना इसी स्क्रिप्ट का अगला पार्ट हाे सकता है।

बाेले थे- मैंने काेई साैदेबाजी नहीं की : चाैबे ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ काे पिछले साल भेजे इस्तीफे में लिखा था कि मैंने 30 साल तक निरंतर कांग्रेस की सेवा की है। खुरई विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ जाे बर्ताव हुआ है। उससे मैं बेहद दुखी हूं, इसलिए वरिष्ठ उपाध्यक्ष, प्रभारी जिला टीकमगढ़ व प्रदेश कांग्रेस के सदस्य पद से इस्तीफा दे रहा हूं। इस्तीफे के बाद भाजपा से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि था कि मैंने काेई साैदेबाजी नहीं की।

ऐसे बदला था चाैबे का राजनीतिक परिदृश्य

2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के भूपेंद्र सिंह से चुनाव हारने के कुछ दिन बाद ही चाैबे विनायठा हत्याकांड में फंस गए। पिता-पुत्र पर हत्या का केस दर्ज हाे गया। जैसे-तैसे इस मामले में वे दाेषमुक्त हुए ताे खुरई में भाजपा-कांग्रेस के बीच हुए उपद्रव में उन पर धारा 307 और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज हाे गया।
15252 मताें से हारे थे पिछला चुनाव

  • 1998- बीना से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा के सुधाकर राव बापट से 4 हजार मताें से चुनाव हारे।
  • 2008- खुरई विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा के भूपेन्द्र सिंह को 17700 मताें से पराजित किया।
  • 2013 -खुरई से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा के भूपेन्द्र सिंह से 6084 मताें से चुनाव हार गए।
  • 2018 – खुरई से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा के भूपेन्द्र सिंह से 15252 मताें से पराजित हुए।

इन पदाें पर रहे : कांग्रेस जिला अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री।

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