भोपाल

शहीद भवन में नाटक ‘अंडोरा’ का मंचन, दर्शकों की अभिनय की प्रशंसा: भोपाल-टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के छात्रों ने दिखाई प्रतिभा

भोपाल डेस्क :

शहीद भवन में आज टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रथम वर्ष के छात्रों ने अविजीत सोलंकी के निर्देशन में माक्स फ्रिश के विख्यात नाटक ‘अंडोरा’ का मंचन ब्रेख्तियन शैली में किया। विश्व 2023 में जर्मनी के नाटककार और निर्देशक बर्तोल्त ब्रेख्त की 125 वीं सालगिरह मना रहा है। इस मौके पर छात्रों ने उन्हें याद करते हुए अंडोरा उन्हें ही समर्पित किया।

ब्रेख्तियन, प्राचीन शैली है और अधिकतर नाट्य विद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षण के समय इस शैली के नाटकों से परिचय कराया जाता है ताकि छात्र नाट्य कला की गहराई और विविधता को समझ सकें।

यहूदियों से नफरत के कारण हुई आन्द्री की हत्या

अंडोरा, आन्द्री नामक एक युवक की कहानी है, जिसे एक यहूदी शिक्षक ने पाला है। अंडोरा एक छोटा सा देश है, यहां के नागरिक यहूदियों से नफरत करते हैं और यही नफरत एक दिन आन्द्री की हत्या करवा देती है। बाद में पता चलता है आन्द्री यहूदी नही था। नाटक में कई पात्र कटघरे में आकर अपने आप को निर्दोष साबित करने का प्रयास करते हैं ।

निर्देशक अविजीत ने अपने अनुभव और नाट्य शिक्षा का समुचित उपयोग करते हुए नाटक की बनावट कुछ इस तरह की है कि दर्शक शुरू से अंत तक बंधा रहता है और नाटक की कहानी की धारा के साथ बहता चला जाता है, हां अपनी तालियों से बीच और आखिर में भी सराहना करना नही भूलता। ईंट, रेत और गिट्टी से मंच निर्माण का प्रयोग सराहनीय था। प्रवीण नामदेव का प्रकाश संयोजन पात्रों के अभिनय को तो निखारता ही है, नाटक के कालखण्ड को भी बखूबी दर्शाता है। नाटक के पात्रों की वेशभूषा और संगीत भी कालानुकूल और प्रभावी रहे।

पात्रों ने किया सशक्त अभिनय

अभिनय के लिहाज से आन्द्री की केन्द्रीय भूमिका में मार्क फर्नांडिस ने सशक्त अभिनय कर पात्र को जीवंत कर दिया। किंतु उनके उच्चारण पर थोड़ी मेहनत और की जानी थी। बार्बलिन के चरित्र में किरन साहू पूरी तरह खरी उतरीं। हैदर अली, रश्मि कुकरेती, साक्षी शुक्ला सहित सभी कलाकारों ने अपने चरित्र को बखूबी निभाया।

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