MP पटवारी भर्ती में दिव्यांग, वन रक्षक-जेल प्रहरी परीक्षा में फिट!:कांग्रेस ने पूछा- यह कैसे हुआ?
BJP विधायक के कॉलेज के सेंटर से पटवारी भर्ती में टॉप-10 में 7 उम्मीदवार
भोपाल डेस्क :
पटवारी भर्ती परीक्षा पर कांग्रेस लगातार मध्यप्रदेश सरकार पर हमलावर है। सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के सीनियर लीडर अरुण यादव ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, पटवारी भर्ती परीक्षा में जो अभ्यर्थी दिव्यांग थे, वे वन रक्षक-जेल प्रहरी परीक्षा में फिट कैसे हो गए। यह कौन सा नया प्रयोग है।
पूर्व मंत्री ने ऐसे चार अभ्यर्थियों के पटवारी भर्ती परीक्षा के एडमिट कार्ड और रिजल्ट ट्वीट के साथ पोस्ट किए हैं। उन्होंने ट्वीट में कहा, एमपी कर्मचारी चयन मंडल का नया कारनामा। क्या शिवराज सरकार में युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा? फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले लोग कौन?
उन्होंने लिखा, इससे पहले मुरैना में दिव्यांग कोटे से फर्जीवाड़े की खबरें सामने आ चुकी हैं। क्या फर्जी दिव्यांगों को नियुक्तियां दी जा रही हैं? मुरैना में त्यागी सरनेम के एक समान दर्जनभर दिव्यांग अभ्यर्थी चयनित हुए हैं। आकाश शर्मा पिता रामभजन शर्मा, यह अभ्यर्थी तो टॉपर लिस्ट में 8वें स्थान पर है।
उधर, पटवारी भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों ने सोमवार को भोपाल के नीलम पार्क में प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, हमारी मुख्यमंत्री से मांग है कि वे तय समय में नियुक्तियां कर वादा पूरा करें। प्रदर्शन में टॉपर छात्रा पूजा भी शामिल हुईं।
मीडिया से बात करते हुए पूजा ने कहा, जब से यह सब कुछ चल रहा है, तब से मेरे परिवार को गांव में बहुत परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है। लोग घर आकर ताने मारते हैं, मेरे पिताजी बहुत रोते हैं, वे बीमार हैं। हमारा जीना दुश्वार हो गया है।
सेंटर मैंने खुद नहीं चुना, शासन नियुक्ति दे, फिर जांच करवाते रहें
पटवारी भर्ती परीक्षा में शिवपुरी जिले की छात्रा पूजा रावत ने 177 अंक लाकर टॉपर सूची में 5वां स्थान बनाया है। उन्होंने कहा, मैं शासन से कहना चाहती हूं कि हमें नियुक्ति दी जाए। जिस तरह की जांच करवानी है, वो शासन करवाता रहे। मेरा सेंटर मैंने खुद नहीं चुना था। वो तो मुझे मिला था।
मेरे पिताजी इन सब चीजों से बहुत परेशान हैं। लोग हमें आकर बोलते हैं कि तुम ऐसा कैसे कर सकती हो। मेरे परिवार के हालात पहले से ही ठीक नहीं हैं। मैं छात्रावास में पढ़ी एक छात्रा हूं। यह जो भी बोलने वाले लोग हैं, वे पहले मेरे घर की स्थिति को आकर देखें।
6 हजार पदों पर जल्द हो भर्ती
प्रदर्शन में शामिल शुभम शर्मा ने कहा कि ‘हम यही चाहते हैं कि तय समय में 6 हजार पदों पर भर्तियां पूरी हों। हमने ईमानदारी के साथ इस परीक्षा को पास किया है।’
पहले में कहा- पंद्रह लाख दिए बाद में कहा- मजाक में बनाया वीडियो
पटवरी परीक्षा में सोमवार के दिन अलग-अलग तरह के ड्रामे चले। जहां एक तरफ चयनित छात्रों ने मुख्यमंत्री से नीलम पार्क में प्रदर्शन कर नियुक्ति देने की मांग की, तो दूसरी तरफ कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने वीडियो ट्वीट किया है। इसमें बताया जा रहा है कि वीडियो में बोलने वाली छात्रा पटवारी परीक्षा में छठी टॉपर मधुमिता गढ़वाल हैं। वीडियो में छात्रा ने कहा कि ‘मेरे बारे में जो भी कुछ चल रहा है कि मैंने 15 लाख दिए। मैं कहना चाहती हूं कि अगर आपको कोई भी यह ऑफर देता, तो क्या आप यह एक्सेप्ट नहीं करते। ऐसे ही मैंने और परिवार ने भी एक्सेप्ट किया। मैं यह भी कहना चाहती हूं कि बाकी लोगों का कुछ ना हो। मैं यह कहना चाहती हूं कि एग्जाम कैंसिल नहीं कीजिए, क्योंकि ऐसा ऑफर कोई भी एक्सेप्ट करता।
वहीं, शाम होते-होते इसी युवती का दोबारा वीडियो सामने आया, जिसमें युवती ने कहा कि हमने मस्ती-मस्ती में वीडियो बनाया है। हम एक्टिंग कर रहे थे। मेरी एक दोस्त से शायद इसे वायरल कर दिया है।परमिशन भी नहीं ली। मुझे यह भी नहीं पता कि यह वीडियों किसने डाला। इस व्यक्ति के खिलाफ मैं एफआईआर भी करवाऊंगी, इसलिए मेरा वीडियो शेयर नहीं किया जाए।
कांग्रेस क्यों सरकार पर हमलावर…
BJP विधायक के कॉलेज के सेंटर से पटवारी भर्ती में टॉप-10 में 7 उम्मीदवार
मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) द्वारा आयोजित ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) व पटवारी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट पर विवाद है। भर्ती परीक्षा के टॉप-10 की लिस्ट में से 7 उम्मीदवारों ने ग्वालियर के जिस केंद्र में परीक्षा दी, वह भिंड के भाजपा विधायक संजीव कुशवाहा का है। इस सेंटर से 114 लोगों का चयन हुआ है। विधायक के सेंटर से 7 टॉपर होने पर उम्मीदवारों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की है।
टॉप-10 में शामिल इन सातों उम्मीदवारों का सेंटर ग्वालियर के NRI कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में था। इन उम्मीदवारों के रोल नंबर की सीरीज भी एक जैसे शुरुआती अंक ‘2488’ से हुई। इन सात में 5 उम्मीदवारों के हस्ताक्षर हिंदी में हैं। हस्ताक्षर में भी सिर्फ नाम लिखा गया है। किसी तरह की बनावट नहीं है। इसके बाद फर्जीवाड़े के आरोप बढ़ गए हैं। इन 7 टॉपर्स ने कुल 200 अंक में से 174.88 से 183.36 तक प्राप्त किए हैं। यह अंक नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया के बाद फाइनल रिजल्ट में मिले हैं।
नॉर्मलाइजेशन के बाद करीब 10 अंक तक घटे और बढ़े हैं। जिन प्रश्नों को ईएसबी ने परीक्षा के बाद कैंसिल कर दिया और उनके नंबर नहीं दिए गए, उनके उत्तर भी इन उम्मीदवारों ने सही दर्ज किए थे। एक टॉपर उम्मीदवार के 11 प्रश्न कैंसिल किए हैं, उनमें से 10 के उत्तर सही लिखे थे।