मध्यप्रदेश

जिला कलेक्टर का आदेश: निकायों एवं पंचायतों की बैठकों में निर्वाचित जनप्रतिनिधि ही भाग लें

विदिशा डेस्क :

कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने निकायों एवं पंचायतों की बैठकों, सम्मेलन सहित अन्य शासकीय आयोजनों में निर्वाचित जनप्रतिनिधि ही भाग लें के आश्य का पत्र निकाय व पंचायत अधिनियमों में वर्णित प्रावधानों के तहत जारी कर संबंधित अधिकारियों को अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराने हेतु ताकीद किया है।
कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य के द्वारा नगरीय निकायों तथा पंचायतों के लिए पृथक पृथक आदेश जारी किए हैं।
कलेक्टर श्री वैद्य के संज्ञान में यह तथ्य आने पर कि निकायों व पंचायतों की बैठकों सम्मेलन व अन्य शासकीय आयोजनों में निर्वाचितों के घर से या अन्य जनप्रतिनिधि शामिल होकर कार्यों में सीधे दखल दे रहे हैं। जो अधिनियमों के विरुद्ध है।
कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने निकाय अधिनियमों के तहत प्रावधानों के अनुपालन के संबंध में निकायों के अधिकारियों को सुनिश्चित कराने हेतु निर्देशित किया है। तदनुसार यह तथ्य संज्ञान में आया है कि नगरीय निकायों में निर्वाचित महिला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षद एवं निर्वाचित सदस्यों के पति अथवा उनके निकटतम रिश्तेदार, परिषद के सभा, सम्मेलन तथा बैठकों में शामिल हो रहे हैंं एवं उनके द्वारा संबधित कार्यो में सीधा दखल दिया जा रहा है, जो नियम विपरीत हैं, तथा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 अनुसार महिलाओं के सशक्तिकरण एवं नगरीय विकास में उनकी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने के उददेश्य के भी विपरीत है। महिला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षद एवं निर्वाचित सदस्यों के पति अथवा उनके किसी संबंधी या रिश्तेदारों या प्रतिनिधि परिषद के सभा, सम्मेलन तथा बैठकों में शामिल होना या दखल देना नियमानुकुल नही है, तथा यह म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1961 के प्रावधान के विपरीत है, इस प्रकार के प्रकरण निर्मित होने पर संबंधित महिला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, एवं पार्षद एवं निर्वाचित सदस्यों के विरूद्ध अधिनियम में वर्णित प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही की जाए।
उपरोक्त के संबंध में यह सुनिश्चित करें कि निकायों में आयोजित होने वाली सभा, सम्मेलन, बैठक एवं अन्य कार्यक्रमों में निर्वाचित महिला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षद/निर्वाचित सदस्य ही भाग लें उनके स्थान पर कोई भी प्रतिनिधि, संबंधी अथवा रिश्तेदार उपस्थित न हो।

पंचायतों के संबंध में –

कलेक्टर  बुद्धेश कुमार वैद्य ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अवर सचिव द्वारा जारी आदेश के परिपालन में त्रिस्तरीय पंचायतराज संस्थाओं के माध्यम से महिलाओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सम्मिलित कर विकास के कार्यकलापों में उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु व महिलाओं के सशक्तिकरण किये जाने के प्रयोजन से महिलाओं के पद आरक्षित किये गये हैंं।
जिले में आयोजित होने वाली बैठकें, सम्मेलन, आयोजनों, कार्यक्रमों के माध्यम से ऐसा परिदृश्य देखा गया है कि महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर नाते रिश्तेदार, परिवार के सदस्य उपस्थित होते हैंं। जबकि निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि को स्वयं उपस्थित होना चाहिये। इससे शासन के महिलाओं को आरक्षण दिये जाने का संकल्प व महिला सशक्तिकरण बाधित हो रहा है।
अतः निकायों व पंचायतो के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि शासन मंशानुसार सभी महिला जनप्रतिनिधियों को शासकीय बैठक, आयोजन, कार्यशाला, सम्मेलन, कार्यक्रमों आदि में वह स्वयं उपस्थित रहने हेतु अनुरोध किया जाए। अन्यथा की दशा में म.प्र. पंचायतराज अधिनियम 1993 के प्रावधानुसार निर्वाचित जनप्रतिनिधि के विरूद्ध कार्यवाही की जा सकेगी।

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