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महाशिवरात्रि पर दलितों को मंदिर में घुसने व पूजा करने से रोका: पुलिस के दखल के बाद की पूजा, पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रभावित है दलित समाज

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मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में महाशिवरात्रि पर दलितों को शिव जी की पूजा करने से रोक दिया गया। पुजारी ने उन्हें मंदिर में घुसने नहीं दिया। दलित समाज के लोग खुद को पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रभावित बता रहे थे। पुलिस के दखल के बाद हुई दोनों पक्षों के बीच हुई मीटिंग के बाद दलितों को मंदिर में प्रवेश कराया गया।

पहले जानते हैं क्या विवाद हुआ था
गांव में दलित पक्ष से प्रशांत पाचोले का कहना है कि शनिवार सुबह 6 बजे कोटवार हुकुमचंद का बेटा सुमेश शिव जी का जलाभिषेक करने मंदिर पहुंचा तो पुजारी जगराम पंवार ने उसे अंदर जाने से रोक दिया। पुजारी ने उसे बाहर से पूजा करने को कहा। सुमेश बाहर से ही पूजा करके लौट गया।

इसके बाद समाज की कुछ लड़कियां भी सुबह 9 बजे मंदिर पहुंचीं, तो उन्हें भी बाहर रोक दिया। लड़कियों ने भी घर आकर रोना शुरू कर दिया। लड़कियों की जिद थी कि वो मंदिर में जाकर ही पूजा करें। दलित समाज के लोग इकट्‌ठा होकर मंदिर पहुंच गए। उनके एकत्र होने की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने दलित समाज के युवक से जलाभिषेक कराया।

पुजारी ने पहले कहा था- परमिशन तो लेनी पड़ेगी
पुजारी जगराम पंवार ने पुलिस को बताया कि दलित समाज ने अभी तक शिव मंदिर के बाहर ही पूजा की है। सालों से यही परम्परा चली आ रही है। उन्होंने अपनी ओर से कभी मंदिर के अंदर आकर पूजा करने का प्रस्ताव नहीं रखा है। अब अचानक वे मंदिर में घुसेंगे, तो परमिशन तो लेना पड़ेगी। हम लोग गांव की पंचायत बैठाकर फैसला लेंगे। मंदिर के निर्माण में भी उन्होंने चंदा नहीं दिया है।

मंदिर में अब होगी दलितों एंट्री
मंदिर पक्ष ने कहा कि अब मंदिर में दलित समाज भी दर्शन व पूजा-पाठ कर सकेंगे। अभी तक दलित समाज ने इस तरह का प्रस्ताव नहीं रखा था। वे खुद चाहते हैं तो उनका स्वागत है। इधर, दलित पक्ष का कहना है कि, फिलहाल हम कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। कल रविवार को समाज से जुड़े भीम आर्मी और जयस के पदाधिकारी आएंगे। वे जैसा कहेंगे, उनके मार्गदर्शन अनुसार वैसा करेंगे।

पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रभावित है दलित समाज
दलित समाज के लोगों का कहना है कि हम पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रभावित हैं। अब नई पीढ़ी के बच्चे पंडित मिश्रा से प्रभावित होकर भगवान शिव की आराधना करते हैं। महाशिवरात्रि पर उनकी इच्छा थी कि शिव मंदिर के भीतर जाकर शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाएंगे, लेकिन बंजारा समाज को दलित समाज की पूजा पर आपत्ति है। हमारी मांग है कि मंदिर के पुजारी पर एट्रोसिटी एक्ट में FIR दर्ज की जाए। मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने थाने का घेराव करने की चेतावनी भी दी।

सरकारी जमीन सरकारी फंड से बना है मंदिर
भराड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले बैलवाड़ी की आबादी एक हजार के करीब है। दलित (बलाई) समाज के लोगों का दावा है कि बलाई समाज की जमीन पर सरकारी फंड से मंदिर का निर्माण किया गया है। मंदिर सार्वजनिक है। इसके बावजूद दलित समाज को ही अंदर घुसने नहीं दिया जाता है। किसी बड़े त्योहार पर दलित समाज के लिए बाहर अलग से व्यवस्था की जाती है।

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