भोपालमध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश में इमरजेंसी सेवा से खिलवाड़: 108 एंबुलेंस के कॉल सेंटर पर हर महीने 60 हजार फेक कॉल

एक सिरफिरे के 7 माह में 10 हजार कॉल

भोपाल डेस्क :

फेक कॉल करते हैं, एंबुलेंस जाती है तो कोई नहीं मिलता, 4.25 लाख न्यूसेंस कॉल जनवरी से अब तक, महिला कर्मचारियों से बदसलूकी
108 इमरजेंसी कॉल सेंटर के कर्मचारी, खासकर महिलाएं न्यूसेंस कॉल से परेशान हैं। बीते 7 महीने में कॉल सेंटर पर 4 लाख 25 हजार 34 न्यूसेंस कॉल आ चुके हैं। यानी हर महीने औसतन 60 हजार से भी ज्यादा न्यूसेंस कॉल आ रहे हैं। कई कॉलर महिला कर्मचारियों के साथ ना सिर्फ अश्लील बातें करते हैं, बल्कि गाली-गलौज भी कर रहे हैं। एक सिरफिरा तो ऐसा है, जो 1 जनवरी से 31 जुलाई तक कॉल सेंटर पर 10,026 कॉल कर चुका है। न्यूसेंस कॉल कुल कॉल 63,32,374 का 6.71 प्रतिशत है।

48 घंटे के लिए नंबर होते हैं ब्लॉक: बार-बार न्यूसेंस कॉल करने वाले कॉलर के नंबर को कॉल सेंटर की ओर से ब्लॉक करने की सुविधा भी है, लेकिन यह नंबर अधिकतम 48 घंटे के लिए ही ब्लॉक होते हैं। इसके बाद इन्हें वापस अनब्लॉक कर दिया जाता है। इसके पीछे तर्क है कि हो सकता है कि बार-बार न्यूसेंस कॉल करने वाले व्यक्ति के साथ कभी इमरजेंसी हुई और उसने एंबुलेंस बुलाने के लिए कॉल किया तो नंबर ब्लॉक होने के कारण उसे सुविधा नहीं मिल पाएगी। यही वजह है कि नंबर अनब्लॉक होने का ये लोग फायदा उठा रहे हैं।

कुल कॉल के करीब 6.71 प्रतिशत कॉल सिर्फ परेशान करने वाले
जरूरतमंदों की जान डाल रहे जोखिम में

कॉल सेंटर के कर्मचारियों के मुताबिक कई बार देखने में आता है कि कॉलर हादसे की सूचना देकर एंबुलेंस बुलाता है। एंबुलेंस बताई गई लोकेशन पर पहुंचती है तो पता चलता है कि वहां कोई हादसा नहीं हुआ है। जब कॉलर को कॉलबैक करो तो मोबाइल स्विच ऑफ कर लेते हैं। ऐसा करना इसलिए भी गलत है क्योंकि एंबुलेंस जब प्रैंक कॉल की लोकेशन पर गई है, उसी वक्त किसी वास्तविक जरूरतमंद की जान जोखिम में पड़ सकती है।

एक कॉल से 10 सेकंड बिजी लाइन
जब कॉल सेंटर पर कोई कॉल आता है तो कॉलर उससे जानकारी लेने के लिए बात करता है। न्यूसेंस कॉलर सही जानकारी नहीं देता, बदसलूकी करता है तो कॉलर समझ आने पर कॉल काट देता है। ऐसे में एक न्यूसेंस कॉल औसतन 10 सेकंड लाइन बिजी रखता है। कॉल सेंटर 110 सीटर है। न्यूसेंस कॉल के कारण कई बार वास्तविक जरूरतमंदों को लाइन बिजी रहने पर सुविधा मिलने के लिए इंतजार करना पड़ता है।

सुबह की शिफ्ट में ज्यादा आते हैं इस तरह के फोन
कॉल सेंटर के स्टाफ की मानें तो अधिकांश न्यूसेंस कॉल सुबह की शिफ्ट में ही आते हैं। इसकी वजह पूछी तो पता चला कि सुबह की पारी में अधिकतर महिला स्टाफ ही ड्यूटी पर होता है। यही वजह है कि न्यूसेंस कॉल करने वाले लोग सुबह कॉल लगाकर महिला स्टाफ से बदसलूकी करते हैं।

108 कॉल सेंटर इमरजेंसी सेवा है। बेवजह लाइन व्यस्त रखने से कई बार जरूरतमंदों को सुविधा मिलने में देरी होती है। इससे किसी की जान पर बन सकती है। हमने ऐसे कॉलर्स की जानकारी एकत्रित की है। इनकी पुलिस से शिकायत कर रहे हैं। -तरुण सिंह परिहार, सीनियर मैनेजर, 108 एंबुलेंस

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!