रायपुर

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स से मिल रही 12 तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं, प्रदेश भर में 4539 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स संचालित

ई-संजीवनी टेली-मेडिसीन सेवा के माध्यम से 4.43 लाख मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की परामर्श सुविधा उपलब्ध कराई गई

रायपुर डेस्क :

स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतरता और इसे अधिक सुगम बनाने के लिए प्रदेश भर में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। लोगों तक सार्वभौमिक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए इन सेंटर्स में 2667 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) भी नियुक्त किए गए हैं। इन केंद्रों में प्रसव पूर्व देखभाल व प्रसव, नवजात शिशु स्वास्थ्य एवं टीकाकरण, परिवार नियोजन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं संचारी रोग व गैर-संचारी रोग स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, मानसिक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, सामान्य रोगों के लिए बाह्य रोगी देखभाल एवं प्रबंधन, आंख-नाक-कान-गला संबंधी सामान्य देखभाल, मुख स्वास्थ्य संबंधी देखभाल, वयोवृद्ध स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं तथा आपातकालीन चिकित्सा सुविधा जैसी 12 तरह की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। लोगों को सेहत के प्रति जागरूक करने के लिए इन केंद्रों के माध्यम से योग एवं वेलनेस की गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं।

स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक एवं हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर्स के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुरेंद्र पामभोई ने बताया कि प्रदेश के हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स में टेली-मेडिसीन के माध्यम से चिकित्सकों द्वारा मरीजों को विशेषज्ञ स्तर की सलाह व परामर्श प्रदान की की जा रही है। ई-संजीवनी टेली-मेडिसीन सेवा के माध्यम से अब तक कुल चार लाख 43 हजार मरीजों को  प्राथमिक स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की परामर्श सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि 6 जून 2022 से 11 जून 2022 तक प्रदेश के सभी जिलो में टेली-मेडीसिन सप्ताह का आयोजन कर एक लाख 63 हजार 244 टेली-कंसल्टेशन किया गया। इसमें 3680 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स ने अपनी सहभागिता दी थी। भारत सरकार के नीति आयोग ने भी इसको सराहा था। वर्ष 2021 में कोण्डागांव जिले के खल्लारी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की टीम को सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल दिवस पर उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए सम्मानित किया जा चुका है। 

डॉ. पामभोई ने बताया कि कोरोना महामारी काल में भी गंभीर एवं गैर-संक्रामक रोग से ग्रसित मरीजों एवं गर्भवती महिलाओं को घर पहुंचकर दवाईयां हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के माध्यम से प्रदान की गईं। इस दौरान डायबिटीज (मधुमेह) के कुल एक लाख 99 हजार 345, उच्च रक्तचाप के एक लाख 33 हजार 452, टी.बी. के 6245 और कुष्ठ के 2845 मरीजों को दवाईयां मुहैया कराई गईं। एक लाख 96 हजार 235 गर्भवती महिलाओं को भी इस दौरान दवाईयां वितरित की गईं।

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में रहने वाले 30 साल से अधिक उम्र के लोगों के रक्तचाप, डायबिटीज व कैंसर जैसी बीमारियों की निःशुल्क जांच की जाती है। इनके मरीजों को जरूरत के अनुसार निःशुल्क दवा और परामर्श भी दिया जाता है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में उपचार के साथ-साथ लोगों को स्वस्थ जीवन-शैली के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

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