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सराफा व्यापारी के लाखों के जेवर उड़ाकर फरार हुआ, बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़ा: इस हिस्ट्रीशीटर के गांव में घुसने से डरती है पुलिस, दो स्टेट को थी तलाश

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नाम- छगन लाल तंवर। उम्र 34 साल। पता- राजस्थान का भालता थाना क्षेत्र का तौलखेड़ा गांव। काम लूट, चोरी और डकैती। 34 साल के इस शातिर चोर की तलाश दो स्टेट की पुलिस को थी। 9 साल की उम्र में जुर्म की दुनिया में कदम रखा और लूट का इसे ऐसा चस्का लगा कि अब उम्र से ज्यादा केस इसके नाम दर्ज हैं। अब तक यह 35 से ज्यादा वारदातें कर चुका है।

मई महीने में राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में सराफा व्यापारी के लाखों के जेवर उड़ाकर फरार हुआ, यह बदमाश बड़ी मुश्किल से पुलिस के हत्थे चढ़ा है। पुलिस ने 7 किमी तक इसका पीछा किया और पकड़ा। यदि यह अपने गांव में घुस जाता तो फिर इसे पकड़ना नामुकिन सा हो जाता, क्योंकि पुलिस के गांव में घुसते ही उन पर ग्रामीण पत्थर बरसाना शुरू कर देते हैं। यही कारण है कि स्थानीय पुलिस भी गांव में घुसने से डरती है।

गिरफ्त में आए चोर ने यह भी खुलासा किया कि ज्वेलर्स के अलावा उसने जीरापुर के तिरुपति बालाजी मंदिर में चांदी के बर्तन और सिंहासन की भी चोरी की थी। पुलिस ने मास्टर माइंड छगन समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, गैंग के तीन सदस्य अभी फरार हैं। चारों के कब्जे से 30 किलो चांदी के जेवर बरामद कर लिए हैं। पुलिस के अनुसार मास्टरमाइंड छगन तंवर के खिलाफ मध्यप्रदेश और राजस्थान के पांच जिलों के थाने में 35 से अधिक चोरी, लूट, डकैती समेत अन्य अपराध दर्ज हैं।

ज्वेलरी शॉप में घुसा और सीसीटीवी में कैद हो गया

पुलिस के मुताबिक, राजगढ़ जिले के जीरापुर में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में 15 और 16 मई की दरम्यानी रात और खिलचीपुर के ब्रज मोहन सर्राफ की ज्वेलरी की दुकान में 18 और 19 मई की दरम्यानी रात को लगातार दो बड़ी चोरियां हुईं। एक के बाद एक दो बड़ी चोरियों ने पुलिस की रातों की नींद हराम कर दी। एसपी ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल मामले में एक स्पेशल टीम का गठन किया गया।

टीम ने जांच काे आगे बढ़ाते हुए घटना स्थल से लेकर आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू किया। सर्राफा व्यापारी की दुकान के भीतर लगे सीसीटीवी की डीवीआर तो गायब मिली, लेकिन बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में एक संदिग्ध नजर आया। पुलिस ने सामने वाली दुकान के साइड वाले कैमरे के फुटेज देखे तो कुछ नकाबपोश बदमाश नजर आए, जो दुकान की खिड़की से भीतर दाखिल होते दिखे।

पुलिस को फुटेज से यह तो पता चला गया कि चोरों का हुलिया कैसा है। तत्काल फुटेज देखकर अपने मुखबिरों को एक्टिव कर दिया गया। करीब 15 दिन बाद मुखबिर ने चोर का एक क्लू दिया। उसने बताया कि हुलिए से चोर छगन तंवर जैसा लग रहा है। उसने बताया कि छगन राजस्थान के तौलखेड़ा गांव का रहने वाला है। पुलिस को पहले तो इस पर यकीन नहीं हुआ, लेकिन जब उसकी फोटो से मिलान किया तो पता चला कि छगन शातिर चोर है। इसके बाद पुलिस ने उसे अपनी गिरफ्त में लेने के लिए टीम को तैयार किया।

पुलिस ने छगन को पकड़ने के लिए मुखबिरों से उसकी लोकेशन पता करने को कहा। 19 जून को पुलिस को पता चला कि जिस छगन की उसे तलाश है, वह अपने कुछ साथियों के साथ माचलपुर रोड से गुजरते हुए दिखा है। राजस्थान का यह चोर राजगढ़ जिले में है। इसका पता चलते ही एसडीओपी आनंद राय ने अपने अनुभाग की तीन टीमों को आरोपी को पकड़ने भेजा। पुलिस की गाड़ी को देखते ही छगन ने कार की स्पीड बढ़ा दी। पुलिस की एक टीम उसके पीछे और दो टीमों दूसरे रास्ते से उसे घेरने में जुट गईं। माचलपुर रोड पर ही छगन की घेराबंदी कर दी गई। भागने का रास्ता नहीं मिला तो मजबूर होकर उसे पुलिस की गिरफ्त में आना पड़ा।

बताया कैसे दिया वारदात को अंजाम

पुलिस उसे थाने लेकर आई और चोरियों के बारे में पूछताछ की। पहले तो वह अंजान बनता रहा, बाद में सख्ती दिखाई तो वह टूट गया। उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए अपने साथियों के नामों का भी खुलासा कर दिया। छगन तंवर( 34) ने बताया कि उसने अपने साथी गोवर्धन तंवर (27), सुरेश तंवर (24), दरियाव तंवर (25), बाल मुकुन तंवर (27), बाबू तंवर (25) के साथ मिलकर दोनों जगहों पर लाखों के जेवर चोरी किए हैं। चोरी का माल साथी हेमंत घाटिया ने खपाया था। हेमंत ने बताया कि पचोर के अरुण शिंदे से इन्हें पिघलवाकर उसने बाजार में इन्हें बेच दिया था। छगन के बताए अनुसार पुलिस ने जीरापुर और खिलचीपुर में चोरी करने के मामले में छगन तंवर, गोवर्धन तंवर, सुरेश तंवर, हेमंत घाटिया बकानी कस्बे के साथ ही पचोर के अरुण शिंदे पर केस दर्ज कर पांचों को गिरफ्तार कर लिया। चोरी में सहयोग करने वाले इनके तीन साथी बाबू तंवर, बाल मुकुंद तंवर और दरियाव तंवर अभी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं।

गिरोह के मास्टरमाइंड पर उम्र से ज्यादा केस दर्ज

खिलचीपुर के थाना प्रभारी प्रभात गौड़ ने बताया कि राजस्थान के झालावाड़ जिले के भालता थाना क्षेत्र के तौलखेड़ा गांव में रहने वाला छगन तंवर एक अंतरराज्यीय बदमाश है। राजस्थान के साथ ही मध्यप्रदेश के थानों में भी इसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं। राजस्थान के कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ और मप्र के राजगढ़ जिलों में इनके खिलाफ 35 अपराध दर्ज हैं। चोरी के मामले में इसे दो राज्यों के थानों की पुलिस तलाश रही थी।

राजगढ़ के अकेले खिलचीपुर थाने में ही इसके खिलाफ चोरी के चार अपराध दर्ज हैं। आरोपी शातिर चोर है। जब हमारी टीम इसे पकड़ने के लिए गई तो इसे पता चल गया। हमने पीछा किया तो इसने तेजगति से अपनी कार को दौड़ा दिया। पुलिस टीम की गाड़ियां करीब 7 किलोमीटर तक इसके पीछे दौड़ती रहीं। बड़ी मुश्किल से इसे घेरा जा सका। इसने चोरी के लिए अपनी एक पूरी गैंग तैयार कर रखी है। आरोपी ने राजस्थान के जयपुर तक चोरी की वारदात को अंजाम दिया है। मकान-दुकान के ताले तो यह चटकाता ही है।

मौका मिल जाए तो बाइक, ट्रैक्टर, पिकअप समेत जो वाहन हाथ लग जाए, उड़ा देता है। चोरी के बाद वाहन मालिक से टीम के जरिए संपर्क करता है और फिर वाहन के बदले फिरौती मांगता है। फिरौती मिलते ही उन्हें उनके वाहन वापस दे देता था। फिरौती नहीं मिलने पर इन्हें औने-पौने दामों में बेच देता है। बदमाश राजस्थान के जिस तौलखेड़ा गांव का रहने वाला है। वह बहुत ही खतरनाक है। यहां रहने वालों ने इस तरह से दहशत फैला रखी है कि पुलिस भी घुसने के पहले सोचती है। लोकल पुलिस भी यहां दबिश नहीं दे पाती है। इसका कारण यह है कि यदि पुलिस टीम गांव में घुसती है तो ये लोग पथराव कर देते हैं। इसलिए हमारी कोशिश थी कि आरोपी को हम उसके गांव में घुसने के पहले दबोच लें।

छगन और हेमंत में गहरी दोस्ती

पुलिस के अनुसार पड़ताल में पता चला है कि छगन तंवर और राजस्थान जिले के झालावाड़ के बकानी गांव का रहने वाला हेमंत घाटिया अच्छे दोस्त हैं। छगन के गांव से हेमंत का बकानी कस्बा 7 किमी की दूरी पर है। बकानी में जरूरत का सभी सामान मिलता है। यहीं पर हेमंत किराना दुकान संचालित करता है। छगन हेमंत के दुकान से ही किराना का सामान लिया करता था। यही कारण रहा कि धीरे-धीरे इनके बीच गहरी दोस्ती हो गई। राजगढ़ भी इनके गांव से 80 किमी दूर है, इसलिए किसी ना किसी काम से इनका यहां आना जाना लगा रहता था। छगन ने मई महीने जब माचलपुर और खिचलीपुर में चोरी की प्लानिंग की तो इसमें हेमंत को भी शामिल था। उसने चोरी के लिए हेमंत की ही कार का इस्तेमाल किया। वह बकानी गांव से हेमंत की कार से अपनी टीम के साथ 50 किमी दूर माचलपुर पहुंचा और ज्वेलर के यहां चोरी की। चोरी का माल लेकर वह सीधे हेमंत के पास पहुंचाया था। हेमंत ने माल को ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी संभाली। उसने पचोर के अरुण शिंदे से इस ज्वेलरी को गलवाया और फिर उसे अलग-अलग तरीके से ठिकाने लगा दिया।

9 साल की उम्र में की पहली चोरी

पुलिस के अनुसार चोरी का मास्टरमाइंड छगन तंवर का परिवार राजस्थान के भालता थाना क्षेत्र के तौलखेड़ा गांव में रहता है। पिता भंवर लाल तंवर के पास 5 बीघा जमीन है, जिस पर वह खेती करते हैं। उनके 6 बेटे हैं। इसमें छगन तंवर अपराधी प्रवृत्ति का है। 32 साल के छगन ने 9 साल की उम्र में ही जुर्म की दुनिया में कदम रख दिया था। पहली चोरी उसने मप्र के राजगढ़ जिले के माचलपुर थाना क्षेत्र में 1999 में की थी। तब वह एक चोर गिरोह के साथ यहां पहुंचा था। इसके बाद वह जैसे-जैसे बड़ा हुआ, चोरी की वारदात को लेकर थानों में उसके नाम की लिस्ट बढ़ती गई। उसने मप्र और राजस्थान के कुछ जिलों को अपने निशाने पर ले लिया। उसने दोनों राज्यों में अपना नेटवर्क बढ़ाया और लोकल साथियों की मदद से लूट और चोरी जैसी वारदात को अंजाम देने लगा। छगन के मप्र में पकड़े जाने की सूचना मिलते ही राजस्थान पुलिस उसे लेने के लिए 19 जून को खिलचीपुर थाने पहुंची थी। हालांकि उसके जेल जाने के कारण उसे खाली हाथ लौटना पड़ा।

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