मध्यप्रदेश में सोयाबीन की एमएसपी का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा: शिवराज ने सुबह कहा- सरकार डिमांड करेगी तो अनुमति देंगे, कैबिनेट में हो गया फैसला

भोपाल डेस्क :
एमपी के किसान सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। कांग्रेस उनके समर्थन में जिलों में किसान सम्मेलन कर रही है। अलग-अलग किसान संगठन जिलों से लेकर गांवों तक प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच डॉ. मोहन सरकार ने सोयाबीन का न्यूतनत समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4800 रुपए प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। उधर, कांग्रेस ने मंदसौर से किसान न्याय यात्रा शुरू कर दी।
शिवराज ने कहा- एमपी डिमांड करेगा तो परमिशन देंगे
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज (मंगलवार) सुबह भोपाल में कहा कि एमपी सरकार जैसी डिमांड करेगी, वैसे ही केंद्र सरकार सोयाबीन की खरीदी कराएगी। नरेंद्र मोदी किसान हितैषी प्रधानमंत्री हैं। सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4 हजार 994 रुपए प्रति क्विंटल तय है। हमारी प्रतिबद्धता है कि किसानों का सोयाबीन एमएसपी पर खरीदेंगे। शिवराज के इस बयान के 5 घंटे बाद हुई डॉ. मोहन कैबिनेट की मीटिंग में सोयाबीन के दाम 4800 रुपए करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने की मंजूरी दी गई।
एमपी में जल्द फैसला होगा, हमारे अधिकारी संपर्क में
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज ने कहा, हम एमपी सरकार के संपर्क में हैं। अभी सोयाबीन की फसल आने में थोड़ी देर है। हमारी दो योजनाएं खरीदी की हैं, उनमें से किसी भी योजना के अंतर्गत एमपी सरकार मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर सोयाबीन खरीदने की तैयारी करेगी तो हम तत्काल अनुमति देंगे। प्रदेश सरकार से हमारे अधिकारी संपर्क में हैं, जल्द ही फैसला होगा।

एमपी में मूंग खरीदी लगभग पूरी हो चुकी है
मूंग खरीदी को लेकर शिवराज ने कहा- मूंग की खरीदी तो केंद्र सरकार ने एमपी में भी की है। जिन राज्यों ने खरीदी की मांग की है पीएसएस योजना के अंतर्गत मूंग की खरीदी की अनुमति भी केंद्र सरकार ने एमपी में दी थी और मैं समझता हूं कि मूंग की खरीदी लगभग पूरी हो चुकी है।

कांग्रेस ने मंदसौर से शुरू की किसान न्याय यात्रा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मंगलवार को मंदसौर जिले के गरोठ में देवरिया गांव के कमलेश पाटीदार के खेत पर पहुंचकर उसने मुलाकात की और उन्हें किसानों की लड़ाई में साथ रहने का भरोसा दिलाया।
उन्होंने किसानों से कहा कि आज हम आपके खेत से ही किसान न्याय यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसते हुए कहा कि 20 सालों तक शिवराज सिंह ने किसानों की आय दोगुनी करने के वादे किए, लेकिन अब केंद्र में जाकर झूठ बोल रहे हैं कि हम हर किसान को आत्मनिर्भर बनाएंगे।
अब शिवराज सिंह ने देश के साथ झूठ बोलना शुरू कर दिया है। पटवारी ने कहा कि आज मेरे प्रदेश का किसान आत्महत्या कर रहा है और कमलेश पाटीदार अपनी फसल की बलि चढ़ा कर शहादत दे रहे हैं। जीतू पटवारी अपने तय समय से 3:30 घंटे देरी से यहां पहुंचे थे। इसके बाद वह साठखेडा मैं ट्रैक्टर रैली निकालकर आम सभा को संबोधित करने पहुंचे।
नेता प्रतिपक्ष बोले- शिवराज मांग के इंतजार में क्यों बैठे हैं
शिवराज के बयान पर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने पलटवार किया। सिंघार ने कहा- शिवराज जी के कहने और करने में फर्क है। क्या शिवराज जी का गृह राज्य एमपी नहीं है। जब आप दूसरे राज्यों में सोयाबीन की खरीदी करा सकते हैं तो आपको सबसे पहले एमपी से शुरू करानी चाहिए थी।
सिंघार ने कहा- क्या मुख्यमंत्री कांग्रेस का है? आपके मुख्यमंत्री हैं। आप ऐसा जवाब दे रहे हैं कि हमें एमपी के मुख्यमंत्री जब कहेंगे तब करेंगे। क्या आपका अधिकार नहीं हैं? क्या आप मुख्यमंत्री जी को निर्देशित नहीं कर सकते, आपके प्रधानमंत्री निर्देशित नहीं कर सकते कि सोयाबीन की खरीदी की जाए? यहां के किसानों के साथ छल किया जा रहा है। शिवराज खुद को किसान नेता मानते हैं। इतने साल मुख्यमंत्री रहे किसानों का आंदोलन कुचलने की बात कही जा रही है।

अब जानिए कि किसान आंदोलित क्यों हैं
दरअसल, पिछले कई सालों से सोयाबीन का बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा होता था। ऐसे में किसान मंडी में व्यापारियों को जब सोयाबीन बेचते थे उन्हें अच्छे दाम मिलते थे, लेकिन इस बार सोयाबीन की फसल आने से पहले ही मंडियों में भाव बहुत कम हैं। ऐसे में किसानों को मंडियों में 3 हजार से 4 हजार के बीच ही सोयाबीन के दाम मिल पा रहे हैं।
भावांतर योजना का पैसा मिलना हुआ बंद
धार जिले के किसान राजू पाटीदार कहते हैं कि शिवराज सरकार ने समर्थन मूल्य और व्यापारी द्वारा खरीदे गए रेट के बीच के अंतर की राशि किसान के खाते में सीधे देने के लिए भावांतर योजना शुरू की थी, लेकिन पिछले कई सालों से भावांतर योजना का पैसा नहीं मिल रहा है।



