मध्यप्रदेश

15 दिन पहले ही हुई थी शादी, प्रेमी के साथ मिलकर पति का गला रेता: भोपाल से खंडवा भागे, खरगोन के जंगल से गिरफ्तार

भोपाल डेस्क :

भोपाल में 26 जुलाई को होटल में काम करने वाले हलवाई की हत्या के आरोप में पत्नी, उसके प्रेमी और प्रेमी के चचेरे भाई को खरगोन से गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने खंडवा से भोपाल आकर हत्या की और रात में ही वापस लौट गए।

26 जुलाई की रात बागसेवनिया में मानिक सिंह (35) का शव घर में संदिग्ध हालत में मिला था। पहले उसका गला घोंटा फिर रेत दिया। मानिक मूलत: राजस्थान के बीकानेर का रहने वाला था। 10 जुलाई को उसकी शादी भैरोपुर पुनासा जिला खंडवा निवासी आरती चौहान से शादी हुई थी।

वारदात के तीन दिन पहले यानी 22 जुलाई को आरती अपने मायके चली गई थी। पुलिस ने जब उसे बयान के लिए बुलाया तो उसने आने से मना कर दिया। इसके बाद पुलिस ने आरती के खिलाफ साक्ष्य जुटाना शुरू किए।

SI भोजराज सिंह के मुताबिक, जांच में पता चला कि घटना वाली रात आरती अपने प्रेमी राजा वर्मा और उसके चचेरे भाई रंजीत के साथ बाइक से खंडवा से भोपाल आई थी। पुलिस ने इस आधार पर उससे पूछताछ की तो वह गुमराह करने लगी। पुलिस को CCTV फुटेज मिले थे। इसमें वह बाइक पर दो साथियों के साथ आते-जाते दिखी थी। उन्होंने बाइक मानिक के घर से कुछ दूर खड़ी की और पैदल घर तक आए।

10 साल से प्रेमी के साथ रिलेशनशिप में थी

पुलिस ने सख्ती की तो आरती ने स्वीकार किया कि राजा वर्मा दूसरी जाति का है, इसलिए परिजन शादी के खिलाफ थे। उसकी छोटी बहन पूजा भोपाल में मानिक के भतीजे नरपत सिंह के साथ नमकीन बनाने का काम करती है। इस कारण आरती की मानिक से शादी करा दी गई। वह प्रेमी के साथ 26 जुलाई की रात भोपाल लौटी थी।

प्रेमी को देखकर पति ने पूछताछ की तो जवाब दिया कि वह उसे यह बताने आई है कि अब हम साथ नहीं रहेंगे। पति को यह भी बताया कि राजा और उसके बीच 10 साल से संबंध हैं। इस बात पर विवाद हुआ। उसने और उसके प्रेमी और प्रेमी के रिश्तेदार ने मिलकर पति का गला घोंटा। किचन से चाकू लाकर गला रेत दिया।

भोपाल से खंडवा भागे, वहां से खरगोन पहुंचे

पुलिस के मुताबिक, मानिक की हत्या के बाद तीनों आरोपी खंडवा गए थे। आरती के प्रेमी राजा के पिता मछली का कारोबार करते हैं। राजा भी इसी काम से जुड़ा हुआ है। राजा ने अपने घर पहुंचने के बाद करीब एक लाख रुपए चोरी से निकाल लिए थे। इसके बाद चचेरे भाई रंजीत (18) और प्रेमिका को लेकर खंडवा से भाग निकला।

तीनों आरोपी ने अलग-अलग स्थानों पर फरारी काटी। जब उन्हें लगा कि अब पुलिस उन तक नहीं पहुंचेगी, तो खंडवा फिर खरगोन चले गए। खरगोन में राजा और रंजीत के ताऊ रहते हैं। यहां राजा ने ताऊ को बताया कि वह आरती को भगाकर लाया है। उससे शादी कर ली है। उनकी जान को खतरा है, इसलिए यहीं रहना चाहता है।

खरगोन में छिपे होने की सूचना मिलने पर पुलिस की टीम वहां पहुंच गई। इसकी भनक आरोपियों को लगी तो वे भाग निकले।

 

जंगल में दो घंटे तक पीछा कर पकड़ा

आरोपियों को खरगोन के जंगल से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया है। तीनों जंगल के रास्ते पैदल भागने की फिराक में थे। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जंगल की पहाड़ियों पर अपने कुछ लोग तैनात कर दिए थे। यहां से आरोपियों की निगरानी की जा रही थी। वे किन रास्तों से भाग रहे हैं, इसकी जानकारी पुलिस को लगातार मिल रही थी।

करीब पौने दो घंटे में पुलिस ने आठ किलोमीटर तक आरोपियों का पीछा करके उन्हें पकड़ लिया। उन्हें भोपाल लाया गया। यहां पूछताछ में उन्होंने पूरी वारदात का खुलासा कर दिया। राजा ने पुलिस को बताया कि वह खरगोन में ही बसना चाहता था। उसका अनुमान था कि पुलिस यहां तक नहीं पहुंच सकेगी।

आरोपियों तक ऐसे पहुंची पुलिस

हत्याकांड के बाद पुलिस को सूचना मिली की 25-26 जुलाई की दरमियानी रात को आरती को मानिक सिंह के घर से निकलते देखा गया था। CCTV फुटेज खंगालने पर घर में जाते हुए दो संदिग्ध युवक भी नजर आए थे। आरती की कॉल डिटेल खंगालने पर खुलासा हुआ कि वह एक युवक से हर दिन 10-12 घंटे तक बात करती है। यहीं से पुलिस को पत्नी पर शक हो गया था।

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