विदिशा

आनंदपुर की प्यास नहीं बुझी, विधायक के पत्र भी बेअसर – जल संकट से जूझ रहे 6000 से अधिक ग्रामीण

आनंदपुर डेस्क :

कभी सिरोंज विधानसभा की राजनीति का गढ़ माना जाने वाला ग्राम आनंदपुर आज भीषण जल संकट से जूझ रहा है। इस गांव ने दो बार विधायक तक दिए हैं, लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि 6000 से अधिक की आबादी वाला यह गांव एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहा है।

गांव की 25 साल पुरानी जलापूर्ति पाइपलाइन जगह-जगह से फूटी पड़ी है, जिससे टंकियां पूरी नहीं भर पातीं और गांव को नियमित जल आपूर्ति नहीं मिल पा रही। हालात यह हैं कि नलों से चार से छह दिन में ही कभी-कभार पानी आता है और वह भी मात्र 30 से 40 मिनट के लिए।

ग्रामीणों का कहना है कि कोई समय तय नहीं है कि पानी कब मिलेगा – कभी रात 10 बजे तो कभी दोपहर 1 बजे नल चालू कर दिए जाते हैं। कई मोहल्लों में तो पाइपलाइन ही नहीं डाली गई है। ग्रामीणों को 2 से 3 किलोमीटर दूर कुओं से पानी लाना पड़ रहा है। सूरज सिंह अहिरवार और मथुरा लाल अहिरवार ने बताया कि उन्हें कर्रा पाइप से पानी खींचना पड़ता है, उसमें भी पर्याप्त पानी नहीं आता।

सड़कें भी खुदी, पैदल निकलना मुश्किल

नल-जल योजना के तहत जो पाइपलाइन सड़कें खोदकर डाली गई थी, वह कार्य अधूरा है। सड़कों की मरम्मत न होने से ग्रामीणों का पैदल निकलना मुश्किल हो गया है। बरसात करीब आने के कारण भारी कीचड़ और गंदगी की आशंका से ग्रामीण चिंतित हैं।

जिम्मेदारों की अनदेखी, विधायक के पत्र भी बेअसर

ग्राम पंचायत सरपंच शर्मा ने बताया कि पाइपलाइन की मरम्मत के लिए जिला पंचायत सीईओ को कई बार पत्र व एस्टीमेट भेजे गए हैं। कलेक्टर ने मरम्मत की राशि स्वीकृत कर दी है, फिर भी एक साल से फाइल सीईओ की टेबल पर पड़ी है। सीईओ बार-बार अगली कार्य योजना की बात कहकर जिम्मेदारी टालते आ रहे हैं।

सिरोंज विधायक उमाकांत शर्मा ने भी दो बार जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखकर इस गंभीर समस्या से अवगत कराया, लेकिन अधिकारियों पर विधायक के पत्र का भी कोई असर नहीं हो रहा है।

तीन टंकियां, फिर भी जल संकट

ग्राम पंचायत में 1400 से अधिक जल कनेक्शन हैं, तीन बड़ी पानी की टंकियां भी बनी हैं, जिन पर नल जल योजना के तहत डेढ़ करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है। इसके बावजूद एक टंकी आज तक चालू नहीं हो सकी। बाकी टंकियों में भी पाइपलाइन की खराबी के कारण नियमित जल आपूर्ति नहीं हो पा रही।

भीषण गर्मी में महिलाएं और बच्चे दो से तीन किलोमीटर दूर से सिर पर पानी ढोकर ला रहे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि पाइपलाइन की मरम्मत कार्य में तत्काल प्रभाव से तेजी लाई जाए, ताकि आने वाली बरसात से पहले गांव को जल संकट से राहत मिल सके।

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