मध्यप्रदेश

प्रदेश में 10 अगस्त से पहले होगी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया: हजारों अतिथि शिक्षको पर संकट के बादल

भोपाल डेस्क :

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया 10 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी। विभाग द्वारा इस बार में तैयारी शुरू कर दी गई है। गुरुवार को इस बारे में निर्देश जारी किए जा सकते हैं। विभाग द्वारा तय किए गए एक प्रावधान और दो अन्य कारणों से नियुक्ति में तीन बड़ी अड़चन भी आ सकती हैं। पहली यह कि विषय और कक्षा में 30% रिजल्ट वालों को दोबारा नहीं रखने की शर्त पहले ही तय कर दी गई थी।

दूसरी यह है कि विभाग में इन दिनों उच्च पद के प्रभार की प्रक्रिया चल रही है। इसमें करीब 20000 से ज्यादा शिक्षक इधर से उधर होंगे। तीसरी वजह यह है कि जब तबादले शुरू होंगे तब भी ट्रांसफर होकर शिक्षक दूसरे स्कूलों में पदस्थ होंगे। इन तीनों वजह से लगभग 20000 अतिथि शिक्षक प्रभावित हो सकते हैं। पहले से ही यह प्रावधान तय है कि किसी भी स्कूल में नियमित शिक्षक के पदस्थ होते ही उस पद पर कार्यरत अतिथि शिक्षक अपने आप बाहर हो जाते हैं। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक अभी प्रदेश में पिछले सत्र तक 72500 अतिथि शिक्षक थे। 30% रिजल्ट के दायरे के कारण 13000 से ज्यादा पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

नियुक्ति को लेकर अतिथि शिक्षकों के ये तर्क

  • जिन अतिथि शिक्षकों के परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से कम हैं । उनका सेवाकाल भी देखा जाए। 40% से ज्यादा अतिथि शिक्षकों ने तीन या चार महीने ही पढ़ाया है। स्थाई शिक्षकों और अतिथि शिक्षकों के परीक्षा परिणाम की समीक्षा हो। उसके बाद ही कार्रवाई की जाए। तब तक नियुक्ति मिले
  • अतिथि शिक्षकों को 6 माह तक मानदेय नहीं मिलता । अभी भी दो माह से भुगतान नहीं हुआ। ऐसी स्थिति में 50 किलो मीटर दूर जाकर अध्यापन करवाना बहुत मुश्किल होता है। परिवार के भरण पोषण की चिंता हमेशा बनी रहती है।
  • 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले अतिथि शिक्षकों को आगामी सत्र में अवसर देना चाहिए। स्थाई शिक्षकों की भांति उनको विषयवार प्रशिक्षण देना चाहिए। यदि अगले सत्र में भी सुधार नहीं हो तो कार्यमुक्त कर सकते हैं।

फायदा भी होगा: अतिथि शिक्षकों को एक फायदा भी होगा। दरअसल उच्च पद के प्रभार से शिक्षकों के जो पद खाली होंगे उन पदों पर अतिथि शिक्षक रखे जाएंगे। माध्यमिक शिक्षक के पद पर पदस्थ लगभग 5000 शिक्षकों को उच्च माध्यमिक शिक्षक पद का उच्च प्रभार मिलेगा। इस कारण यह 5000 पद खाली होंगे।

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